जानें मकर संक्रांति और लोहड़ी का शुभ मुहूर्त और उसका विशेष महत्व
मकर संक्रांति और लोहड़ी की हार्दिक बधाई। यह त्योहार पूरे भारते में मनाया जाता है साथ ही विभिन्न प्रातों में अलग-आलग तरह से इस त्योहार को मनाते है, कही खिचड़ी तो कही लोहड़ी तो कही और तरह से मानने की प्रथा है।
मकर संक्रांति और लोहड़ी: सभी को राम राम साथ ही मकर संक्रांति और लोहड़ी की हार्दिक बधाई। यह त्योहार पूरे भारते में मनाया जाता है साथ ही विभिन्न प्रातों में अलग-आलग तरह से इस त्योहार को मनाते है, कही खिचड़ी तो कही लोहड़ी तो कही और तरह से मानने की प्रथा है। वहीं पूर्वाचल में गुरु गोरखनाथ के द्वारा खिचड़ी चढ़ाना, खिचड़ी खाना, हातो है।
जानें मकर संक्रांति और लोहड़ी में क्यों होती है पूजा
वहीं यह भी कहा जाता है सूर्य जब दक्षिण से उत्तर में प्रवेश करते है उसे उत्तरायण कहा जाता है उस समय देवता का जागरण होता है सभी लोग खुशिया मनाते है साथ ही गंगा आदि पवित्र जल में स्नान करते सूर्य को अर्ध देकर पूजन करते है और गौ विप्रा साधु संत फकीर तथा डोम आदि को दान देने की इसमें प्रथा है। वहीं यह भी मान्यता है कि आज के दिन से विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि करना शुभ माना जाता है। वहीं पश्चिम में आज लोहड़ी मानते है अग्नि का पूजन करते है चिउड़ा, लईया, तील, रेवड़ी, मंगली आदि को अग्नि में हवन करके उसकी परिक्रमा करते है और नचाते गाते खुशी मनाते है।
जानें मकर संक्रांति और लोहड़ी का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति और लोहड़ी यह पर्व हर साल मनाया जाता है मगर इस वर्ष के अगर शुभ दिन और शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह पर्व 15 जनवरी के रात्रि 2 बजकर 17 मिनट पर जब सूर्य धनु राशि से मकर में प्रवेश करेगा तो उस दिन का सवेरा सोमवार होगा, जिसमें सूर्य नारायण का दर्शन पूजन से दिन का शुरुआत होगी इसके साथ ही सभी अन्न दाता और प्राण दाता सूर्य जो जगत की आत्मा है सभी जीव जंतु, पशु, पंछी, के प्राण दाता है।
इसलिए सभी लोगो को खुशियों भरा पर्व यह मानना चाहिए और सुर्य देव की पूजा करनी चाहिए। उससे हमारे जीवन में चारों तरफ से संपन्नता आती है हम ऊर्जा वान हो जाते है वैसे इस विषय पर लिखना प्रभु के कृर्पा से हो रहा है अपने हिसाब से जो कुछ है आप तक पहुंचा रहा हूं, अगर आप को अलग से जानकारी लेना हो तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य से 9415126330, 6386254344 संपर्क करें।
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी, जिसे लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है, इसकी सांस्कृतिक जड़ें गहरी हैं और यह खासकर भारत भर में सिखों और हिंदुओं के बीच मनाया जाता है। वहीं लोहड़ी का ऐतिहासिक महत्व भी है, क्योंकि यह फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है, जो सर्दियों की फसलों के पकने का प्रतीक है। इसके साथ ही लोहड़ी एक समय - सम्मानित परंपरा है जिसमें गर्मी-सर्दी के बीच हो रहे परिवर्तन का जश्न मानते है, इस त्योहार के बाद दिन बड़े और रातें छोटी हो जाती हैं। आपको बतादें कि लोहड़ी के दिन रात्रि में आग जलाई जाती है और लोग इसके चारों ओर इकट्ठा होते हैं और अग्नि में तिल, गुड़(गुड़ के उपाय), रेवड़ी, गजक और मूंगफली अर्पित करते हैं। जो बेहद शुभ माना जाता है, इसके साथ ही ढोल बजाकर इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं और एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाइयां देते हैं।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा और दान करने से जीवन में अपार सफलता मिलती है। प्राचीन समय से मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद दान किया जाता है। इस अवसर पर स्नान-दान करने से व्यक्ति के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। गंगा स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन कई चीजों का दान करने से सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है और सुख-शांति मिलती है।
मकर संक्रांति यह करें दान
काला तिल, सफेद तिल, मूंगफली, गाय का घी, दूध, दही, गुड़, नमक, अनाज, कंबल, गुड़, दक्षिणा, खिचड़ी आदि का दान देने का विशेष महत्व है।