सात देशों में छाया UPI, डिजिटल भुगतान में भारत विश्व में बना नंबर- 1
India Tops Global Fast Payments With UPI: डिजिटल इंडिया आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है इसका प्रमाण कई देशों में तेजी से बढ़ रही UPI की लोकप्रियता ने दे दिया हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि UPI के जरिए 650+ Million Daily Transactions हो रहे इतना ही नहीं UPI ने Visa को भी पीछे छोड़ा हैं। ऐसे में साफ पता चलता है कि भारत ने फिर एक बार दिखा दिया कि डिजिटल दुनिया में वो सबसे आगे है।
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डिजिटल इंडिया आज वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है, और कई देशों में UPI की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।#MonsoonSession2025 pic.twitter.com/vnTDclY41w
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UPI दुनिया में सबसे आगे
आपको बताते चले कि IMF यानी इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया भर में नंबर-1 बन गया है। इसके साथ ही कई देशों में UPI की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। वहीं बात करें Transactions की तो 650+ Million Daily Transactions के साथ UPI ने Visa को भी पीछे छोड़ा।
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आईएमएफ ने कहा- भारत तेज भुगतान में वैश्विक नेता बन गया है क्योंकि इस साल जून में UPI से 18.39 अरब लेनदेन दर्ज किए गए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि भारत तेज़ भुगतान के मामले में दुनिया में सबसे आगे है।
डिजिटल भुगतान में भारत विश्व में नंबर- 1
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बतादे कि डिजिटल भुगतान में भारत विश्व में नंबर एक पर है, क्योंकि UPI से हर महीने ₹18 अरब के लेनदेन हो रहा इसके साथ ही 49 करोड़+ यूजर्स हैं, 6.5 करोड़ व्यापारियों और 675 बैंकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है। इससे साफ पता चलता है कि भारत कैशलेस और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ रहा है। हर महीने बढ़ता विश्वास, आसान और मुफ्त लेन-देन, और तकनीक का उपयोग भारत को विश्व का डिजिटल भुगतान महाशक्ति बना रहा है।

भारत अब तेज डिजिटल भुगतान के मामले में पूरी दुनिया में सबसे आगे निकल गया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की नई रिपोर्ट ‘खुदरा डिजिटल भुगतान का बढ़ता चलन: इंटरऑपरेबिलिटी का महत्व’ के अनुसार, भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) इस क्रांति का मुख्य आधार है।
From local innovation to global inspiration — UPI is reshaping digital payments with speed, security, and inclusion at its core.
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UPI अब सात देशों में चालू- IMF ने जारी किया नोट

IMF ने हाल ही में एक नोट जारी किया। हेडिंग थी- ‘ग्रोइंग रिटेल डिजिटल पेमेंट्स: द वैल्यू ऑफ इंटरऑपरेब्लिटी.’ इसमें भारत और दुनियाभर में डिजिटल पेमेंट्स के आंकड़े जारी किए गए। इसके मुताबिक़, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा साल 2016 में लॉन्च किए गए UPI ने देश के पेमेंट के तरीके में क्रांति ला दी है। इसके जरिए एक ही मोबाइल ऐप में कई बैंक अकाउंट्स जुड़ रहे हैं। जिससे आसानी से तुरंत लेन-देन हो रहे हैं।

प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) के आंकड़ों के मुताबिक, UPI में अब हर महीने 18 बिलियन (1800 करोड़) ट्रांजेक्शन होते हैं। अकेले जून 2024 में, इसने 1800 करोड़ ट्रांजेक्शन के जरिए 24.03 लाख करोड़ रुपये का लेना-देना हुआ। ये जून 2023 के 1388 करोड़ लेनदेन से 32% ज़्यादा है।

इस सिस्टम को वैश्विक मान्यता भी मिल गई है। अब ये दुनिया भर में लगभग 50% रियल-टाइम डिजिटल पेमेंट्स को संचालित करती है। रिपोर्टस के मुताबिक़, UPI अब सात देशों में चालू है। इनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस शामिल हैं। वहीं, फ्रांस में यूपीआई की शुरुआत भारत के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह यूरोप में यूपीआई की पहली एंट्री है। अब वहां रह रहे भारतीय बिना किसी विदेशी पेमेंट झंझट के आसानी से भुगतान कर सकते हैं।