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लोकसभा चुनाव : बिछ गई बिसात, जानें कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी का राजनीतिक सफर


यूपी के कानपुर सीट का 80 सीटों में से एक सीट है जिसका अपना ही महत्व हैं, क्योंकि कानपुर को उधोग नगरी भी कहा जाता हैं वहीं अगर बात करें यहां के सांसद सत्यदेव पचौरी के जीवन की तो बताते चले सत्‍यदेव पचौरी भारत के यूपी के कानपुर जिले के सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे। 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की गोविन्‍दनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-212)से चुनाव जीता। कानपुर संसदीय क्षेत्र से 2019 में सांसद चुने गए। कैबिनेट मंत्री सत्‍यदेव पचौरी का जन्म मध्य प्रदेश स्थित भिंड जिले के मिहोना ग्राम में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका जन्म 12 अगस्त 1947 को ब्राह्मण परिवार में हुआ था, बता करें उनकी शिक्षा की तो पचौरी ने वी.एस.एस. डी विश्विद्यालय से रसायन विज्ञान में एम.एस.सी की शिक्षा प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के समय से ही छात्र अध्यक्ष के रूप में चुना गया, यही से उनका राजनीति में पर्दापण हुआ


लोकसभा चुनाव 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तोजी से शुरु हो चुकी हैं, लोकसभा संवैधानिक रूप से लोगों का सदन है साथ ही भारत की द्विसदनीय संसद का निचला सदन है, जिसमें उच्च सदन राज्य सभा है। वहीं लोकसभा चुनाव के मुखिया पद पर सभी की नजरें बनी हुई हैं, मगर देखना यह है कि कौन कितना दांव मारेगा यह तो अभी तय नहीं किया जा सकता हैं।

आपको बताते चले लोकसभा के सदस्य अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वयस्क सार्वभौमिक मताधिकार और एक सरल बहुमत प्रणाली द्वारा चुने जाते हैं, और वे पांच साल तक या जब तक राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्री परिषद् की सलाह पर सदन को भंग नहीं कर देते, तब तक वे अपनी सीटों पर बने रहते हैं। वहीं अगर देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति की सबसे बड़ी अहमियत होती है, क्योंकि यूपी में बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक यानि की 80 सीटें हैं।

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सत्यदेव पचौरी का जीवन

यूपी के कानपुर सीट का 80 सीटों में से एक सीट है जिसका अपना ही महत्व हैं, क्योंकि कानपुर को उधोग नगरी भी कहा जाता हैं वहीं अगर बात करें यहां के सांसद सत्यदेव पचौरी के जीवन की तो बताते चले सत्‍यदेव पचौरी भारत के यूपी के कानपुर जिले के सोलहवीं विधानसभा सभा में विधायक रहे। 2012 उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में इन्होंने उत्तर प्रदेश की गोविन्‍दनगर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र (निर्वाचन संख्या-212)से चुनाव जीता।

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कानपुर संसदीय क्षेत्र से 2019 में सांसद चुने गए। कैबिनेट मंत्री सत्‍यदेव पचौरी का जन्म मध्य प्रदेश स्थित भिंड जिले के मिहोना ग्राम में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका जन्म 12 अगस्त 1947 को ब्राह्मण परिवार में हुआ था, बता करें उनकी शिक्षा की तो पचौरी ने वी.एस.एस. डी विश्विद्यालय से रसायन विज्ञान में एम.एस.सी की शिक्षा प्राप्त की है। इसके साथ ही उन्होंने कॉलेज के समय से ही छात्र अध्यक्ष के रूप में चुना गया, यही से उनका राजनीति में पर्दापण हुआ।

2024 में किसके हाथ लगेगी जीत

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कानपुर लोकसभा में 10 विधानसभा सीटों में राजनीतिक घमासान मुद्दों और लहर दोनों की नाप-तौल से तय होता दिख रहा है। कानपुर लोकसभा सीट ब्राह्मण बाहुल्य है। ऐसे में निर्णायक भूमिका उन्हीं की है। सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी के उत्तराधिकारी बनकर कानपुर संसदीय सीट से मैदान में उतरे भाजपा प्रत्याशी सत्यदेव पचौरी ने 1,55,934 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस प्रत्याशी श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था। तीसरे स्थान पर सपा के रामकुमार रहे। अब देखना होगा कि 2024 में भाजपा का कब्जा बरकरार रहता है कि विपक्ष सेंध लगा पाती है?

बिछने लगी लोकसभा चुनाव की बिसात

2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा में अभी से बिसात बिछनी शुरू हो गई है। यहां से चुनाव लड़ने के लिए कई नेता अभी से मशक्कत कर रहे हैं। लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इन सबसे आगे हैं। यही वजह है कि बीते 6 महीने से ब्रजेश पाठक लगातार शहर का दौरा कर रहे हैं। यहां तक कि वह विकास कार्यों की बैठकों में सबसे ज्यादा शामिल हुए हैं। वहीं, सतीश महाना भी पूरी तरह से सक्रिय हैं। हालांकि उनके गुट और सत्यदेव पचौरी गुट के समर्थकों की आपस में बन नहीं रही है। इसकी वजह से दोनों नेता एक-दूसरे को पसंद नहीं करते हैं। यही वजह है कि वर्तमान सांसद सत्यदेव पचौरी का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। वैसे भी उनकी उम्र 75 साल के पार हो चुकी है और भाजपा की पॉलिसी के हिसाब से 75 साल से ज्यादा उम्र के नेता चुनाव नहीं लड़ सकते।

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सत्‍यदेव पचौरी का राजनीतिक सफर

सत्यदेव पचौरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ है। वह यूपी सरकार में केबिनेट मंत्री है। वह ग्रामोद्योग, लघु और मध्यम उद्यम खादी और निर्यात प्रोत्साहन मंत्री है। सत्यदेव पचौरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1967 में की। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार के रूप में कानपुर की गोविंद नगर सीट से चुने गए। अपनी शुरुआती उम्र में उन्होंने आरएसएस के लिए काम किया। फिर वह 1994 से 2004 तक बीजेपी की ओर से उत्तर प्रदशा के उपाध्यक्ष भी रहे। वह व्यापार मंडल के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1948 से 1975 तक भारतीय जनसंघ के लिए कार्य किया।

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विवादित मुद्दे

वह एक महिला विकलांग कर्मचारी का सार्वजनिक रूप से उपहास करने के विवाद में शामिल थे, जब प्रसिद्ध विकलांगता कार्यकर्ता सतेंद्र सिंह (डॉक्टर) ने नए विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत पहला मामला दायर किया था। 
 

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