NCERT किताबों से हटा बाबरी मस्जिद का जिक्र, राजनीतिक चर्चा पर NCERT के निदेशक ने किया खुलासा
बताते चले कि 12वीं की किताब में अयोध्या से जुड़े कई विषयों को हटाया गया, अयोध्या विवाद बना अयोध्या मुद्दा, तो बाबरी मस्जिद को लिखा
NCERT Books: NCERT यानि की (नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) ने 12 वीं की किताब में कई बड़े बदलाव किए हैं। यह बदलाव 12 वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पुस्तकों में किया गया है। जिसके बाद यह बदलाव राजनीतिक और विपक्ष के लिए एक चर्चा विषय बन गया हैं।
जानें क्या-क्या हुआ बदलाव
बताते चले कि 12वीं की किताब में अयोध्या से जुड़े कई विषयों को हटाया गया, अयोध्या विवाद बना अयोध्या मुद्दा, तो बाबरी मस्जिद को लिखा, तीन-गुंबद वाली आधारभूत संरचना, इसके साथ ही'भगवान राम का जन्म स्थान माना जाता है' से संदर्भ बदलकर 'इसमें श्री राम के जन्म स्थान, सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक और इसके कानूनी स्वामित्व के बारे में विवाद शामिल थे' कर दिया गया है। इसके साथ ही अध्याय की पृष्ठ संख्या को चार पेज से घटाकर दो पेज कर दिया गया है। इसके अलावा इस किताब में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही गुजरात दंगों के बारे में भी कुछ इसी प्रकार के संशोधन किए गए हैं।
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जैसा कि आप सभी जानते है कि राजनीतिक विज्ञान में अयोध्या बाबरी मस्जिद विवाद और गुजरात दंगों से जुड़े कुछ अध्यायों में संशोधन किए गए हैं, जिसके बाद से विपक्षी दलों में तीखी आलोचना के साथ चर्चा का विषय बन गए हैं।
जानें क्यों हुआ बदलाव
वहीं किताब में हुए बदलाव को लेकर NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा- विशेषज्ञों द्वारा परिवर्तन किए गए थे क्योंकि किताबें हिंसक, उदास नागरिक नहीं बनाना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि “स्कूल के बच्चों को दंगों के बारे में पढ़ाने की जरूरत नहीं है। भगवाकरण के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद गिराए जाने के संदर्भों में बदलाव का फैसला लंबे विचार-विमर्श के बाद लिया गया है। दंगों के बारे में पढ़कर बच्चे हिंसक और अवसादग्रस्त नागरिक बन सकते हैं। इस पर बेवजह शोर मचाने की जरूरत नहीं है।” विशेषज्ञों ने वही किया जो उन्हें ‘वैश्विक प्रथाओं’ के अनुसार उचित लगा। क्योंकि जब पुराने चैप्टर की जांच की गई और उसे संशोधित करके नया चैप्टर तैयार किया।
इसके साथ ही निदेशक सकलानी ने कहा- बाबरी मस्जिद का संदर्भ हटाना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप है। पाठ्यपुस्तक का नया संस्करण, जिसे तीन महीने पहले परिवर्तनों की घोषणा के बाद पेश किया।
जानकारी लेने वाले को हम नहीं रोक सकते- NCERT
वहीं किताब के बदलाव के बाद जब यह मुद्दा विवादित होने लगा तो NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा- यह एनसीईआरटी की किताब एक छोटी किताब है। ऐसे में अगर कोई छात्र या कोई और इस विषय पर डिटेल से शोध करना चाहता है तो वे इसके बारे में कहीं और से भी पढ़ सकता हैं। इसके साथ ही सकलानी ने कहा- क्योंकि हम जिज्ञासु लोगों को पढ़ने और शोध करने से नहीं रोक सकते हैं।