PM Modi Life Secrets: सादा संतुलित भोजन और नित ध्यान-योग पीएम मोदी को बनाता है ऊर्जावान
PM Modi Life Secrets: हमारे देश के प्रधानमंत्री के जीवन के बारे में सभी लोग सोचते है कि आखिर ऐसा क्या है इनमें जो पूरा दिन इतनी मेहनत करते रहते है फिर भी थकते नहीं है, यह रहस्य सभी लोग जानना चाहते हैं। इतना ही नहीं पक्ष हो या विपक्ष सभी उनके जीवन के रहस्य बारे में जानना चाहते है साथ ही उसे जीवन में फॉलो भी करना चाहते हैं।
75 वर्ष के पीएम का संघर्ष भरा जीवन
संघर्ष और सक्रियता भरे जीवन के 75 वर्ष पूरे करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सेहत और अद्भुत कार्य क्षमता प्राय: चर्चा का विषय होती है और कहा जाता है कि आखिर वह इस उम्र भी कैसे रोजाना 16 से 18 घंटे काम कर लेते हैं। इसको लेकर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी तक ने अपनी किताब ‘द प्रेसिडेंशियल इयर्स’ में पीएम मोदी के परिश्रम की सराहना की है और लिखा है कि मोदी ने अपना मुकाम अपनी मेहनत से हासिल किया है। जैसा कि आप सभी जानते है कि पीएम मोदी की बुधवार को 75वीं वर्षगांठ थी।
एक साधारण परिवार में जन्मे नरेन्द्र मोदी वर्ष 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने और 2014 तक वह पद संभाला। वर्ष आम चुनाव में उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी नीत गठबंधन की जीत पर उन्होंने प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में हर दिन बैठकों, देश-विदेश की यात्राओं और अन्य कार्यक्रमों के बावजूद उनके मुख पर कभी थकान का भाव नहीं झलकता।
पीएम मोदी के स्वास्थ्य का रहस्य
हमारे देश के पीएम मोदी स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर बेहद सचेत हैं। यह बात वह मीडिया पर चर्चाओं में खुद कई बार कह चुके हैं। वह औरों को, खास कर युवाओं को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने को प्रेरित करते रहते हैं। देश में युवा वर्ग में मोटापे की समस्या के खिलाफ उनके द्वारा प्रेरित अभियान इसका एक उल्लेखनीय उदाहरण है। उनके प्रयास से योग आज अंतरराष्ट्रीय अभियान बन गया है।
शुद्ध शाकाहारी और नवरात्र का उपवास रखने वाले पीएम मोदी मूलमंत्र योग के साथ वर्क-आउट और खान-पान पर विशेष ध्यान देते हैं। यही वजह है कि सुबह जल्दी उठने और देर रात तक काम करते हरने के बावजूद उनकी ऊर्जा बनी रहती है। उनकी स्वयं की चर्चाओं और प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार पीएम मोदी रात में तीन से चार घंटे ही सोते हैं। दिन भर काम और सार्वजनिक जीवन की चुनौतियों के बीच वह हर पल खुद को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करते हैं। ध्यान और आत्मचिंतन करने की आदत उन्हें मानसिक रूस से मजबूत बनाती हैं।
पीएम का सादा जीवन
प्रधानमंत्री कई बार कह चुके हैं कि उनका भोजन पान साधारण है। वह साल में साल में 300 दिन कम कैलोरी, उच्च प्रोटीन और फाइबर से युक्त मखाना (फॉक्स नट्स) जरूर खाते हैं। अधिकतर उबला और हल्का खाना ही उन्हें पसंद है। वह तले हुये और मसालेदार भोजन लेने से परहेज करते हैं। वह शरीर में पानी का संतुलन बनाये रखने पर विशेष ध्यान देते हैं और दिन भर पर्याप्त मात्रा में पेय जल लेते हैं। इसके साथ ही वह जितना संभव हो खुद को तकनीक से दूर रख कर मानसिक विश्राम लेते हैं।
प्रधानमंत्री का कहना है कि उनका जीवन एक मिशन की तरह है और जब किसी के जीवन में उद्देश्य होता है, तो ऊर्जा स्वत: बनी रहती है। कठिन परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहने की कला उनके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाती है। पीएम मोदी सुबह नौ बजे से पहले नाश्ता कर लेते हैं और इसमें वह हरी सब्जियां, मौसमी फल और साबुत अनाज का वह सेवन करते है। उन्हें नाश्ते में पोहा लेना पसंद है। उन्हें डोकला बेहद पसंद हैं और रात के भोजन में खिचड़ी का स्थान सबसे ऊपर है। वह सेव-टमाटर की करी और अजवाइन और हिंग मिलाकर बनी चपाती भी पंसद करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को खाने के बाद दही, मीठा , इलायची और सूखे फल से तैयार श्रीखंड भी पसंद है। टमाटर-आधारित करी पर ऊपर से सेव की कुरकुराहट सेव-टमाटर को उन्होंने बैठकों के मेन मेन्यू में शामिल करवाया है। मिष्ठानों में श्री मोदी मारवाड़ी पुलाव को बड़े चाव से खाते हैं। उनके लिए प्यूरी दही, काजू और अनार के साथ रिच राजस्थानी पुलाव पूर्णाहार है।
