जानें क्या हैं लव जिहाद और क्यों लड़कियां बन रही जिहादीयों का शिकार..
लव जिहाद आपको सुनने में एक आसान सा मात्र शब्द लग रह होगा कुछ लोग ऐसे होगें जिन्होंने ये शब्द सुना भी नहीं होगा ना इससे जुड़ी कोई जानकारी होगी
लव जिहाद: भारत जहां हर धर्म के लोग रहते है और सभी को धर्मों को सहसम्मान भी मिलता हैं। कह जाता है ना कि भारतीय संविधान ने धर्म को हमारे मौलिक अधिकारों में से एक माना है, और यहां के रहने वाले भारत के लोग इस धर्मनिरपेक्ष देश भी मानते में है मगर इस देश में रह रहे कुछ लोग ऐसे भी जो भारत की एकता को धुमिल कर रहे हैं, ऐसे में हमारे देश में धर्म बदलने को लेकर कानूनी अपराध भी नहीं माना गया हैं और यहां तक तो कोई भी किसी भी प्रतिबंध के बिना अपने धर्म का प्रचार और प्रसार कर सकता है।
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लेकिन कुछ लोग गलत तरह से लोगों को धोखे में रखकर किसी से धर्म बदलवाना, यह बेहद गलत माना गया है साथ ही ये कर्त्य अपराध भी माना गया। धर्म कोई चीज नहीं जिसे बिना सोचे समझे बदला जा सके मगर कुछ ऐसे भी अपराधी लोग रहते हैं जो छल-कपट से लोगों को फसा कर धर्म परिवर्तन करने का एजेंडा चला रहा है जिसे हम आम भाषा में लव जिहाद भी कहते हैं जिसका शिकार आएं दिन हिन्दू लड़कियां बन रही हैं।
आखिर क्या है लव जिहाद
लव जिहाद आपको सुनने में एक आसान सा मात्र शब्द लग रह होगा कुछ लोग ऐसे होगें जिन्होंने ये शब्द सुना भी नहीं होगा ना इससे जुड़ी कोई जानकारी होगी मगर आपको बतादें कि लव जिहाद के ट्रेप में जो भी फसा उसने अपनी जिन्दगी से हाथ गंवा लिया और इसकी शिकार भी भोली भाली लड़कियां ही बनती हैं क्योंकि लव जिहाद के बारें में कुछ नहीं पता होता हैं ऐसे में हमारी लिखी गई लेख एक मात्र सिर्फ मकसद है सभी लड़कियों को आज की जनता को मात्र जागरूक करना।
ऐसे में कुछ धर्म के लोग अपना धर्म छुपाकर और दूसरे धर्म के व्यक्ति को बहला फुसलाकर अपने धर्म में परिवर्तन करवाने को लेकर मजबूर करते है। बता दें कि लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है। अंग्रेजी भाषा का शब्द लव यानी प्यार, मोहब्बत, इश्क और अरबी भाषा में इसी शब्द को जिहाद कहते हैं। जिसका मतलब होता है किसी मकसद को पूरा करना, यानी जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म जबरन परिवर्तन करवा देते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को "लव जिहाद" कहते है।
आखिर लड़कियां कैसे बन रही इन जिहादियों का शिकार
हमारी रोज की लाइफ में आए दिन आपने भी लव जिहाद से जूड़े कई मामले तो सुने होंगे, या फिर अपने आस-पास देखा भी होगा मगर ये क्यों रोज पर रोज बढ़ रहा हैं ये कोई नहीं जानता हैं, आखिर इससे कैसे बचे ये भी कोई नहीं जानता, इसका शिकार खाली हिन्दू, कमजोर और कम पढ़ी लिखी लड़कियां ही क्यों हो रही ये भी कोई नहीं जानता हैं मगर एक बात है जो भी मामले हो रहे हैं उसे आसानी से रोकना और इन मामलों को बढने से रोकना ये हमारे हाथ में और बहुत ही आसान हैं। तो चलिए फिर आज हम जानते है कि आखिर आए दिन लव जिहाद के मामले क्यों बढ़ते जा रहे है, क्यों हिन्दू लड़कियां इस लव जिहाद का शिकार बन रही हैं, आखिर क्या है लव जिहाद फैलाने वाले जिहादियों का मकसद, क्यों लवजिहाद हिन्दू लड़कियों को अपना शिकार बना रहा हैं, आखिर धर्म और अपने संस्कार क्यों इन जिहादियों से हार रहे हैं आखिर कौन है इन सबका जिम्मेदार.....
