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राष्ट्रीय एकता के साथ विपक्ष कर रही खिलवाड़, AMU मुसलमान को दे रहा आरक्षण!


ऐसा संस्थान जो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लोगों को कोई आरक्षण नहीं देता है, लेकिन मुसलमानों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था दी जाती है।


CM Yogi Adityanath: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की संविधान पीठ ने बीते दिन शुक्रवार को 57 साल पुराने उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा पाने का हकदार नहीं है क्योंकि इसकी स्थापना केंद्रीय कानून के तहत हुई है। सुप्रीम कोर्ट के AMU के फैसले का जिक्र यूपी के सीएम योगी ने किया हैं और चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।

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अलीगढ़ कैसा होना चाहिए ?

आपको बतादें कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) केंद्र के पैसे से चलती है, लेकिन वंचितों-पिछड़ों को आरक्षण नहीं दे रहे हैं। सीएम योगी ने आगे कहा-  अलीगढ़ कैसा होना चाहिए, उसमें खैर की क्या भूमिका होनी चाहिए? इसके बारे में चर्चा करने आपके बीच में आया हूं।

जहां, मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर कहा कि भारत की संसाधनों से बनने वाला, भारत की जनता के टैक्स से चलने वाला एक ऐसा संस्थान जो अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लोगों को कोई आरक्षण नहीं देता है, लेकिन मुसलमानों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था दी जाती है।

एएमयू में ऐसा नहीं किया जाता

मंडल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सुविधा एससी-एसटी समुदाय को मिलती है, लेकिन एएमयू में ऐसा नहीं किया जाता है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आरक्षण नहीं दिया जाता है। जब भारत सरकार का पैसा यूनिवर्सिटी में लगा है, तो नौकरी से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में भी एससी-एसटी, पिछड़ी जातियों के बच्चों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आपकी भावना के साथ, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ समझौता कर रहे हैं। ये लोग वोट बैंक के चक्कर में राष्ट्रीय अस्मिता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

इनके बहकावे में मत आओ- सीएम

अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में रामजी का वनवास हमने देखा, मथुरा का मामला हमारे सामने है। वाराणसी का मामला हम सबने देखा... हमारी मां-बहनों के साथ क्या कुछ नहीं हुआ था, अगर इन सबके बावजूद भी हम आंखों पर पट्टी बांधकर जाति में बंटे हुए हैं, तो कटने के सिवाय कोई दूसरी नीति नहीं हो सकती। सीएम ने आगे कहा- बंटो मत, ये बांटने वाले आपके दुश्मन हैं, आपके चेहरे पर मीठी-मीठी बातें बोलेंगे, इनके बहकावे में मत आओ। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे।

जनता को सुरक्षा का एहसास भाजपा ही दे सकती है। अलीगढ़ से ज्यादा अच्छा उदाहरण आपको क्या मिलेगा, क्योंकि जिन राजा महेंद्र प्रताप को कांग्रेस ने पूरी तरह भुला दिया था, उन राजा महेंद्र प्रताप सिंहजी के नाम पर भी हमने स्टेट यूनिवर्सिटी अलीगढ़ को दी है। स्टेट यूनिवर्सिटी आने वाले समय में एक उत्कृष्टतम विश्वविद्यालय बने, इसके लिए भाजपा के प्रत्याशी को जितना बहुत जरूरी है।

आर्टिकल -370 प्रस्ताव पर भी बोला हमला

सीएम ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा में 370 को लेकर पास हुए प्रस्ताव पर कांग्रेस को नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार को घेरा। जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस सरकार है, आपकी भावना के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता और अखंडता के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं, कश्मीर को एक बार फिर से मजहबी उन्माद के कोढ़ में बदलने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। उसने प्रस्ताव पारित किया है कि कश्मीर में आर्टिकल -370 की बहाली होनी चाहिए। ये जानते हुए कि बाबा साहब अंबेडकर नहीं चाहते थे कि आर्टिकल- 370 भारतीय संविधान में जुड़े, लेकिन पंडित नेहरू की जबरदस्ती ने भारतीय संविधान से कश्मीर को अलग रखा। कश्मीर में आतंकवाद की जड़ धारा-370 है।

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