उत्तर प्रदेश

संजय सिंह की पदयात्रा में मांग- रोजगार दो–सामाजिक न्याय दो

  • रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा के ग्यारहवें दिन प्रयागराज की धरती पर उमड़ा जनसैलाब, जगह-जगह संजय सिंह का फूल मालाओं से हुआ स्वागत
  • प्रयागराज की धरती पर छात्रों, नौजवानों ने AAP यूपी प्रभारी सांसद संजय सिंह का किया भव्य स्वागत
  • छात्र आंदोलन से लाठीचार्ज तक-पाँच साल में प्रयागराज बना बेरोज़गारों की पीड़ा का केंद्र
  • भर्ती घोटालों और पेपर लीक की आग में जला प्रदेश के युवाओं का भविष्य: संजय सिंह
  • पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले प्रयागराज में योग्यता के बदले छात्रों को मिलती हैं सिर्फ लाठियां
  • बुजुर्गों ने संजय सिंह को पदयात्रा की सफलता का दिया आशीर्वाद, अपनी समस्याओं को भी किया साझा
  • योगी राज में दलित और पिछड़ों पर हो रहा सबसे ज्यादा अत्याचार: संजय सिंह
  • नफरत की नहीं, मोहब्बत की बुनियाद पर हिंदुस्तान आगे बढ़ेगा: संजय सिंह

लखनऊ/प्रयागराज: “रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो” पदयात्रा अपने ग्यारहवें दिन प्रयागराज में अभूतपूर्व जनसमर्थन के साथ आगे बढ़ी। सुबह 10 बजे वृंदावन वाटिका, चौपाई बाग, मऊ अहिमा से शुरू हुई यात्रा जब गंगा डिग्री कॉलेज, सोरांव पहुंची, तो छात्रों, नौजवानों, महिलाओं और बुजुर्गों, यहां तक कि रास्ते में पड़ने वाले गांवों के स्कूली बच्चों ने भी ने जगह-जगह फूल माला पहनाकर संजय सिंह का जबर्दस्त स्वागत किया।

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इस दौरान सोरांव में बुज़ुर्ग दिव्यांग रामकुमार ने संजय सिंह को फर्जी बिजली बिल की अपनी समस्या बताई, वहीं पेंशनधारी राम सुखी पटेल ने जीवित होने के बावजूद मृत दिखाकर पेंशन बंद किए जाने की शिकायत की। दोनों की बातें सुनकर आप सांसद ने समाधान का आश्वासन दिया। जगह-जगह पदयात्रा में जुड़ते छात्रों और नौजवानों ने “रोज़गार दो” के नारे लगाते हुए पदयात्रा को एक विशाल जनांदोलन का रूप दे दिया। पदयात्रा को प्रयागराज की जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिला।

छात्र आंदोलन से लाठीचार्ज तक

‘रोज़गार दो सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा के दौरान आप सांसद संजय सिंह ने कहा- सरयू से संगम तक 12 से 24 नवंबर की यह पदयात्रा इसलिए निकाली जा रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी भयावह स्तर पर पहुँच चुकी है। बेरोजगारी ने अब उत्तर प्रदेश में महामारी का रूप ले लिया है। भर्ती घोटालों, पेपर लीक और परीक्षा रद्दीकरण की लंबी कड़ी ने युवाओं का भविष्य तबाह कर दिया है।

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उन्होंने कहा कि प्रयागराज जैसे ज्ञान और शिक्षा के केंद्र में लाखों छात्र रोजगार की उम्मीद लेकर आते हैं पर सरकार की नीतिगत विफलता उन्हें सिर्फ धोखा देती है। कभी पूर्व का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले प्रयागराज में अब योग्यता की कोई कीमत नहीं रह गई। योगी सरकार ने नौजवानों को उनकी योग्यता पर लाठीचार्ज, मेहनत पर ठगी और सपनों पर ताला लगाने का काम किया है। भाजपा सरकार की इस अव्यवस्था और गलत नीतियों को बदलने के लिए यह पदयात्रा युवाओं की आवाज़ बनकर निकली है।

आग में जला प्रदेश के युवाओं का भविष्य: संजय सिंह

संजय सिंह ने कहा कि पिछले पाँच वर्षों में प्रयागराज में शांतिपूर्ण छात्र आंदोलनों का बर्बरता पूर्वक दमन किया गया—चाहे पीसीएस में धांधली के विरोध का प्रदर्शन हो, इलाहाबाद विश्वविद्यालय का धरना हो या लोक सेवा आयोग के बाहर अभ्यर्थियों की रैली। परीक्षा-दर-परीक्षा रद्द होने से हताश गोंडा के एक नौजवान द्वारा जान देने की घटना ने पूरी व्यवस्था की संवेदनहीनता उजागर कर दी। उन्होंने कहा कि B.Ed-TET, RRB और अन्य भर्तियों में अव्यवस्था ने यह साबित कर दिया है कि सरकार युवाओं की आवाज़ दबाने के लिए ही सक्रिय दिखती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पांच वर्षों में भर्ती प्रणाली को पूरी तरह घोटालों की गिरफ्त में धकेल दिया है। पीसीएस, यूपी पुलिस, शिक्षक भर्ती, PET, TET से लेकर रेलवे तक—किसी भी परीक्षा में पारदर्शिता नहीं बची। माता-पिता कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ने भेजते हैं, पर पेपर लीक उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर देता है। यही कारण है कि युवा निराशा में आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते हैं। इस टूटे विश्वास को वापस दिलाने के लिए यह पदयात्रा निर्णायक संघर्ष का रास्ता बनकर खड़ी है।

योगी राज में दलित और पिछड़ों पर हो रहा अत्याचार

संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की आर्थिक नीतियों ने किसानों, बुनकरों, लघु उद्योगों और कुटीर-उद्योगों की कमर तोड़ दी है। बढ़ती महंगाई, बिजली दरें और बुलडोजर संस्कृति ने छोटे व्यापारियों का कारोबार चौपट कर दिया है। ऐसे माहौल में रोजगार की तलाश में भटकता नौजवान और भी असुरक्षित हो चुका है, इसलिए यह पदयात्रा उनके अधिकारों की आवाज़ है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में दलितों, पिछड़ों और वंचितों पर अत्याचार बढ़े हैं। सरकार मनुवादी सोच को फिर से थोपना चाहती है, लेकिन हम साफ कह देते हैं कि यह देश बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान से ही चलेगा, किसी बाबा के फरमान से नहीं। ‘रोज़गार दो–सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा उन्हीं हाशिए पर धकेले गए समुदायों की चीख को आवाज़ देती है।

युवा नफरत नहीं—न्याय चाहते हैं- संजय

संजय सिंह ने अंत में कहा कि भाजपा, समाज को नफरत की आग में झोंक रही है, जबकि हिंदुस्तान मोहब्बत की नींव पर खड़ा देश है। आम आदमी पार्टी हर उस ताकत के खिलाफ संघर्ष कर रही है जो समाज को बांटने की राजनीति कर रही है। पदयात्रा के साथ जुड़ती जनता यह साबित कर रही है कि युवा रोजगार चाहते हैं, नफरत नहीं—न्याय चाहते हैं, भेदभाव नहीं।

https://www.tv9hindi.com/state/uttar-pradesh/sanjay-singh-employment-justice-padyatra-gets-huge-support-in-pratapgarh-3580166.html

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