पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में बड़ा बदलाव, बिना खर्च लगवाएं पैनल
केंद्र सरकार की नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने दो नए पेमेंट मॉडल को मंजूरी दी है। जिसके तहत सरकार ने इस योजना में बदलाव कर
PM Surya Ghar Free Solar Panel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana को लॉन्च किया था। इस योजना के तहत 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलती है और साथ ही सरकार की ओर से अपने घर की छत पर सोलर रूफटॉप लगवाने के लिए तगड़ी सब्सिडी भी दी जाती है। Solar Rooftop लगवाने पर सरकार सीधे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करती है। वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत केंद्र सरकार की नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने दो नए पेमेंट मॉडल को मंजूरी दी है। इसके तहत अब लोग बिना एक भी रुपया खर्च किए अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकते हैं।
जानें नई गाइडलाइंस
आपको बताते चले कि वहीं प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सौर संयंत्र लगाने के लिए दो नए भुगतान मॉडल पेश किए गए हैं, जो उपभोक्ताओं को सस्ती, जोखिम-मुक्त सौर ऊर्जा और केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। केंद्र सरकार की नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने दो नए पेमेंट मॉडल को मंजूरी दी है। जिसके तहत सरकार ने इस योजना में बदलाव कर इसे सुविधाजनक बनाने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। पहले RESCO मॉडल के तहत थर्ड पार्टी ऑर्गेनाइजेशन पैनल लगाएगी और आपको बिजली का बिल सिर्फ उतना ही देना होगा, जितनी बिजली आप सोलर पैनल से इस्तेमाल करेंगे। वहीं, ULA मॉडल में डिस्कॉम या राज्य सरकार की नामित संस्थाएं सोलर पैनल लगाएंगी और इसमें भी किसी प्रकार का खर्च नहीं होगा। इस योजना को और पारदर्शी बनाने के लिए इसे नेशनल पोर्टल से जोड़ा गया है, जिससे लाभार्थी अपनी सब्सिडी का आसानी से लाभ उठा सकेंगे। साथ ही, सरकार ने RESCO आधारित सोलर पैनल के निवेश को जोखिम मुक्त बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये की निधि भी निर्धारित की है।
बताते चले कि इस योजना के तहत 2 किलोवाट तक के सोलर पैनल पर ₹30,000, 3 किलोवाट तक के पैनल पर ₹48,000 और 3 किलोवाट से ऊपर के पैनल पर ₹78,000 तक की सब्सिडी दी जाती है। यह योजना 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च की गई थी और इसका उद्देश्य देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाना है।
RESCO मॉडल: रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी (RESCO) मॉडल के तहत एक थर्ड पार्टी ऑर्गेनाइजेशन आपके घर की छत पर सोलर पैनल लगाएगी। इसे लगाने के लिए आपको कोई पैसा नहीं देना है। आपको सिर्फ उतनी बिजली का बिल देना होगा, जितना आप सोलर पैनल से इस्तेमाल करेंगे।
ULA (Utility-led Aggregation) मॉडल: इस मॉडल में बिजली कंपनियां या राज्य सरकार से नोमिनेटेड ऑर्गेनाइजेशन आपके घर पर सोलर पैनल लगाएंगी। इसमें भी आपको किसी तरह का खर्च नहीं करना होगा, और आप सस्ती बिजली का फायदा उठा सकेंगे।
सब्सिडी का इंतजाम
इन दोनों मॉडलों के तहत सरकार ने पेमेंट सिक्योरिटी मैकेनिज्म (PSM) और सेंट्रल फाइनेंशियल असिस्टेंस (CFA) का इंतजाम किया है, ताकि हर स्थिति में आपको सब्सिडी का फायदा मिल सके और सोलर पैनल लगाने का तरीका सेफ हो।
दो नए मॉडल
- आरईएससीओ मॉडल
- तीसरे पक्ष की कंपनियां सौर संयंत्रों में निवेश करेंगी।
- उपभोक्ताओं को अग्रिम भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- केवल उपभोग की गई बिजली के लिए भुगतान करना होगा।
- वितरण कंपनी आधारित मॉडल
- वितरण कंपनियां या राज्य की नामित एजेंसियां सौर संयंत्र स्थापित करेंगी।
- यह मॉडल व्यक्तिगत घरों की छतों पर सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देगा।
केंद्रीय वित्तीय सहायता
भारत सरकार की न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्ट्री ने प्रधानमंत्री-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं, इसमें स्कीम के तहत छत पर सोलर सिस्टम लगाने के लिए दो और पेमेंट के तरीकों को मंजूरी दी गई है। सौर संयंत्र लगाने के लिए उपभोक्ताओं को केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) भी प्रदान की जाएगी। यह सहायता राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से दी जा रही मौजूदा योजनाओं के अतिरिक्त होगी।
कैसे मिलेगा लाभ?
उपभोक्ता अपनी छतों पर सौर संयंत्र लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
दोनों मॉडलों से उन्हें अपने बजट के अनुसार विकल्प मिलेगा।
ये मॉडल राष्ट्रीय पोर्टल आधारित प्रक्रिया का पूरक होंगे।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान
इस योजना से न केवल बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी होगी। सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ने से देश की ऊर्जा जरूरतों में आत्मनिर्भरता आएगी। प्रधानमंत्री-सूर्य घर योजना न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह हर परिवार के लिए सस्ती और सुलभ ऊर्जा का वादा करती है।
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