कैलाश गहलोत के फैसले से केजरीवाल को लगा झटका, बीजेपी में हुए शामिल
उन्होंने 'शीशमहल' मुद्दे सहित शर्मनाक विवादों की ओर भी इशारा किया, जिसने पार्टी में जनता के विश्वास को खत्म कर दिया है।
Kailash Gahlot Join BJP: आप पार्टी के परिवहन मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत के फैसले से आप सरकार और अरविंद केजरीवाल को एक के बाद एक झटका लग रहा हैं। वहीं आप पार्टी से और परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके कैलाश गहलोत ने अपने राजनीतिक यात्रा के नए पड़ाव की शुरुआत करते हुए भारतीय जनका पार्टी का हाथ थाम लिया हैं।
कैलाश ने थामा भाजपा का हाथ
जैसा कि आप सभी जानते है कि बीते दिन आप पार्टी के परिवहन मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत ने पार्टी के साथ पद से इस्तीफा देते हुए पत्र सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर दिया। इसके साथ ही आप पार्टी के कई राजनीति का भी खुलासा किया। आपको बतादे कि आप पार्टी को त्यागने के बाद अगले दिन सोमवार यानी की आज दिल्ली में कैलाश गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। वहीं कैलाश गहलोत के अरविंद केजरीवाल से टूटने का एक संदेश यह भी गया है कि आम आदमी पार्टी में भारी भ्रष्टाचार है। इससे दिल्ली विधानसभा चुनाव के ठीक पहले इसे केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
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बताते चले कि कैलाश गहलोत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। बीजेपी में शामिल होने के बाद गहलोत ने कहा- 'मैं दिल्ली की जनता की सेवा के उद्देश्य से AAP में शामिल हुआ था। जिन मूल्यों के लिए हम आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे, मेरी आंखों के सामने उनसे पूरी तरह समझौता किया जा रहा था। ये मेरे शब्द हो सकते हैं लेकिन मैं गारंटी देता हूं कि इन शब्दों के पीछे लाखों-हजारों आप कार्यकर्ताओं की आवाज है। वो आम आदमी की सेवा के लिए शामिल हुए थे, वो अब 'आम आदमी' से 'खास' बन गए हैं।' ऐसे में बड़ा प्रश्न यह उठता हैकैलाश गहलोत भाजपा को क्या दे सकेंगे? दिल्ली सरकार में वे एक मजबूत मंत्री थे, ऐसे में खुद उन्हें भाजपा में क्या मिल सकेगा?
बीजेपी ज्वाइन होने की गहलोत ने बताई वजह
वहीं बीजेपी जॉइन करते हुए कैलाश गहलोत ने कहा- वे किसी के दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं। उन्होंने दबाव में कभी कोई काम नहीं किया। ईडी के दबाव में आकर पार्टी बदलने की बात करके एक नैरेटिव खड़ा करने का काम किया जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन मूल्यों के लिए उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन किया था, उसे समाप्त होते देख उन्होंने पार्टी में बदलाव का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि यह आवाज उनकी है, लेकिन पार्टी के अंदर हजारों कार्यकर्ता आज यही सोच रहे हैं। उनका इशारा स्पष्ट था कि आम आदमी पार्टी के अंदर ही लोग अरविंद केजरीवाल की कार्य प्रणाली से असंतुष्ट हैं। इसका असर आने वाले दिनों में दिखाई दे सकता है।
गहलोत ने आगे कहा- अपने पत्र में ही उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारणों का उल्लेख कर दिया है। वे मानते हैं कि लगातार केवल केंद्र सरकार से टकराव करके दिल्ली की सेवा नहीं की जा सकती। उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, वे उसे निभाने के लिए तैयार रहेंगे।
इस्तीफे के दौरान आप पार्टी सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके कैलाश गहलोत ने दिल्ली के लोगों की सेवा करने के मौके के लिए आम आदमी पार्टी के प्रति आभार व्यक्त किया, लेकिन यमुना नदी की सफाई जैसे प्रमुख वादों को पूरा करने में AAP की विफलता को उजागर किया। उन्होंने 'शीशमहल' मुद्दे सहित शर्मनाक विवादों की ओर भी इशारा किया, जिसने पार्टी में जनता के विश्वास को खत्म कर दिया है। उन्होंने पार्टी के भीतर अंदरुनी लड़ाई की ओर भी इशारा किया।
केजरीवाल को लगा झटका- केंद्रीय मंत्री
वहीं कैलाश गहलोत के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा - कैलाश गहलोत का भाजपा में आना केजरीवाल के लिए बड़ी चोट है। उन्होंने कहा कि जो भी नेता अपनी पार्टी बदलता है, वह बहुत कुछ सोच समझकर ही पार्टी बदलता है। कैलाश गहलोत ने भी भाजपा और इसके केंद्रीय नेतृत्व की कार्यप्रणाली को देखकर ही भाजपा जॉइन किया होगा। वे दिल्ली की जनता के लिए अधिक प्रभावी हो सकेंगे। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा- कैलाश गहलोत दिल्ली के एक गांव के निवासी हैं। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि उनका अनुभव दिल्ली की जनता के विकास के लिए काम आएगा।