'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल सदन में बहुमत से स्वीकार, विपक्ष ने किया विरोध
बता दें कि सदन में दो बार वोटिंग में हुई जिसमें इस बिल के पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट पड़े।
![](https://api.thevoiceofhind.com/storage/uploads/UwmHBWnVgSxfPL8wHanZ62sv7-The Voice Of Hind- 'One Nation-One Election' bill accepted by majority in the House, opposition oppo (1)_11zon.webp)
One Nation-One Election: लोकसभा में आज यानी की मंगलवार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश किया गया, जिसे बहुमत से लोकसभा में स्वीकार भी कर लिया गया हैं। बता दें कि सदन में दो बार वोटिंग में हुई जिसमें इस बिल के पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट पड़े।
![the voice of hind- यूपी सीएम ने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले- लाखों युवाओं को मिली सरकारी नौकरी](https://images.moneycontrol.com/static-hindinews/2024/12/One-Nation-One-Election.jpg?impolicy=website&width=770&height=431)
आज बिल को मिली मंजूरी
आपको बता दें कि लोकसभा में आज यानी की मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश किया। जिसे बहुमत से लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया, वहीं बिल स्वीकार करने के पक्ष में कुल 269 और विरोध में 198 वोट पड़े हैं। वहीं लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश होने के बाद सांसदों को इस पर बोलने का समय दिया गया, कई पार्टियों की आपत्ति के बाद बिल को दोबारा पेश करने को लेकर वोटिंग हुई। वहीं ज्यादा वोट पड़ने के बाद बिल को दोबारा पेश किया गया।
इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के बाद ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) बिल, 2024’ को भी पेश किया। दोनों बिलों को पुर:स्थापित किए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपराह्न करीब एक बजकर 55 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विपक्ष ने किया पुरजोर विरोध
आपको बतादें कि वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश होने पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बिल को पटल पर रखा, जिसके बाद विपक्ष का पुरजोर विरोध भी हुआ। जानकारी के लिए बता दें कि नए संसद भवन में पहली बार किसी बिल पर मत विभाजन हुआ और यह भी पहली बार था कि इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन हुआ हैं। वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने बिल पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि यह संविधान के मूल ढांचे पर हमला है तथा देश को ‘तानाशाही’ की तरफ ले जाने वाला कदम है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए, जिसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री मेघवाल ने कहा - एक साथ चुनाव कराने से संबंधित प्रस्तावित बिल राज्यों की शक्तियों को छीनने वाला नहीं है, बल्कि यह बिल पूरी तरह संविधान सम्मत है। बताते चले कि इसे लेकर लोकसभा में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग हुई, लोकसभा में वन नेशन, वन इलेक्शन बिल स्वीकार कर लिया गया, इसके पक्ष में 269 और विपक्ष में पड़े 198 वोट डाले गए।
सांसद जेपी नड्डा ने कहा- कमल गुलामी...
उधर, राज्यसभा में बीजेपी सांसद जेपी नड्डा ने संविधान पर चर्चा के दौरान कहा कि हमारी संस्कृति में चर्चा की परंपरा रही है, हमारे संविधान निर्माताओं ने इसी को ध्यान में रखकर संविधान का निर्माण किया। हमारे संविधान में अंजाता अलोरा की छाप नजर आती है, कमल का भी छाप दिखता है। कमल इस बात को परिलक्षित करता है कि हम कीचड़(गुलामी) से निकलकर आगे बढ़े हैं, संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही जारी है।
-
Tags :
- desh
- politics
- The Voice Of Hind