राहुल गांधी की नागरिकता मामले में कोर्ट से बड़ी राहत, याचिका खारिज
Rahul Gandhi Citizenship: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दोहरी नागरिकता को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। जिससे राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है, बताते चले कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।
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जानें क्यों हुई याचिका खारिज
आपको बतादें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता का आरोप लगाते हुए दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र सरकार को इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया था, इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिन का समय देते हुए एक स्पष्ट रिपोर्ट की मांग की थी, जिसमें सरकार को बताना था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या फिर नहीं हैं। जिसके बाद अब यह मामला खारिज हो गया है।
#BREAKING: The Allahabad High Court at Lucknow Bench has disposed of a PIL seeking cancellation of Lok Sabha LoP Rahul Gandhi’s citizenship, directing the Union of India to take a final decision promptly, as the matter involves communication between two foreign governments. The… pic.twitter.com/QBhP2hRxaF
— IANS (@ians_india) May 5, 2025
बताते चलें कि याचिका में दावा किया गया था कि राहुल गांधी भारत के साथ-साथ ब्रिटेन के भी नागरिक हैं, इसलिए वह संविधान के अनुच्छेद 84 (ए) के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। यह याचिका कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दाखिल की गई थी।
याची को मिली कोर्ट से बड़ी छूट
इलाहाबाद हाई कोर्ट लखनऊ बेंच ने राहुल गांधी को बड़ी राहत देते हुए उनकी नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका को निस्तारित कर दिया है। हालांकि, हाई कोर्ट ने इस फैसले के साथ ही याची एस विग्नेश शिशिर को एक खास छूट दी है। कोर्ट ने कहा है कि वह इस मामले में अन्य विधिक वैकल्पिक उपाय अपना सकते हैं।
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सोमवार को न्यायमूर्ति ए.आर. मसूदी और न्यायमूर्ति राजीव सिंह की बेंच ने सुनवाई करते हुए याचिका को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया कि केंद्र सरकार याची की शिकायत के निस्तारण की कोई समय-सीमा नहीं बता सकी है, इसलिए इस याचिका को विचाराधीन रखना अनुचित होगा। कोर्ट ने याची को अन्य वैधानिक उपाय अपनाने की छूट दी है।

कांग्रेस ने साधा बीजेपी पर निशाना
हाईकोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है, कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने पोस्ट कर BJP पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी के विरुद्ध दायर फर्जी याचिका ख़ारिज होना भाजपाईयों को सबक़ है। राहुल गांधी को परेशान करने के लिए उनकी नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने ख़ारिज कर दिया है।
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जानें क्या थे आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में एक कंपनी के दस्तावेजों में स्वयं को ब्रिटिश नागरिक बताया है, जो भारतीय नागरिकता कानूनों का उल्लंघन है। साथ ही, याची ने राहुल गांधी के सांसद पद को अमान्य घोषित करने और उनके खिलाफ बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) व पासपोर्ट अधिनियम के तहत मामला दर्ज करने की मांग की थी।

याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उसके पास सभी दस्तावेजों के साथ ब्रिटिश सरकार की कुछ ई-मेल भी हैं जो इस बात को साबित करते हैं कि राहुल गांधी एक ब्रिटिश नागरिक हैं। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राहुल गांधी भारत में चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं है और साथ ही वो लोकसभा सदस्य भी नहीं बन सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि इस मामले में सीबीआई द्वारा मामला दर्ज कराया जाए और जांच भी करवाया जाए। याची के मुताबिक, दोहरी नागरिकता के संबंध में सक्षम प्राधिकारी को दो-दो बार शिकायतें भेजी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई न होने के बाद ही हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने इसे पर्याप्त न मानते हुए याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।