मोदी कैबिनेट ने आठवें वेतन आयोग को दी मंजूरी, जानें पूरी डिटेल
ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी तक पहुंच चुका है।
8th pay Commission: मोदी कैबिनेट ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए आठवें वेतन आयोग के गठन (8th pay Commission) के लिए मंज़ूरी दी। बताते चले कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बजट 2025 से पहले ही बड़ी खुशखबरी दी हैं, ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता बढ़कर 53 फीसदी तक पहुंच चुका है। जानकारी के लिए बताते चले कि 7वें वेतन आयोग का गठन 2016 में किया गया था और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा। क्योंकि इस आयोग को 2026 तर अपनी रिपोर्ट सौंपनी हैं।
जानें कब से लागू होगा 8वां वेतन
मोदी कैबिनेट ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है कैबिनेट ने बजट 2025 से पहले ही आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी हैं। वहीं बात करें 7वें वेतन आयोग के कार्यकाल की तो ये 31 दिसंबर 2025 को खत्म हो जाएगा इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक आठवें वेतन आयोग के गठन से पहले राज्य सरकारों, PSU आदि से सलाह ली जायेगी।
इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने 3,985 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले तीसरे लॉन्च पैड को भी मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से स्पेस रिसर्च की मुहिम को और रफ्तार मिलने की संभावना है। श्रीहरिकोटा स्पेस रिसर्च सेंटर में तकरीबन 4 हजार करोड़ रुपये की लागत से तीसरा लॉन्च पैड का निर्माण किया जाएगा। इसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे स्पेस एजेंसी को लॉन्चिंग में काफी मदद मिलेगी।
जल्द होगा आयोग के अध्यक्ष का ऐलान
आपको बता दें कि आठवें वेतन आयोग के गठन से पहले राज्य सरकार, PSU आदि से विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों के नाम का भी जल्द ही ऐलान कर दिया जाएगा। वहीं कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि आठवां वेतन आयोग 2026 से लागू होगा, ऐसे में समय रहते सुझाव, सिफारिशें आदि के लिए इसका गठन जल्द करने का फैसला लिया गया है।
ऐसे में कैबिनेट के बड़े फैसले का बड़ा प्रभाव देश में इस वक्त की कुल मिलाकर 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारी विभिन्न पदों पर कार्यरत लोगों पर पड़ेगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से यदि आठवें वेतन आयोग का गठन किया जाता है और उसकी सिफारिशों को स्वीकार किया जाता है, तो लाखों कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इस फैसले से सरकार के खजानों पर हजारों करोड़ रुपये का बोझ भी बढ़ेगा।
क्यों आता है वेतन आयोग
देश में पहला पे कमीशन जनवरी 1946 में बना था। इसी तरह पिछला यानी सातवां पे कमीशन 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ था जिसकी सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। वहीं अब प्रधानमंत्री ने आठवें पे कमीशन के गठन को मंजूरी दी है ताकि इसकी सिफारिशें समय पर आ सकें और इसे अगले साल यानी 2026 से लागू किया जा सके। वहीं इसका ऐलान देते हुए वैष्णव ने कहा - यह कैबिनेट का फैसला नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी है।
बताते चले कि बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत देने के लिए हर दस साल पर वेतन आयोग गठित किया जाता है। पहला वेतन आयोग जनवरी 1946 में बनाया गया था। दूसरा वेतन आयोग अगस्त 1957 में बना था और इससे सरकारी खजाने पर 40 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। तीसरा वेतन आयोग अप्रैल 1970 में बना था जिससे सरकार पर 144 करोड़ का बोझ पड़ा था। इसके बाद चौथा वेतन आयोग जून 1983 में गठित किया गया था। इसकी सिफारिशों को लागू करने से सरकारी खजाने पर 1,282 करोड़ का बोझ पड़ा था।
पांचवां वेतन आयोग अप्रैल 1994 में बना था। इससे सरकारी खजाने पर 17000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था। छठा वेतन आयोग अक्टूबर 2006 में बनाया गया था और इससे सरकार को 40000 करोड़ रुपये का बोझ वहन करना पड़ा था। सातवां वेतन आयोग फरवरी 2014 में गठित किया गया था जिसकी सिफारिशें 2106 में लागू हुई थी। इससे सरकारी खजाने पर 114000 करोड़ को बोझ पड़ा था। अब सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। वैष्णव ने कहा कि आयोग के बारे में विस्तृत डिटेल बाद में दी जाएगी।