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पत्नी ने वैवाहिक संबंध को बनाया खेल, बॉम्बे HC ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

Bombay High Court: विवाह संबंध कितना पवित्र होता हैं यह जानना पति और पत्नी दोनों के लिए ही बेहद जरूरी हैं इसके साथ ही दोनों के बीच हर तरह के जरूरी संबंधों का ध्यान रखना भी बेहद ही जरूरी होता हैं। पति-पत्नी के बीच के रिश्ते में शक और क्रूरता का अजोबी-गरीब मामले को लेकर फैसला Bombay High Court में सुनाया गया हैं।

पत्नी ने वैवाहिक संबंध को बनाया खेल, बॉम्बे HC ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

Sex को लेकर Bombay High Court का फैसला

आपको बतादें कि Bombay High Court में Sex करने से मना करना और फिर पति पर शक करना क्रूरता करने के और तलाक के मामले को लेकर Bombay High Court ने अहम फैसला सुनाया। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट बोला- यह तलाक का आधार बनेगा; पत्नी ने 1 लाख महीने मांगा था। जिसको लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को तलाक के एक केस में कहा- यदि पत्नी अपने पति को शारीरिक संबंध से इनकार करती है। फिर उस पर किसी और महिला से संबंध होने का शक करती है तो इसे क्रूरता माना जाएगा।

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जानें क्या बना तलाक की वजह

बताते चले कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने तलाक की एक याचिका पर फैसला सुनाया और कहा- पत्नी का पति पर शारीरिक संबंध के लिए दबाव बनाना भी क्रूरता है, ऐसा करने से पति को मानसिक पीड़ा होती है। खबरों की मानें तो पति से शारीरिक संबंध बनाने से इनकार करना और लव अफेयर का शक करना तलाक का आधार बना जिस पर HC ने फैसला सुनाया। इसके साथ कोर्ट ने कहा- इस शादी के सुधरने की कोई संभावना नहीं है इसके साथ ही कोर्ट ने पति के पक्ष में फैसला सुनाया है।

पत्नी ने वैवाहिक संबंध को बनाया खेल, बॉम्बे HC ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

हाईकोर्ट ने पति के पक्ष में सुनाया फैसला

हाईकोर्ट में जिस मामले पर पति के पक्ष में फैसला सुनाया है उस पूरे मामले को लेकर बतादें कि तलाक तक पहुंचा पति-पत्नी के जोड़े की शादी 2013 में हुई थी, लेकिन दिसंबर 2014 में वे अलग रहने लगे। 2015 में पुरुष ने क्रूरता के आधार पर तलाक के लिए पुणे की पारिवारिक अदालत का दरवाजा खटखटाया जिसे मंजूर कर लिया गया था। महिला ने अपनी याचिका में कहा – उसके ससुराल वालों ने उसे परेशान किया था, लेकिन वह अब भी अपने पति से प्यार करती है और इसलिए वह शादी खत्म नहीं करना चाहती है। पत्नी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और अपने भरण-पोषण के लिए ₹1 लाख प्रतिमाह गुजारा भत्ता मांगा।

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वहीं दूसरी तरफ पति ने कई आधारों पर क्रूरता का दावा किया कि जिसमें शारीरिक संबंध से इनकार करना, उस पर विवाहेतर संबंध होने का संदेह करना और उसके परिवार, दोस्तों और कर्मचारियों के सामने उसे शर्मिंदा करके मानसिक पीड़ा पहुंचाना शामिल है। कोर्ट ने कहा कि महिला का पति की दिव्यांग बहन के साथ उदासीन और उदासीन व्यवहार भी निश्चित रूप से उसे और उसके परिवार के सदस्यों को पीड़ा पहुंचाएगा। अदालत ने महिला की याचिका खारिज करते हुए कहा – दंपति के बीच विवाह टूट चुका है और इसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है। कोर्ट ने पत्नी याचिका को खारिज कर दिया है। तलाक के आदेश को बरकरार रखते हुए, अदालत ने महिला की 1 लाख रुपये मासिक भरण-पोषण की मांग को भी खारिज कर दिया है।

पत्नी ने वैवाहिक संबंध को बनाया खेल, बॉम्बे HC ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला

शारीरिक संबंध के लिए दवाब क्रूरता- कोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने माना कि शादी के बाद पति का शारीरिक संबंध बनाने के लिए इनकार करना गलत नहीं है, हालांकि इसके लिए उस पर लव अफेयर का शक करना क्रूरता ही है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा – महिला के आचरण को उसके पति के प्रति “क्रूरता” माना जा सकता है। कोर्ट ने फैसले में कहा- शादी में अब सुलह की कोई संभावना नहीं है। पति के तलाक के आधार कानूनी रूप से जायज हैं, साथ ही अदालत ने महिला की 1 लाख रुपये मासिक भरण-पोषण की मांग को भी खारिज कर दिया है।

https://www.tv9hindi.com/india/bombay-high-court-denial-of-intimacy-divorce-marital-cruelty-legal-case-india-3395676.html

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