काशी विश्वनाथ में दर्शनार्थियों के लिए पुलिस ने बदला वेश, वाराणसी पुलिस के फैसले पर भड़के अखिलेश
काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के गर्भगृह में पुलिसकर्मी अब पुजारी के वेश में नजर आएंगे। वहीं पुलिसकर्मी के बदलते वेश को लेकर अब राजनीति सियासी
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Kashi Vishwanath : वाराणसी में बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करने अब आप जाएंगे तो आपको वहां का नजारा पहले से और ही अलग नजर आने वाला है, क्यों कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के गर्भगृह में पुलिसकर्मी अब पुजारी के वेश में नजर आएंगे। वहीं पुलिसकर्मी के बदलते वेश को लेकर अब राजनीति सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है।
वाराणसी पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
बतादें कि काशी विश्वनाथ के बाबा दर्शन करने के लिए मंदिर प्रांगण या गर्भगृह में हर दिन भारी संख्या में भक्तों की भीड़ आ रही है जिसे देख कर अब भीड़ के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। ऐसे में मंदिर की सुरक्षा और श्रद्धांलुओं की सुरक्षा यूपी की वाराणसी पुलिस के लिए अब बड़ी चुनौती बन गयी है। वहीं अब चुनौती से निपटने का रास्ता वाराणसी पुलिस ने निकल लिया है, दरअसल वाराणसी पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी अब पुजारी के भेष में मंदिर और गर्भगृह में मौजूद रहेंगे।
उनकी नजर भक्तों की सुरक्षा और मंदिर की सुरक्षा, दोनों पर रहेगी। इतना ही नहीं श्रद्धालुओं को धक्का तो दूर अब 'नो टच पॉलिसी' के तहत कोई भी सुरक्षाकर्मी या मंदिर में तैनात कोई भी कर्मचारी छू तक नहीं सकेगा।
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वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने लिया फैसला
बता दें कि खुद वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने सुरक्षा को ध्यान में रखते के लिए यह फैसला है। पिछले काफी समय से पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को इस तरह की सूचनाएं मिल रही थी कि मंदिर में धक्का-मुक्की बढ़ रही है और भक्तों के साथ बदसलूकी की जा रही है, जिसके बाद मंदिर के अंदर सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी पुजारियों के भेष में तैनात रहेंगे। इसके साथ पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कहा- मंदिर में आने वाले भक्त अक्सर पुजारियों की बात को मान लेते हैं। इसलिए ये फैसला लिया गया है। पुजारी के भेष में तैनात पुलिसकर्मी लोगों को गाइड भी किया करेंगे।
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नो टच पॉलिसी का प्रयोग
वहीं वाराणसी पुलिस ने बताया नो टच पॉलिसी को लेकर बताया वीआईपी मूवमेंट के समय श्रद्धालुओं को आमतौर पर पुलिसकर्मी हटा देते हैं, जिससे उनको धक्का लगता है और वह नकारात्मक सोच लेकर मंदिर से जाते हैं। इसी से बचने के लिए बकायदे वीआईपी मूवमेंट के वक्त रस्सी से एक घेरा बना दिया जाएगा। जिससे श्रद्धालु खुद ब खुद बिना धक्का लगे दूरी पर रहेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि मंदिर में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की बकायदे 3 दिनों की ट्रेनिंग होगी, क्योंकि थानों पर ड्यूटी से बिल्कुल अलग मंदिर पर ड्यूटी करना होता है। ट्रेनिंग में पुलिसकर्मियों को मृदु भाषी होने के साथ ही अन्य प्रादेशिक भाषाओं का भी थोड़ा-थोड़ा ज्ञान दिया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को समझा सके। प्रशासन की तरफ से एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था मंदिर में की जा रही है।
सियासी हलचल
मंदिर में पुजारी के भेष तैनात पुलिसकर्मी को लेकर अब सियासी हलचल तैज हो गई जिसको लेकर बयानबाजी करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव के शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए कहा- पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस पुलिस मैन्युअल के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देने वालों को निलंबित किया जाए।
वहीं अखिलेश यादव ने तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को उनकी वर्दी के अलावा कुछ भी पहनने की अनुमति देने का निर्णय सुरक्षा जोखिम पैदा कर सकता है। अखिलेश ने सवाल उठाते हुए कहा- कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा तो उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा।