सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स पॉलिसी से मची खलबली, ओवैसी ने यूपी सीएम को बोले तीखे बोल
स्कीम के तहत सोशल मीडिया पर बाबा की झूठी तारीफ करने से कोई 8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
Uttar Pradesh: यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ नव जवानों को रोजगार देने के साथ ही सोशल मीडिया को भी बढ़ावा दे रहे है। इसके लिए योगी सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए नई पॉलिसी लेकर आई हैं। सरकार द्वारा लाई गई पॉलिसी के तहत अब सोशल मीडिया इंफ्ल्यूसरों को सरकार पैसे देगी। इसके लिए सरकार ने अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए अलग-अलग कैटेगरी बना दी है जैसे कि X, Youtube, Facebook, Instagram के इंफ्यूलेसर को फॉलोअर्स की संख्या के हिसाब से हर महीने पैसे मिला करेंगे।
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पॉलिसी पर मची खलबली
आपको बतादें कि सोशल मीडिया इंफ्ल्यूसरों को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने यूपी डिजिटल मीडिया पॉलिसी 2024 को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को 8 लाख रुपये तक के सारे विज्ञापन मिल सकते हैं,वहीं अब इस पॉलिसी को विपक्ष पार्टीयों में खलबली मच गई हैं। इसी के साथ ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पॉलिसी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। ऐसे में अब आज यानि 28 अगस्त को असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया X के जरिए एक पोस्ट जारी किया है।
बतादें कि असदुद्दीन ओवैसी ने X प्लेटफॉर्म पर पोस्ट में कहा-'अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए योगी आदित्यनाथ ने एक नई स्कीम चलाई है, स्कीम के तहत सोशल मीडिया पर बाबा की झूठी तारीफ करने से कोई 8 लाख रुपये तक कमा सकते हैं। अगर आपने बाबा या उनकी पार्टी का कानूनी विरोध भी किया तो आपको राष्ट्र विरोधी घोषित कर जेल भेजा जाएगा, आपके टैक्स के पैसों से अब IT Cell वालों का घर चलेगा। इसके साथ ही औवेसी ने इस पोस्ट को सीएम योगी को भी टैग किया हैं।
जानें इन्फ्लुएंसर्स के लिए पॉलिसी
आपको बतादें कि योगी सरकार सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने वालों के फॉलोअर्स के हिसाब से पैसे देगी। जिसके तहत सरकार की ओर से हर महीने 30 हजार रुपए से लेकर 8 लाख रुपए तक देने का प्रावधान है। बताते चले कि सरकार की यह पॉलिसी उन सभी लोगों के लिए भी होगी जो यूपी से बाहर रह कर भी सरकार के काम का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। यह ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर और फॉलोअर्स के आधार पर चार हिस्सों में बांटा गया है साथ ही सरकार की पॉलिसी यह भी है कि किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए।
क्योंकि ऐसा अगर होता पाया जायेगा तो यह सरकार की पॉलिसी का उल्लंघन माना जाएंगा और उन सोशल मीडिया यूजर्स के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है। बताते चले कि बीते दिन हुई कैबिनेट बैठक में पार्टी हाईकमान का निर्देश है कि नेता सोशल मीडिया पर सरकार की योजनाओं का बढ़-चढ़कर प्रचार और प्रसरा करें। इसके साथ ही बैठकों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहने के लिए कहा गया है।
जनता देखेगी सरकार का सच
जैसा कि आप सभी जानते है कि बीते लोकसभा चुनाव के नतीजे यूपी सरकार यानि की बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा हैं। जिसका नतीजा यह रहा है कि बीजेपी पार्टी को इस बार 29 सीटे गवानी पड़ी थी। इसका एक कारण यह भी मान सकते है कि विपक्ष पार्टी के 2 लाख वाले खटाखट ने लोगों को गुमराह किया था जिसके चलते बीजेपी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों को जनता ने अनदेखा किया था और नतीजा बीजेपी को गलत मिला।
वहीं अब आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार अपनी मजबूती से मैदान में उतरने की तैयारी में लग गई हैं। जिसके लिए बीजेपी सरकार ने प्रचार-प्रसार के लिए यह पॉलिसी बनाई है, जिसमें सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को हर महीने 8 से 2 लाख रुपये तक मिल सकते हैं। इस पॉलिसी से सरकार द्वारा किए गए कार्यों को सही तरह से उजागर कर जनता तक पहुंचाया जाएं और अपराध करने वाले अपराधी भी गलती करने से बचे। बताते चले कि यूपी में यह पॉलिसी आने से पहले राजस्थान में आई थी।
देश विरोधी पोस्ट पर मिलेगी सजा
बतादें कि योगी सरकार की नई सोशल मीडिया पॉलिसी में राष्ट्र विरोधी कॉन्टेंट डालने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। अभी तक आईटी एक्ट की धारा 66E, और 66F के तहत कार्रवाई की जाती थी। इसके अलावा अभद्र एवं अश्लील सामग्री पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का भी सामना करना पड़ सकता है।