पीएम मोदी बोले- वंदे मातरम तोड़ने वाली सोच अब भी है चुनौती
Vande Mataram 150: राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बिना शुक्रवार को कहा- एक विभाजनकारी सोच ने 1937 में राष्ट्र निर्माण के महामंत्र वंदे मातरम के कुछ अंशों को निकालकर तोड़ दिया था और वंदे मातरम के इस विभाजन ने देश के विभाजन के भी बीज बो दिये थे। उन्होंने देशवासियों विशेष रूप से युवाओं को आगाह करते हुए कहा- यह विभाजनकारी सोच आज भी देश के लिए चुनौती बनी हुई है और इससे सावधान रहने की जरूरत है।
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वन्देमातरम् के सामूहिक गान के हर स्वर में राष्ट्रभक्ति, एकता और समर्पण की अद्भुत गूंज सुनाई दे रही थी। इस प्रस्तुति ने हर किसी को एक बार फिर यह अनुभव कराया कि वंदेमातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति है। pic.twitter.com/edq7j6sBAa
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
स्मारक सिक्का, डाक टिकट जारी
बताते चले कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित स्मरणोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक सिक्का तथा स्मारक डाक टिकट जारी किया और वंदे मातरम को समर्पित पोर्टल की भी शुरूआत की। केन्द्र सरकार ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर को मनाने के लिए साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की घोषणा की है। ये कार्यक्रम अगले एक वर्ष तक पांच चरणों में आयोजित किए जायेंगे।
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गुलामी के कालखंड में वन्देमातरम् इस संकल्प का उद्घोष बन गया कि भारत आजाद होगा, मां भारती के हाथों से गुलामी की बेड़ियां टूटेंगी और उसकी संताने स्वयं अपने भाग्य की विधाता बनेंगी! pic.twitter.com/RC6Yfa32dC
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
वंदे मातरम के हिस्से को अलग कर दिया- पीएम
पीएम मोदी ने आजादी से लेकर अब तक वंदे मातरम की देश निर्माण में महत्वपूर्ण यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा- वंदे मातरम से जुड़ा एक और विषय है जिसकी चर्चा करना उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा- “आजादी की लड़ाई में वंदे मातरम की भावना ने पूरे राष्ट्र को प्रकाशित किया था। लेकिन दुर्भाग्य से 1937 में वंदे मातरम के महत्वपूर्ण पदों को, उसकी आत्मा के एक हिस्से को अलग कर दिया गया था। वंदे मातरम को तोड़ दिया गया था। उसके टुकडे किये गये थे। वंदे मातरम के इस विभाजन ने देश के विभाजन के बीज भी बो दिये थे। राष्ट्र निर्माण के इस महामंत्र के साथ यह अन्याय क्यों हुआ । ये आज की पीढी को भी जानना जरूरी है क्योंकि वही विभाजनकारी सोच विभाजनकारी सोच देश के लिए आज भी चुनौती बनी हुई है।”
वन्देमातरम् की पूरी रचना में बंकिम बाबू के एक-एक शब्द और उसके भाव के अपने गहरे निहितार्थ हैं। इसीलिए यह हर दौर और हर कालखंड में प्रासंगिक है। pic.twitter.com/3EALDsyQn2
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
उन्होंने जोर देकर कहा- हम सब को मिलकर इस सदी को भारत की सदी बनाना है। उन्होंने कहा- “यह सामर्थ्य भारत में है। हमें इसके लिए खुद पर विश्ववास करना है।” उन्होंने नकारात्मक सोच वाले लोगों से सतर्क रहने का आह्वान करते हुए कहा- इनकी शंका पैदा करने की कोशिश को नाकाम करना होगा। उन्होंने कहा – नकारात्मक सोच वाले लोग शंका पैदा करने की कोशिश करेंगे। इस सोच से निपटने के लिए हमें आनंदमठ के प्रकरण को ध्यान में रखकर कदम उठाना होगा। उन्होंने कहा,”भारत माता की 140 करोड संतान और उनकी 280 करोड भुजाएं हैं । हमारे लिए कुछ भी असंभवन नहीं है। आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा करना सबका संकल्प होना चाहिए।”
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वंदे मातरम के 150 वर्ष की शुभकामना- पीएम
आज वन्देमातरम् के 150 वर्षों से जुड़ी वेबसाइट का शुभारंभ कर बहुत प्रसन्नता हुई है। अब प्रत्येक देशवासी अपनी आवाज में इस अमर गीत को गाकर उससे आत्मीय जुड़ाव महसूस कर सकता है।https://t.co/7n0CCoyQFR
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए पीएम मोदी ने कहा – हर रचना एक मूल संदेश होता है, मूल भाव होता है और वंदे मातरम का मूल भाव भारत और मां भारती है। भारत की शाश्वत संकल्पना है। भारत ने इसी के आधार पर अपनी एक सांस्कृतिक पहचान बनाई, ताकत और नैतिकता के बीच संतुलन बनाया। भारत की यह संकल्पना उसकी वैचारिक शक्ति है।
आज की पीढ़ी के लिए यह जानना भी जरूरी है कि राष्ट्र निर्माण के महामंत्र वन्देमातरम् के महत्वपूर्ण पदों को क्यों हटाया गया, जो एक बड़ा अन्याय था। pic.twitter.com/tWuzf7VqHd
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा- वंदे मातरम के हर एक शब्द का अपना महत्व है और यह हर दौर, हर कालखंड में प्रासंगिक है , इसने अमरत्व प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि कुछ शताब्दी पूर्व वैश्विक जीडपी का एक चौथाई हिस्सा भारत के पास था और बंकिम बाबू ने इसके माध्यम से समृद्ध भारत का आह्वान किया। उनका मानना था कि भारत अपने स्वर्णिम दौर को पुनर्जीवित कर सकता है।
आज हम 140 करोड़ देशवासी ऐसे सभी गुमनाम लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जो वन्देमातरम् का उद्घोष करते हुए देश के लिए बलिदान हो गए। pic.twitter.com/GKamHwDhqq
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
वंदे मातरम आजादी का गान – पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा- वंदे मातरम केवल आजादी का गान ही नहीं बना बल्कि इसने आजाद भारत का सपना भी प्रस्तुत किया। वंदे मातरम ने हर भारतीय की भावना को व्यक्त किया। आजादी की लड़ाई में नई चेतना भरी। उन्होंने कहा- मौजूदा भू राजनीतिक परिस्थितियों में भारत की चेतना अलग है और उसकी अवधारणा भी अलग है। उन्होंने कहा- “भारत में मां जननी भी है और पालनहारिणी और संहारकारिणी भी है। नया भारत आतंक के विनाश के लिए दुर्गा भी बनना जानता है।”
वन्देमातरम् के प्रभाव से आज हम एक बार फिर से ऐसे भारत का सपना साकार कर रहे हैं, जिसमें हमारी नारीशक्ति राष्ट्र निर्माण में सबसे आगे हो। pic.twitter.com/hfLgETE9yX
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2025
उन्होंने कहा कि वंदे मातरम आजादी के परवानों का तराना होने के साथ ही यह भी बताता है कि इस आजादी की रक्षा कैसे करनी है। यह बताता है कि देश ज्ञाान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में शीर्ष पर हो और सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर भी हो। उन्होंने उम्मीद जताई कि वंदे मातरम का मंत्र इस अमृत यात्रा में निरंतर शक्ति और प्रेरणा देगा।