लव जिहाद के प्यार का जाल-
1- आजकल प्रेम जाल में फसा कर लड़कियों को अक्सर गुमराह करने के बाद उनका धर्म परिवर्तन करा देने का मामला काफी बढ़ गया है।
2- लव जिहाद में जिहादी अपनी पहचान छुपाने का लिए नकली आधार कार्ड बनवा लेते है।
3- हिन्दू बता कर लड़की-लड़को को प्यार के झासे में फसाते हैं।
4- सोशल मीडिया से लोगों को अपना नाम बदलकर फसाते है।
5- लड़की को नशीली दवा देना फिर अश्लील वीडियो बनाकर वीडियो वायरल करने की धमकी देना जैसा कृत्य करते हैं।
6- लड़की की कमजोर परिस्थिती का फायदा उठा कर उससे निकाह करते है फिर धर्म परिवर्तन का जोर डालते हैं।
7- हिन्दू लड़कियों को धर्म और उनकी आस्था के प्रति बेहला-फूसला कर उनकी आस्था और भगवान पर सवाल उठाते हैं। जिससे वह धर्म परिवर्तन कर लें।
8- ट्रेप में फसाने वाले घर की परिस्थितयों को जानकर और फिर घर खिलाफ फड़का कर घर से भागने को लेकर मजबूर करते हैं।
कौन है लापरवाही का जिम्मेदार
1- अलग धर्म के रिलेशन में होने पर लड़कियां अपने परिवार और दोस्तों से दूरी बना लेती हैं, जिस कारण वह अपनी कोई भी बात खुल कर नहीं रख पाती हैं।
2- घर समाज की डर से कई बार लड़कियां घर भागकर शादी करने जैसा कदम उठा लेती हैं।
3- परिवार में एक-दुसरे के बीच में दूरी होना और आपस में बातचीत ना हो पाना जिसका फायदा बाहरी उठाते हैं।
4- पारिवारिक कलह आपसी दुरी का कारण बनती है और इन ट्रेप को बढ़वा मिलता हैं।
5- घर में बड़े-बुजुर्ग का सम्मान ना होना जिसके कारण परिवार के बड़े बच्चों को कहानी से सीखा नहीं पाते है और मोबाइल से दूर रखकर अपनों के साथ रहना ना सीखा पाते हैं।
6- घर में पूजा,धर्म, संस्कार और बड़े लोगों के सम्मान से बच्चे हो रहे दूर जिसका फायदा बाहरी उठाते हैं।
7- मां-बाप को बच्चों को डराना नहीं बल्कि दोस्त की तरह रहना चाहिए जिससे बच्चे अपनी सभी बातों को घुल कर उनके सामने रख सकें।
8- घर के हर सदस्यों को परिवार के लोगों के कार्य व्यवहार पर नजर रखना चाहिए, जिससे संदेह की स्थिति में समय रहते सम्भाला जा सकें।
9- परिवार में विवाद से नाखुश हो कर बच्चे बाहर प्यार को ढूढंते हैं।
10- अपने धर्म-संस्कार-पूजा के बारे में बच्चे जब नहीं जान पाते हैं तो दुसरे के धर्म-संस्कार-पूजा को मानने लगते हैं।
11- परिवार में हर किसी को हर परिस्थिति से लड़ना और उसमें जीना और उस समस्या से बाहर निकलना सीखाना चाहिए।
12- परिवार की एकजुटता ही बच्चों को सदैव दे सकती हैं सुरक्षा।
13- बच्चों को ज्यादा शिक्षा के साथ-साथ समाजिक ज्ञान भी देना चाहिए।
14- बच्चों को शिक्षा के साथ समाजिक ज्ञान देना भी जरूरी होता हैं।
15- बच्चों को हर परिस्थिति में लड़ना और सम्भल कर चलना सीखाना चाहिए।
16- सही और गलत में फर्क बच्चों को सीखाना चाहिए जिससे वो समाज की गलता बातों में कभी ना आएं।
क्या मुस्लिम धर्म लव जिहाद को दे रहा बढ़ावा
वहीं देश में हो रही लगातार घटना को लेकर कुछ लोगों का ये भी मानना है कि ये सबसे ज्यादा ट्रेप मुस्लिम धर्म के लोग फैला रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का मानना हैं कि ऐसा नही है। पर जब अवैध मतांतरण और लव जिहाद में मामले समाज में सामने आते हैं तो ये बहुत कुछ स्पष्ट करते है कि आए दिन हो रहे धर्म को लेकर पहले प्यार फिर लीव-इन-रिलेशन में रहना और फिर कुछ समय के बाद श्रद्धा जैसे टुकड़ों में काट कर के फ्रिज में रखना का मामला सामने आते हैं।
वहीं कई ऐसे आंकड़े भी आए है जो हिन्दू बन कर कलावा बांध कर माथे पर टाके लगा कर प्यार में फसाते हैं और फिर विवाह कर अपनी असलीयत को उजागर करते हैं और धर्म परिवर्तन को लेकर दबाव डालते हैं। ऐसे में जब नाम सामने आते है तो वो नाम मुस्लिम वर्ग से जुड़े होते है। तमाम ऐसी घटनाएं जिन पर हमारे देश में लोगों में आक्रोश होता है चाहे वह दिल्ली के श्रद्धा बाकर हत्याकांड हो या साक्षी हत्याकांड दोनो मामले अब जनता के सामने है। सच क्या है ये हमें जनता को बताने की जरूरत नहीं हैं, ये पब्लिक है सब जानती हैं।
इसलिए इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की बाकायदा एक एजेंडे के तहत इस काम को अंजाम दिया जा रहा है, वहीं और जानकारी के मुताबिक इस एजेंडे में फंडिंग भी जमकर हो रही है यहां तक की अलग-अलग जाति विशेष के अलग कीमत तय होती है। वहीं मिली कुछ जानकारी और खबरों की मानें तो इन जिहादीयों को इस तरह के ट्रेप में फसाने के लिए मदरसों और दरगाहों से ही खर्च दिया जाता हैं जिससे की इस तरह से ये अपने धर्म में संख्या बढ़ा सके और लोगों को धर्म परिवर्तन को लेकर दबाव बना सके। अब यहां कौन कसूरवार हैं ये सब जानते है भले ही वो लोग सामने से बोले ना पर भावना, व्यवस्था और एजेंडा सबको नजर आता है।
निष्कर्ष: अब ये निर्णय आप सभी समाज में रहने वाले लोगों को करना हैं कि आपको क्या करना हैं ये आपका फैसला होगा.... फिलहाल हमारा काम था आप सभी को अपनी खबर के माध्यम से जागरूक करना और सही जानकारी आप तक पहुंचाना की किन कमियों से इन जिहादीयों को बढ़ावा मिल रहा है उन कमी को सुधारे और अपनी देश की और हिन्दू धर्म की अमानत को बचाएं।