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राधा-कृष्ण के दिवानों का अब दर्शन करना होगा आसान, रोपवे का ट्रायल हुआ शुरू


बतादे कि मथुरा के बरसाना में राधारानी के दर्शन करने जा रहे भक्तों की सुविधा के लिए रोपवे का ट्रायल शुरू कराया गया है।


Mathura: मथुरा वासियों के साथ राधा-कृष्ण के दीवानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है, जिसने सभी भक्तों की दर्शन करने के रास्ते सुलभ बना दी हैं। बतादें कि बरसाना में राधारानी मंदिर में दर्शन करने वालों भक्तों के लिए अब रोपवे की सुविधा शुरू होने वाली हैं।

रोपवे का ट्रायल शुरू

बतादे कि मथुरा के बरसाना में राधारानी के दर्शन करने जा रहे भक्तों की सुविधा के लिए रोपवे का ट्रायल शुरू कराया गया है। जिसके बाद से अब बरसाना राधा रानी मंदिर जाने वाले भक्तों को आसानी हो जाएगी। बताते चले कि रोपवे का ट्रायल दो खाली ट्रॉली को चलाकर किया गया। वहीं परीक्षण प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद जल्द ही रोपवे की सुविधा आम भक्तों के लिए शुरू कर दी जाएगी।

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वहीं रोपवे की सुविधा के शुरू हो जाने के बाद श्रद्धालुओं को सीढि़या चढ़कर राधारानी के मंदिर जाने की जरूरत नहीं होगी। जिसके बाद भक्तों के मन में यह भी सवाल उठ रहा है कि बिहारीजी मंदिर तक कब से रोपवे निर्माण का काम कब शुरू होगा। जिससे भक्तों को दर्शन करने में सुविधा होगी।

भक्तों की दुविधा होगी दूर

जैसा कि आप सभी जानते है राधा-कृष्ण के हजारों दीवाने देशभर से रोजाना बिहारीजी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मगर दर्शन करने वाले इन श्रद्धालुओं को शहर के अंदर लगने वाले जाम और वाहनों की ‘नो एंट्री’ से मंदिर तक पहुचंने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भारी भीड़ के चलते ई-रिक्‍शा से जाने में समय भी अधिक लगता है, साथ ही गर्मी, सर्दी और बरसात हर मौमस में असुविधा होती है। जिसके चलते रोपवे चलाने की योजना बनाई गई है।

जानें रोपवे निर्माण कंपनी का प्लान

वहीं रोपवे को दुविधा को लेकर रोपवे निर्माण कंपनी यानि की नेशनल हाईवे लाजिस्टिक मैनेजमेंट (एनएचएलएमएल) के सीईओ प्रकाश गौड़ की मानें तो पहले चरण का काम पूरा करा लिया है, इसमें स्‍टडी करायी जा चुकी है, अब फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, यानी रोपवे किस रूट से जाएगा, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को लाभ मिल सके। इसके साथ ही यह भी ध्यान दिया जाएगा की कहां-कहां टावर बनाने होंगे, जिसमें कम से कम अवरोध आएं।फीजिबिलिटी रिपोर्ट के बाद डीपीआर तैयार किया जाएगा।

दरअसल, उत्तर प्रदेश में चित्रकूट और विंध्याचल के बाद बरसाना तीसरा केंद्र होगा जहां श्रद्धालु उड़न खटोले की सुविधा का आनंद लेंगे। 2016 से बहुप्रतिक्षित रोपवे का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और मंगलवार को दो ट्रॉलियां का ट्रायल रन भी कराया गया।

जानें डायरेक्टर की रोपवे को लेकर राय

वहीं डायरेक्टर ने बताया कि रोपवे के लिए टिकिट विंडो बनकर तैयार है। अभी यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए टॉयलेट ब्लॉक, ड्रिंकिंग वाटर फाउंटेन और बच्चों के लिए प्ले एरिया डवलप करना है। इसके साथ ही फाइनल ट्रायल के बाद यहां 12 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा और प्रत्येक ट्रॉली में 6 श्रद्धालु बैठ सकेंगे। इसे मंदिर तक पहुंचने में करीब 4-5 मिनट का समय लगेगा।

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वहीं रोपवे की सुविधा को लेकर मिली जानकारी कि मानें तो रोपवे की लंबाई 210 मीटर जबकि ऊंचाई 48.85 मीटर है। ऐसे में टिकिट शुल्क अभी तक फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि  जाना और आना दोनों तरफ की टिकट का शुल्क 110 रुपये के लगभग होगा। साथ ही रोपवे का संचालन मंदिर खुलने और दर्शनों की टाइमिंग के अनुसार किया जाएगा।

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