15 अगस्त की जीत के पीछे छुपी वो खूनी लड़ाई
इतिहास के पन्नों में 15 अगस्त की वो जीत जिसने देश के इतिहास के पन्नों की लिखावट ही बदल दी थी। 15 अगस्त ये वो दिन है जिस दिन देश को अंग्रेजों के शासन और अंग्रेजों की हुकमत से आजादी मिली थी और भारत स्वतंत्र हो गया था। आपको बता दे कि राजा महाराजाओं के शासन काल में ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में कारोबार के सीलसीलें में आई थी
Independence Day : इतिहास के पन्नों में 15 अगस्त की वो जीत जिसने देश के इतिहास के पन्नों की लिखावट ही बदल दी थी। 15 अगस्त ये वो दिन है जिस दिन देश को अंग्रेजों के शासन और अंग्रेजों की हुकमत से आजादी मिली थी और भारत स्वतंत्र हो गया था। आपको बता दे कि राजा महाराजाओं के शासन काल में ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में कारोबार के सीलसीलें में आई थी और फिर धीरे-धीरे अंग्रेजो ने भारत में हुकूमत और शासन के पैर पसारना शुरू कर दिया था। उसके बाद ब्रिटिश सरकार का राज भारत में चलने लगा।
15 अगस्त की तारीख जो देश के लोगों के जहन में जरूर याद होगा आज हम भले इसे एक बड़ा राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है मगर इस दिन को पाने के लिए कई लोगों का बलिदान भी हुआ हैं। इस दिन देश को अंग्रेजों से आजादी मिली थी और भारत स्वतंत्र हो गया था।
जानें इतिहास के पन्ने का सच
अब बात करें कि आखिर भारत पर अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत क्यों चलाई, दरअसल इससे पहले राजा महाराजाओं के दौर में ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में कारोबार करने के लिए आई थी, जिसने कारोबार करने के साथ भारत में अपनी हुकूमत भी भैलानी शुरू कर दी। जिसके बाद राजाओं से ब्रिटिश सरकार उनका राज छीन कर भारत में अपना शासन चलाने में सफल हो गई। मगर भारत को अंग्रजों की इस गुलामी से छुटकारा दिलाने के लिए और ब्रिटिश हुकूमत खत्म करने के लिए देश भक्तों ने कदम उठाया और अपनी भारत मां को देश आजादी दिलाने के लिए कई बलिदान भी दिए।
देश-दुनिया के इतिहास में 15 अगस्त तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटना
अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया और इसी के साथ पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया. इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए।
1854 : ईस्ट इंडिया रेलवे ने कलकत्ता (अब कोलकाता) से हुगली तक पहली यात्री ट्रेन चलाई, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसका संचालन 1855 में शुरू हुआ।
1866: लिकटेंस्टीन जर्मनी के शासन से मुक्त हुआ।
1872 : भारतीय दार्शनिक श्री अरबिंदो का जन्म।
1886 : भारत के महान संत एवं विचारक गुरु रामकृष्ण परमहंस उर्फ गदाधर चटर्जी का निधन।
1945: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया दोनों आजाद हुए।
1947 : भारत को अंग्रेज़ों की हुकूमत से आजादी मिली।
1947 : रक्षा वीरता पुरस्कारों-परमवीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र की स्थापना।
1975 : बांग्लादेश में सैनिक क्रान्ति।
1950 : भारत में 8.6 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण 20 से 30 हजार लोगों की मौत।
1960: कांगो फ्रांस की गुलामी से आज़ाद हुआ।
1971 : बहरीन ब्रिटेन के शासन से आजाद हुआ।
1972 : पोस्टल इंडेक्स नंबर अर्थात पिन कोड लागू किया गया।
1982 : राष्ट्रव्यापी रंगीन प्रसारण और टीवी के राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत।
1990 : जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल आकाश का सफल प्रक्षेपण।
2007 : दक्षिण अमेरिकी देश पेरु के मध्य तटीय इलाके में 8.0 तीव्रता के भूकंप से 500 से ज्यादा लोगों की मौत।
2021: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा. राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा।
2021: हैती में भूकंप से 724 लोगों की मौत।
आजादी की सांस
अंग्रेजों की लंबी गुलामी के बाद भारत ने आखिरकार 15 अगस्त 1947 को आजाद हवा में सांस ली और आजाद सुबह का सूरज देखा। हालांकि, इस सूरज में बंटवारे के जख्म का दर्द भी था। बंटवारे के बाद मिली आजादी खुशी के साथ ही दंगों और सांप्रदायिक हिंसा का दर्द भी दे गई। लेकिन 15 अगस्त की तारीख केवल भारत की आजादी के लिए ही नहीं याद की जाती है बल्कि इतिहास के पन्नों में कई ऐसी घटनाएं दर्ज हैं जिनके लिए भी ये तारीख जानी जाती है। देश-दुनिया के इतिहास में 15 अगस्त की तारीख पर दर्ज प्रमुख घटनाओं कुछ इस प्रकार है:-
15 अगस्त की तारीख भारतीय डाक सेवा के इतिहास में एक खास कारण से दर्ज है। दरअसल 1972 में 15 अगस्त के ही दिन ‘पोस्टल इंडेक्स नंबर’ यानी PIN कोड लागू किया गया था। हर इलाके के लिए अलग पिन कोड होने से डाक की आवाजाही में आसानी होने लगी।
अमेरिकी फौज के अफगानिस्तान से वापस जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान के लड़ाकों ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया और इसी के साथ पूरे देश पर तालिबान का कब्जा हो गया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़कर चले गए।
कई देश हुए थे आजाद
15 अगस्त को भारत के साथ कई अन्य देश भी अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. इन देशों में दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, कांगो, बहरीन आदि देश शामिल है.