‘संचार-साथी’ से मिले खोए/चोरी के मोबाइल, बरामद 6 लाख मोबाइल हैंडसेट
दिल्ली: दूरसंचार विभाग की नागरिक-केंद्रित प्रमुख डिजिटल सुरक्षा पहल ‘संचार-साथी’ के जरिए से 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट बरामद किए हैं। यह सुविधा हर एक मिनट में एक फोन का पता लगाने में सहायता कर रही है।
https://www.sancharsaathi.gov.in – ‘संचार-साथी’ पोर्टल
संचार साथी पर मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करें

बतादें कि संचार मंत्रालय ने मंगलवार को बताया – ये मोबाइल ‘संचार साथी’ पर ‘अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा के जरिये बरामद किए गये हैं और इस महत्वपूर्ण उपलब्धि से डिजिटल शासन में नागरिकों का विश्वास मजबूत होता है। मंत्रालय ने कहा – यह उपलब्धि नागरिकों की डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और साइबर अपराध से निपटने में सहयोगी प्रौद्योगिकी की क्षमता को प्रदर्शित करती है।
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संचार साथी पर ‘अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा बिना समय गंवाए दूरसंचार विभाग, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और पुलिस को जानकारी देती है।
संचार साथी की सुविधा जानें
6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट बरामद 📱
— PIB in MP (@PIBBhopal) September 30, 2025
दूरसंचार विभाग की प्रमुख नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुरक्षा पहल "संचार-साथी" पर 'अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें' सुविधा ने 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेटों की बरामदगी की सुविधा प्रदान करके एक…
यह सुविधा नागरिकों को सभी भारतीय दूरसंचार नेटवर्क पर खोए/चोरी हुए मोबाइल की रिपोर्ट करने, ब्लॉक करने, ट्रेस करने या अनब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करती है। किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए, रिपोर्ट किए गए खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को पूरे भारत में दूरसंचार नेटवर्क पर ब्लॉक कर दिया जाता है।
जैसे ही ऐसे खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट के साथ किसी सिम का उपयोग किया जाता है, स्वचालित ट्रेसेबिलिटी सक्रिय हो जाती है और नागरिकों के साथ-साथ उस संबंधित पुलिस स्टेशन को भी अलर्ट भेज दिया जाता है जहां खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की शिकायत दर्ज की गई थी। नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से संपर्क करने के लिए सक्रिय ट्रेसेबिलिटी में पुलिस स्टेशन का विवरण प्रदान किया जाता है।

दूरसंचार विभाग में बढ़ी रिकवरी दर
दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयां क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निरंतर सहयोग करती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि पता लगाए गये उपकरणों को कुशलतापूर्वक कैसे हासिल किया जाए और उनके मालिकों को लौटाया जाए। इन प्रयासों से रिकवरी दर में लगातार माह-दर-माह सुधार हुआ है, मासिक रिकवरी इस वर्ष जनवरी में 28,115 से बढ़कर अगस्त में 45,243 हो गई है- जो आठ महीनों में 61 प्रतिशत की वृद्धि है। इससे लोगों में इस सुविधा के बारे में जागरूकता का भी पता चलता है।
Recovering Lost Connections, Restoring Trust!
— DoT India (@DoT_India) September 30, 2025
DoT’s Sanchar Saathi initiative has successfully recovered 6+ lakh lost & stolen mobile handsets, showcasing the power of AI in combating mobile theft. This milestone strengthens citizen trust in digital governance, boosts recovery… pic.twitter.com/hHv1rAR8wf
संचार साथी देश का सबसे व्यापक डिजिटल सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म बन गया है जिसकी वेबसाइट पर 19 करोड़ से ज़्यादा विज़िट और 90 लाख से ज़्यादा मोबाइल ऐप डाउनलोड हो चुके हैं। डिजिटल सुरक्षा के प्रति संचार साथी के व्यापक दृष्टिकोण में कई अन्य नागरिक-केंद्रित मॉड्यूल शामिल हैं।
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ऐसे करें संदिग्ध धोखाधड़ी की रिपोर्ट

इनमें संदिग्ध धोखाधड़ी संचार की रिपोर्ट के लिए ‘चक्षु’, सभी सक्रिय कनेक्शनों को सत्यापित करने के लिए ‘अपने मोबाइल कनेक्शन को जानें’,पोर्टल, ऐप या 14422 पर एसएमएस के माध्यम से आईएमईआई की प्रामाणिकता जांचने के लिए ‘डिवाइस प्रामाणिकता सत्यापन’, भारतीय कॉलर आईडी वाले संदिग्ध अंतर्राष्ट्रीय कॉल की रिपोर्ट के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय कॉल रिपोर्टिंग’, बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सत्यापित संपर्क जानकारी तक पहुंच के लिए ‘विश्वसनीय संपर्क विवरण’ आदि शामिल हैं।
संचार मंत्रालय ने कहा- संचार साथी का उठाये लाभ

संचार साथी सुरक्षित डिजिटल इको-सिस्टम के निर्माण की दिशा में एक पहल है जहां नागरिक आसानी से और सुरक्षित रूप से सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। भारत की भाषाई विविधता को ध्यान में रखते हुए, संचार साथी मोबाइल एप्लिकेशन हिंदी, अंग्रेजी और 21 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है, जो सभी जनसांख्यिकी और भौगोलिक स्थलों के नागरिकों के लिए पहुंच सुनिश्चित करता है।
संचार मंत्रालय ने कहा है कि सभी को इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए और खोए या चोरी हुए उपकरणों की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए।