रेलवे का नया लगेज नियम: तय सीमा से ज्यादा सामान पर होगा जुर्माना, एयरपोर्ट जैसी सख्ती
Indian Railways: भारतीय रेलवे अब यात्रियों की यात्रा को और व्यवस्थित बनाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। जल्द ही ट्रेन यात्रा करने वाले यात्रियों को भी एयरपोर्ट जैसी सख्ती का सामना करना पड़ेगा। यानी स्टेशन में प्रवेश से पहले ही आपके बैग का वजन तौला जाएगा और तय सीमा से अधिक सामान होने पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
उत्तर रेलवे (Northern Railway) और उत्तर मध्य रेलवे (North Central Railway) ने इस व्यवस्था की शुरुआत लखनऊ और प्रयागराज मंडल के प्रमुख स्टेशनों से करने का फैसला किया है। आने वाले समय में धीरे-धीरे इसे देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लागू किया जाएगा।

क्यों लागू किए जा रहे हैं नए लगेज नियम?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कदम केवल यात्रियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के लिए नहीं है, बल्कि इसके कई बड़े कारण हैं –
सुरक्षा को मजबूत करना – एयरपोर्ट की तरह हर यात्री का बैग चेक और तौला जाएगा, जिससे बिना अनुमति के सामान ले जाना मुश्किल होगा।
भीड़ और अव्यवस्था पर नियंत्रण – कई यात्री कोच में बहुत बड़े-बड़े बैग लेकर चढ़ जाते हैं जिससे रास्ता रुकता है और असुविधा होती है।
यात्रियों की सुविधा बढ़ाना – साफ-सुथरे प्लेटफार्म और आरामदायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना।
नियमों का पालन – पहले से ही रेलवे ने फ्री लगेज लिमिट तय की है, लेकिन इसका पालन अक्सर नहीं होता। अब इस पर सख्ती बरती जाएगी।
रेलवे में पहले क्या था नियम?
भारतीय रेलवे में पहले से ही हर क्लास के लिए मुफ्त लगेज लिमिट (Free Luggage Limit) तय है। फर्क बस इतना है कि पहले इन नियमों का पालन बहुत कम होता था। यात्री आसानी से अधिक सामान लेकर ट्रेन में चढ़ जाते थे।
फर्स्ट एसी (1st AC) – 70 किलो तक फ्री
सेकेंड एसी (2nd AC) – 50 किलो तक फ्री
थर्ड एसी (3rd AC) और स्लीपर (Sleeper) – 40 किलो तक फ्री
जनरल क्लास (General Class) – 35 किलो तक फ्री
पहले इन लिमिट से अधिक सामान होने पर भी अक्सर यात्रियों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। बैग तौलने और चेकिंग की व्यवस्था सिर्फ नाम मात्र की थी।
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रेलवे में पहले क्या था नियम? अब क्या होगा नया बदलाव?

- नए नियम के अनुसार स्टेशन में प्रवेश से पहले यात्रियों का सामान इलेक्ट्रॉनिक मशीनों से तौला जाएगा।
- अगर सामान तय सीमा से ज्यादा पाया गया तो यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क और पेनाल्टी देनी होगी।
- जुर्माना लगेज की सामान्य दर से 1.5 गुना तक हो सकता है।
- अगर बैग का आकार जरूरत से ज्यादा बड़ा है तो भी पेनल्टी लग सकती है, चाहे उसका वजन लिमिट के अंदर ही क्यों न हो।
किन स्टेशनों पर होगी शुरुआत?
रेलवे ने इस व्यवस्था की शुरुआत चुनिंदा बड़े स्टेशनों से करने का फैसला किया है। इनमें शामिल हैं –
- प्रयागराज जंक्शन
- प्रयागराज छिवकी
- सूबेदारगंज
- कानपुर सेंट्रल
- अलीगढ़ जंक्शन
- मिर्जापुर
- टूंडला
- गोविंदपुरी
- इटावा
- लखनऊ चारबाग
- बनारस स्टेशन
- इन जगहों पर यात्रियों के प्रवेश और निकास द्वार पर इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें लगाई जाएंगी।
कब से लागू होंगे ये नियम?

उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के अनुसार, दिसंबर 2026 से प्रयागराज जंक्शन पर इस व्यवस्था की शुरुआत हो जाएगी। यहां Amrit Bharat Station Scheme के तहत लगभग 960 करोड़ रुपये से स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है। यह स्टेशन दिव्यांग-अनुकूल सुविधाओं, आधुनिक इंतजाम और ग्रीन बिल्डिंग मानकों से लैस होगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य बड़े स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
यात्रियों के लिए एयरपोर्ट जैसा सफर
रेलवे की यह पहल यात्रियों के लिए कई मायनों में एयरपोर्ट जैसा अनुभव लेकर आएगी।
सामान की चेकिंग – जैसे एयरपोर्ट पर बैग स्कैन और तौले जाते हैं, वैसे ही स्टेशन पर भी होगा।
क्लीन प्लेटफॉर्म और कोच – बड़े-बड़े बैगों से होने वाली भीड़भाड़ कम होगी।
सुरक्षा रिकॉर्ड – हर यात्री के सामान का पूरा डेटा रहेगा।
पार्सल सेवा – ज्यादा सामान ले जाने पर यात्रियों को पहले से पार्सल बुक कराना होगा।

ज्यादा सामान होने पर क्या करें?
अगर किसी यात्री के पास तय सीमा से अधिक सामान है, तो उसे पहले से पार्सल बुकिंग करानी होगी। 10 किलो तक अतिरिक्त सामान ले जाने की छूट होगी। उससे ज्यादा होने पर सामान को पार्सल बुक कराना अनिवार्य होगा। अगर सामान बड़ा है और कोच या प्लेटफॉर्म पर ज्यादा जगह घेरता है, तो पेनल्टी देनी होगी।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से यात्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी:
सुरक्षा मजबूत होगी – हर बैग की जांच और रिकॉर्ड रखने से सुरक्षा में सुधार होगा।
भीड़ और अव्यवस्था कम होगी – बड़े-बड़े बैगों से रास्ता रुकने की समस्या खत्म होगी।
आरामदायक सफर – कोच और प्लेटफॉर्म पर ज्यादा स्पेस मिलेगा।
पारदर्शिता – नियम सब पर समान रूप से लागू होंगे, जिससे अनुशासन बढ़ेगा।
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यात्रियों की बढ़ सकती है मुश्किल
हालांकि यह कदम सुरक्षा और सुविधा के लिहाज से सही है, लेकिन इससे आम यात्रियों की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार जो अक्सर ज्यादा सामान लेकर ट्रेन से सफर करते हैं, उन्हें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। इसके साथ ही पार्सल बुकिंग का झंझट बढ़ जाएगा। साथ ही अचानक यात्रा करने वालों के लिए यह नियम परेशानी भरा हो सकता है।
पुराने और नए नियमों का अंतर
यात्रा श्रेणी पुराना नियम नया नियम
1st AC – 70 किलो तक फ्री, ज्यादा पर पेनल्टी अनिवार्य
2nd AC – 50 किलो तक फ्री, ज्यादा पर सख्त जुर्माना
3rd AC/Sleeper – 40 किलो तक फ्री, ज्यादा पर 1.5 गुना शुल्क
General – 35 किलो तक फ्री, ज्यादा पर पार्सल अनिवार्य

रेलवे क्यों कर रहा है यह सख्ती?
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, लेकिन यात्रियों की भीड़ और अनुशासनहीनता अक्सर यात्रा को असुविधाजनक बना देती है। हर दिन लाखों यात्री ट्रेन से सफर करते हैं और इनमें से कई यात्री नियमों की अनदेखी कर भारी-भरकम सामान लेकर चढ़ जाते हैं।
इससे न केवल अन्य यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि सुरक्षा जोखिम भी बढ़ता है। ऐसे में रेलवे का यह कदम व्यवस्था को सुचारू और सुरक्षित बनाने की दिशा में अहम साबित होगा। जहां पहले नियम केवल कागजों में थे, अब उनका सख्ती से पालन होगा। हालांकि, ज्यादा सामान लेकर चलने वाले यात्रियों को यह कदम भारी भी पड़ सकता है। आने वाले समय में जब यह व्यवस्था पूरे देश में लागू होगी, तब भारतीय रेलवे का चेहरा पूरी तरह बदल जाएगा।