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लोकसभा चुनाव : बाराबंकी के सांसद उपेन्द्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर


उपेन्द्र सिंह रावत ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम सागर रावत के खिलाफ चुनाव जीत कर बाराबंकी संसदीय सीट बीजेपी से एक बार फिर जीत का परचम लहराया है। आपको बताते चले कि इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद प्र‍ियंका सिंह रावत का टिकट काटकर उपेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया था। वर्तमान में उपेन्द्र सिंह रावत एक भारतीय राजनीतिज्ञ और बाराबंकी से लोकसभा सांसद हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता भी हैं।


लोकसभा चुनाव 2024 : लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेजी से शुरु हो चुकी हैं, लोकसभा संवैधानिक रूप से लोगों का सदन है साथ ही भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। वहीं लोकसभा चुनाव के मुखिया पद पर सभी की नजरें बनी हुई हैं, मगर देखना यह है कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता हैं। 

wakt ki awaz - लोकसभा चुनाव

आपको बताते चले लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं, और वे पांच साल तक या जब तक राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री परिषद् की सलाह पर सदन को भंग नहीं कर देते, तब तक वे अपनी सीटों पर बने रहते हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।

सांसद उपेन्द्र सिंह रावत का जीवन 

लोकसभा चुनाव : wakt ki awaz

सांसद उपेन्द्र सिंह रावत एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और वर्तमान में बाराबंकी से लोकसभा सांसद हैं साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं। बाराबंकी के सांसद उपेन्द्र सिंह रावत का जन्म बाराबंकी में हुआ उनके पिता का नाम राज कुँवर और मां का नाम सरोजनी देवी हैं। वहीं अगर बात करें वैवाहिक जीवन की तो उपेन्द्र सिंह का विवाह उर्मिला देवी से हुआ और उनको 1 बेटा हैं। वहीं शैक्षणिक योग्यता में उपेन्द्र सिंह ने एमए समाजशास्त्र, जेएनपीजे कॉलेज, बाराबंकी, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद और एलएलबी डीएवी महाविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की।

बाराबंकी सीट का राजनीतिक सफरनामा

बाराबंकी लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो साल 1951-52 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना रहे। तो वहीं साल 1957 में कांग्रेस के ही स्वामी रामानंद शास्त्री चुने गये। हालांकि इसी साल हुए उपचुनाव में सोशलिस्ट पार्टी रामसेवक यादव यहां से चुनाव जीते। उसके बाद 1962 और 1967 में भी वह सोशलिस्ट पार्टी पार्टी से सांसद रहे। जिसके बाद साल 1971 में यह सीट फिर कांग्रेस के पास आ गयी जिसमें रूद्र प्रताप सिंह जीत हासिल किए।

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वहीं, 1977 और 1980 के लोकसभा चुनाव में यह भारतीय लोकदल और जनता पार्टी सेक्युलर के पास चली गई। साल 1984 में ‘इंदिरा लहर’ के दौरान कमला रावत कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते। उसके बाद साल 1989, 1991 और 1996 में राम सागर रावत ने यहां से जीत हासिल किए। जिसके बाद साल 1998 में पहली बार बाराबंकी सीट भाजपा के पलरे में गई। फिर साल 2004 में कमला रावत बसपा के टिकट पर सांसद बने। साल 2009 में कांग्रेस के पी.एल. पुनिया ने यहां से जीत हासिल की। वहीं, 2014 में ‘मोदी लहर’ ने प्रियंका रावत ने जीत हासिल की थी। वहीं अगर बात करें 2019 की तो उपेन्द्र सिंह रावत बीजेपी से जीते।

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उपेन्द्र सिंह रावत का राजनीतिक सफर

उपेन्द्र सिंह रावत ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम सागर रावत के खिलाफ चुनाव जीत कर बाराबंकी संसदीय सीट बीजेपी से एक बार फिर जीत का परचम लहराया है। आपको बताते चले कि इस सीट पर बीजेपी ने मौजूदा सांसद प्र‍ियंका सिंह रावत का टिकट काटकर उपेंद्र सिंह रावत को टिकट दिया था। वर्तमान में उपेन्द्र सिंह रावत एक भारतीय राजनीतिज्ञ और बाराबंकी से लोकसभा सांसद हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राजनेता भी हैं।

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2017 - 2019 उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य हैं।
उपेन्द्र सिंह रावत 2019 के आम चुनाव में यूपी के बाराबंकी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार थे।
मई, 2019 17वीं लोकसभा के लिए चुने गए
24 जुलाई 2019 से आगे सदस्य, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कल्याण संबंधी समिति
13 सितंबर 2019 से आगे सदस्य, कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति

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