यूनिफाइड पेंशन स्कीम को सरकार से मिली मंजूरी, जानें क्या-क्या होगे फायदे
केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दी है।
Unified Pension Scheme: केंद्रीय कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है, यह अहम फैसला कैबिनेट की बैठक में हुआ हैं। इस फैसले से केंद्र सरकार के 23 लाख सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) को फायदा होगा। इसके लिए कर्मचारियों के पास NPS या UPS में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा।
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पेंशन स्कीम को मिली स्वीकृति
बताते चले कि केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम में सुधार की मांग को स्वीकार करते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दी है। वहीं डॉ. सोमनाथ कमेटी की ओर से दी गई रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया गया।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जैसा कि आप सभी जानते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरे कार्यकाल चल रहा है, जिसमें मोदी केंद्र सरकार लगातार ऐतिहासिक फैसले ले रही है। ऐसे में केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग ने आज तीन अहम फैसले लिए हैं। इस अहम फैसले में बायो E3 पॉलिसी और विज्ञान धारा स्कीम को भी केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
पीएम मोदी ने UPS पर किया पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर एक एक्स पोस्ट में कहा, "हमें उन सभी सरकारी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत पर गर्व है जो राष्ट्रीय प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यूनाइटेड पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए सम्मान और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है, जो उनकी भलाई और सुरक्षित भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।"
जानें कब लागू होगा UPS- अश्विनी वैष्णव
वहीं अहम फैसले को लेकर केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- "यूनिफाइड पेंशन स्कीम एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। जिसका लाभ 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा। यह एक वैकल्पिक स्कीम होगी, कर्मचारियों के पास से एनपीएस या यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा। नई स्कीम उन कर्मचारियों के लिए भी लागू होगी, जिन्होंने 1 जनवरी 2004 के बाद ज्वाइन किया लेकिन रिटायर हो चुके हैं।
इसके साथ ही वैष्णव ने बताया कि इसके तहत अगर किसी कर्मचारी ने न्यूनतम 25 साल तक काम किया है तो रिटायरमेंट के पहले आखिरी 12 महीने के औसत वेतन का कम से कम 50 फीसदी जरूर मिलेगा। 10 साल की नौकरी करने वाले को 10 हजार का लाभ मिलेगा।
क्या-क्या होगे फायदे?
- फैमिली पेंशन 60 फीसदी दी जाएगी। मतलब सरकारी कर्मचारी की मौत होती है तो उनके आश्रित को अंतिम पेंशन का 60 फीसदी मिलेगा।
- एनपीएस और यूपीएस दोनों में एक चुनने का विकल्प होगा।
- जो पहले से एनपीएस चुन चुके हैं उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा।
- इस पेंशन के हकदार वही होंगे जो कम से कम 10 साल नौकरी करेंगे।
- 10 साल की नौकरी के बाद अगर कोई नौकरी छोड़ता है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे।
- राज्य सरकार भी इसी मॉडल को लागू कर सकेगी।
- रिटायर होने पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान भी किया जाएगा।
- कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा।
- इसका 18 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी।
- कर्मचारी का योगदान एनपीएस की ही तरह दस प्रतिशत रहेगा।
- सरकारी कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा।
- कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले को रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा।
- हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन + डीए) का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।
करोड़ों का बोझ सरकारी खजाने पर पडेगा
बताते चले कि मिली जानकारी की मानें तो सरकारी खजाने पर पहले साल 800 करोड़ का बोझ पड़ेगा और उसके बाद करीब 6000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। हालांकि इस स्कीम में कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान पेंशन योजना के अनुसार, कर्मचारी 10 प्रतिशत योगदान करते हैं जबकि केंद्र सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। वहीं यूपीएस में केंद्र सरकार का योगदान बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया जाएगा।