इसके साथ ही वह रवा मसाला डोसा को खाना बेहद पसंद करते हैं। पारंपरिक साउथ इंडियन डोसा, मसालेदार और सुपाच्य भोज्य पदार्थ भी उनकी पसंद हैं। बिहार के लोगों की पंसदीदा लिट्टी और चोखा की अक्सर चर्चा होती हैं। पीएम मोदी ने एक अवसर पर दिल्ली के हुनर हाट में बड़े चाव से इसका आनंद उठाया था। पीएम मोदी अपराह्न में सादा भोजना लेना पसंद करते है। उनके भोजन की थाली में मोरिंगा (सहजन) का पराठा हमेशा रहता है। इस पराठे में विटामिन सी, पौटेशियम, बीटा-कैरोटिन, प्रोटीन से भरपूर पोषक तत्व होते है।
पीएम मोदी का राष्ट्रीय एकता का संदेश
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में हर स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्र के नाम उनके संबोधन के अवसर पर उनके भाषण के विभिन्न बिंदुओं के साथ उनकी पगड़ी की चर्चा एक अनिवार्य विषय रहती है। मोदी हर बार अलग-अलग शैली और कलेवर वाली पगड़ी पहन कर लाल किले की प्राचीर पर ध्वज फहराते हैं। उनकी ये पगड़ियां परंपरा और आधुनिकता के समन्वय के साथ राष्ट्र एकता के साथ अंतर्निहित प्रतीकात्मक संदेश देती हैं।
पीएम मोदी ने 2014 में पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया था। इस वर्ष प्रधानमंत्री ने भगवा रंग की पगड़ी के साथ कंधे पर तिरंगा पटका लगा रखा था, जिसे शक्ति और देश भक्ति का संदेश के रूप में लिया गया। ऑपरेशन सिंदूर और देश के खिलाफ अमेरिका द्वारा लगाये गये भारी आयात शुल्क के बीच श्री मोदी ने इस बार के अपने संबोधन में स्वदेशी और आत्म निर्भरता पर बल दिया था।
लाल किले की प्राचीर से संबोधन के समय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा धारण की गयी पगड़ियों की शैली और विशेषता इस प्रकार रही है। प्रधानमंत्री ने 2014 में चटकीले लाल और हरे रंग की जोधपुरी बंधेज पगड़ी बांध रखी थी। यह पगड़ी राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के साथ समृद्ध भारतीय संस्कृति का प्रतीक थी।
वर्ष 2015 में विविवधता और उत्साह का संदेश देते हुए पीले रंग की उनकी पगड़ी में लाल और गहरे हरे रंग की आड़ी तिरछी धारियां थीं। पारंपरिक राजस्थानी शैली की विशेषता वाली इस पगड़ी में लंबी पूंछ टखनों तक लटकी थी।
पीएम मोदी ने 2016 में उत्साह और रचनात्मकता का संदेश देते हुए गुलाबी और पीले रंग की एक अनूठी छवि वाली टाई-डाई पगड़ी पहनी थी।
2017 के स्वतंत्रता दिवस पर उनकी पगड़ी उत्सव के प्रतीक चमकीली पीले रंग की थी। यह पगड़ी उनके सकारात्मक और दूरदर्शी भाषण के साथ राष्ट्रीय गौरव और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित कर रही थी।
साल 2018 में उनकी पगड़ी बलिदान और साहस के प्रतीक केसरिया रंग की थी, जो लाल पैटर्न से सजी थी। इसकी टखनों तक लंबी पूंछ इसे और आकर्षक बना रही थी।
वर्ष 2019 में उन्होंने लोक कला और सांस्कृतिक विविधता की स्मृति में कढ़ाई वाली भगवा पगड़ी पहनीं थी, जो राष्ट्रीय गौरव और भारत की कलात्मक विरासत को दर्शा रही थी। इसके साथ पैटर्न वाले दुपट्टा उनकी छवि को और समृद्ध बना रहा था।
श्री मोदी ने 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच सफेद कुर्ते और नारंगी-सफेद दुपट्टे के साथ एकता और रक्षा की भावना को प्रदर्शित करते हुए भगवा और क्रीम रंग की पगड़ी पहनी जो सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक थी।
वह 2021 में केसरिया पगड़ी, गुलाबी लकीरों के साथ लंबी पूंछ वाली पकड़ी धारण किये हये थे। इसे सामूहिकता एवं जीवंतता के प्रतीक के रूप में देखा गया। इसके साथ उनका सफेद कुर्ता, चूड़ीदार और नीली जैकेट के साथ जोड़ा गया, जो परंपरा और आधुनिकता का मिश्रण दर्शा रहा था।
उन्होंने 2022 में राष्ट्र प्रेम और एकता का संदेश देते हुए हर घर तिरंगा अभियान के अनुरूप तिरंगे रंगों वाली पगड़ी पहनी थी, जो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की याद दिलाती थी।
वर्ष 2023 में प्रधानमंत्री के सर पर पारंपरिक संरचना और विविधता का प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए पीले, हरे और लाल रंगों वाली बांधनी प्रिंट राजस्थानी पगड़ी पहनी। इसे ऑफ-व्हाइट कुर्ते और काले वी-नेक जैकेट के साथ जोड़ा गया।
वर्ष 2024 में श्री मोदी प्रकृति प्रेरित डिजाइन सांस्कृतिक विरासत को नमन करते हुए नारंगी, पीले और हरे रंग की लहरिया प्रिंट वाली राजस्थानी पगड़ी पहन कर लाल किले पर ध्वजारोहण किया था। इसे सफेद कुर्ते और हल्के नीले नेहरू जैकेट के साथ जोड़ा गया, जो भारत की विविधता और एकता को दर्शाता था।