ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: जानें मनुष्य का ग्रहों से संबंध
ज्योतिष में मनुष्य के शरीर में गृह का संबंध क्या है इस विषय को लेकर पराशर ऋषि ने फल दीपिका नामक ग्रंथ में बताया है मनुष्य का ग्रहों से संबंध होता हैं।
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान का विषय है, ज्योतिष में मनुष्य के शरीर में गृह का संबंध क्या है।
ज्योतिष में मनुष्य के शरीर में गृह का संबंध क्या है इस विषय को लेकर पराशर ऋषि ने फल दीपिका नामक ग्रंथ में बताया है मनुष्य का ग्रहों से संबंध होता हैं।
मनुष्य का ग्रहों से संबंध...
- जब मनुष्य के ऊपर सूर्य गृह का प्रभाव होता है तो उसकी आकृति चौकोर, भुजाएं विशाल होती है, वह अग्नि तत्व तीक्ष्ण बुद्धि वाला होता है।
- जब मनुष्य के ऊपर चंद्रमा का प्रभाव होता है, जो चंद्रमा जल तत्व का शीतल गृह है मनुष्य स्थूल शरीर वाला होता है।
- जब मनुष्य मंगल गृह से प्रभावित होता है तो मंगल अग्नि तत्व का तीक्ष्ण बुद्धि वाला सुडौल कद काठी का होता है।
- जब मनुष्य बुध ग्रह से प्रभावित होता है, तो बुध पृथ्वी तत्व स्थूल शीतल होता हैं। सभी में अपना प्रभाव मिला लेता बुद्धि ज्ञान में वृद्धि करता है।
- जब मनुष्य गुरु गृह से प्रभावित होता है, तो गुरु पुरुष जाती वायु तत्व से प्रभावित होता है मनुष्य में ज्ञान की वृद्धि होती है सेवा भाव उत्पन्न होता है।
- जब मनुष्य शुक्र ग्रह से प्रभावित होता है तो शुक्र स्त्री जाती कोमल स्वभाव विलासी प्रवृति का होता है कला संगीत का प्रेमी होता है राज सुख भोगता है।
- जब मनुष्य शनि ग्रह से प्रभावित होता है तो शनि ग्रह वायु तत्व तीक्ष्ण दृष्ट न्याय संगत काम करने वाले न्याय कार्य जजमेंट करता है दंड का अधिकारी होता है।
- ज्योतिष में राहू और केतु को गृह मंडल में नहीं माना जाता यह छाया ग्रह है यह जिसके साथ रहते है उन्हीं के प्रभाव का हरण कर लेते है अपने स्वभाव के अनुसार फल देते तथा दिलाते है।
ज्योतिष की गहन का सच
यह जानकारी गुरु कृपा से हमको मिली हमारा प्रयास है ज्योतिष की गहन जानकारी आप सभी लोगों को पहुंचाया जाये। समाज में ज्योतिष के नाम पर आडंबर दिखाया गया है उनको ज्योतिष का असली स्वरूप क्या है उसको छिपाया गया हैं। ज्योतिष का मनुष्य से संबंध उतना है जितना जीवन का भोजन से अगर मनुष्य अपने जीवन को तत्वों को जानकर उसके आधार के अनुसार भोजन करता तो कभी बीमार नहीं होगा अगर होगा तो ठीक हो जाएगा। चरक ऋषि ने कहा अगर मनुष्य क्या खाए, कब खाए, क्यों खाए, जान कर खाता है तो कभी रोगी नहीं होगा। अगर मनुष्य क्या करें, क्यों करें, कब करें, कैसे करें तो कभी गरीब नहीं होगा।