खतरनाक चांदीपुरा वायरस की कैसे करें पहचान, जानें लक्षण और खतरा
चांदीपुरा वायरस क्या है और इसके लक्षणों की पहचान कैसे करें? मगर इसके साथ यह भी जान ले कि ये वायरल किन लोगों के लिए घातक हो सकता हैं।
Chandipura Virus : देश के दो राज्य गुजरात और राजस्थान के कई इलाकों में चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए हैं। इस वायरस की कहर से बच्चों की मौत हो रही है। बतादें कि चांदीपुरा वायरस दिमागी बुखार से भी ज्यादा खतरनाक है और ये भी ब्रेन को ही डैमेज करता है। जिसके चलते मौत हो जाती हैं।
चांदीपुरा वायरस की पूरी जानकारी
तो आईये जानते हैं चांदीपुरा वायरस क्या है और इसके लक्षणों की पहचान कैसे करें? मगर इसके साथ यह भी जान ले कि ये वायरल किन लोगों के लिए घातक हो सकता हैं। तो बतादें कि एक्सपेर्ट ने बताया कि CHPV संक्रमण सैंडफ्लाइज़ नाम के मच्छर के काटने से होता है। इसकी चपेट में आने पर शुरू में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिलते है। इस संक्रमण की चपेट में आकर तेज बुखार (104 तक) हो सकता है, डायरिया, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसी परेशानी होती है।
चांदीपुरा वायरस का खतरा
इतना ही नहीं एक्सपर्ट्स बताते हैं कि चांदीपुरा वायरस काफी खतरनाक है। यह दिमाग को नुकसान करता है। अगर समय पर मरीज का इलाज न हो तो मौत भी हो सकती है। इस वायरस के ज्यादा केस बच्चों में आते हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात है कि चांदीपुरा वायरस से बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। जिसके चलते ये बेहत ही खतरनाक साबित हो रहा हैं। वहीं एक्सपर्ट्स की मानें तो इस वायरस दो राज्यों में केस आने के बाद अन्य राज्यों में भी इस बीमारी के मामले बढ़ने की आशंका है, ऐसे में एक्सपर्ट्स ने लोगों को बचाव करने की सलाह दी है।
चांदीपुरा क्यों है नाम
साल 1996 के दौरान महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव में 2 महीने से 15 साल तक के बच्चों की मौत होने लगी थी, इस वायरस की सबसे पहले नागपुर जिले के चांदीपुरा गांव में पहचान हुई थी। तब से इस वायरस को चांदीपुरा कहा जाता है। शुरुआत में इसके लक्षण फ्लू की तरह ही होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये वायरस ब्रेन को नुकसान पहुंचाने लगता है। जिससे मौत हो जाती है। चांदीपुरा से बचाव के लिए कोई वैक्सीन या फिर निर्धारित दवा नहीं है।
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यह वायरस वेक्टर-जनित है और माना जाता है कि इसका संचरण सैंडफ्लाइज़ फ़्लेबोटोमस पापाटासी के माध्यम से होता है। यह वायरस कुछ कीड़ों और मच्छरों में होता है। ये कीड़े अगर बच्चों को काटते हैं तो उससे संक्रमण होता है। हालांकि इसके संक्रमण के कुछ दूसरे कारण भी हो सकते हैं। पूरी दुनिया में सिर्फ भारत में ही इस वायरस के केस मिलते हैं।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण
- चांदीपुरा वायरस की वजह से बच्चों को अचानक तेज बुखार आ जाता है.
- दौरे पड़ना.
- उल्टी होना.
- बच्चों को कमजोरी महसूस होना.
- बुखार की वजह से बच्चों के दिमाग में सूजन आना.
- यह जानलेवा हो जाता है.
कैसे करें बचाव
- इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि आप मच्छरों और कीड़ों से बच्चों को बचाकर रखे।
- घर के आसपास सफाई रखे.
- जलभराव न होने दें.
- मच्छरों को पनपने न दें.
- बच्चों को पूरी बाजू़ के कपड़े पहनाएं.
- रात में सोते समय मच्छदानी का यूज करें.
- कीड़ों व मच्छरों से बचाकर रखें.