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Khel Ratna Award: राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को किया गया सम्मानित


राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में श्रीमती मुर्मु ने विभिन्न स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कारों से सम्मानित किया।


Khel Ratna Award 2024: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार यानी की आज राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद रहे। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में श्रीमती मुर्मु ने विभिन्न स्पर्धाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कारों से सम्मानित किया।

एथलीटों को मिला अवॉर्ड सम्मान

बताते चले कि भारत के कुछ एथलीटों को भारतीय खेल जगत से सबसे बड़े अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। जहां खेल जगत के कुछ प्रमुख खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। 

इसके साथ ही विश्व शतरंज चैंपियनशिप विजेता ग्रैंडमास्टर डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया, और पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली महिला निशानेबाज मनु भाकर सहित चार खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

जानें किसको मिला क्या अवॉर्ड

राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति ने शूटर मनु भाकर, चेस चैम्पियन डी गुकेश को ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड 2024 से नवाजा। मनु-गुकेश के अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत कौर और पैरा-एथलीट प्रवीण कुमार को भी खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इसी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

पेरिस ओलंपिक 2024 में दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर और टीनएज वर्ल्ड चेस चैंपियन डी गुकेश सहित चार भारतीय खिलाड़ियों को प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके अलावा पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को अवॉर्ड दिया गया।

2024 पेरिस ओलंपिक मेडल

मनु भाकर ने 2024 पेरिस ओलंपिक में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते थे, जिसमे एक मेडल उन्होंने सिंगल वुमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था। वहीं दूसरा मेडल मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में जीता था।

सबसे पहले शतरंज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके बाद ओलिंपिक में दो पदक जीतने वाली महिला निशानेबाज मनु भाकर, हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।

राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार

इसके अलावा राष्ट्रपति ने अन्नू रानी को एथलेटिक्स, स्वीटी को मुक्केबाजी, वंतिका अग्रवाल को शतरंज, सलीमा टेटे, अभिषेक संजय, जरमनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह को हॉकी में, राकेश कुमार को (पैरा-तीरंदाजी), प्रीति पाल (पैरा एथलेटिक्स)अजित सिंह, सचिन सरजेराव खिलारी (पैरा एथलेटिक्स) और धर्मबीर (पैरा एथलेटिक्स), प्रणव सूरमा (पैरा एथलेटिक्स), एच होकातो सेमा (पैरा एथलेटिक्स), सिमरन (पैरा एथलेटिक्स), नवदीप (पैरा एथलेटिक्स),नितेश कुमार (पैरा बैडमिंटन) को, थुलासिमाती मुरुगेसन (पैरा बैडमिंटन), नित्या श्री सुमाथी सिवान (पैरा बैडमिंटन), मनीषा रामदास (पैरा बैडमिंटन), कपिल परमार (पैरा जूडो) और मोना अग्रवाल (पैरा निशानेबाजी) को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया।

सुभाषा राणा (पैरा निशानेबाजी नियमित वर्ग), दीपाली देशपांडे (निशानेबाजी नियमित वर्ग), संदीप सांगवान (हॉकी नियमित वर्ग),एस मुरलीधरन (बैडमिंटन लाइफटाइम वर्ग) और अरमांडो एगनेलो कोलाको (फुटबॉल (लाइफटाइम वर्ग) के द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सुचा सिंह (एथलेटिक्स) और मुरलीकांत राजाराम पेटकर (पैरा तैराक) को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये अर्जुन पुरस्कार (लाइफटाइम) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (विजेता), लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (प्रथम उपविजेता), अमृतसर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी (द्वितीय उपविजेता) को मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

32 खिलाड़ियों को मिला सम्मान

इस बार 32 खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें से 17 पैरा एथलीट थे। अर्जुन पुरस्कार पाने वालों में पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान अमन सेहरावत, निशानेबाज स्वप्निल कुसाले, सरबजोत सिंह, और मेंस हॉकी टीम के सदस्य जरमनप्रीत सिंह, सुखजीत सिंह, संजय और अभिषेक शामिल थे।

 इन खिलाड़ियों की सफलता से यह साबित होता है कि भारतीय खेल जगत में लगातार सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इन खिलाड़ियों ने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और संघर्ष से देश को गर्व महसूस कराया है और उनकी उपलब्धियां न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम हैं, बल्कि भारतीय खेल संस्कृति की मजबूत नींव का भी प्रतीक हैं।

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