देश दुनियाबिजनेस/नॉलेजविदेश

ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं

India US Postal Service: अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप को भारत में टैरिफ लगाना अब बेहद महंगा पड़ने वाला है क्योंकि इसके जवाब में भारत ने भी बड़ा कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोक दी हैं। बतादें कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीतिक संबंधों में अक्सर एक देश का आर्थिक कदम दूसरे देश की नीतियों को प्रभावित करता है। हाल ही में ऐसा ही कुछ हुआ जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों में बदलाव करते हुए 800 अमेरिकी डॉलर तक की इंपोर्टेड वस्तुओं पर ड्यूटी-फ्री छूट खत्म करने का आदेश दिया। इस निर्णय का सीधा असर भारत और अमेरिकी डाक सेवाओं पर पड़ा है।

पूरी डिटेंल पढ़ें- https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2160099

ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं

भारत ने इस आदेश के बाद अमेरिका के लिए अधिकांश अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं 25 अगस्त 2025 से अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की। इस कदम के बाद अब अमेरिका को भेजे जाने वाले पार्सल, सामान और कॉमर्शियल शिपमेंट्स रोक दिए गए हैं। केवल लेटर, डॉक्यूमेंट्स और 100 अमेरिकी डॉलर तक के गिफ्ट आइटम ही फिलहाल अमेरिका भेजे जा सकेंगे।

तो आइए इस मामले को विस्तार से समझते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है, अमेरिका ने कौन से नए नियम लागू किए, भारत ने डाक सेवाएं क्यों रोकीं, और आगे इसका आम लोगों पर क्या असर होगा।

Read More: ट्रंप के टैरिफ वॉर पर भारत के दिग्गज नेताओं का प्रहार,- ‘भारत का विकास और तेज होगा’

अमेरिका का नया नियम: ड्यूटी-फ्री छूट खत्म

30 जुलाई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Executive Order No. 14324 जारी किया। इस आदेश के तहत अब तक अमेरिका में आने वाले 800 अमेरिकी डॉलर तक के सामान पर मिलने वाली ड्यूटी-फ्री छूट को खत्म कर दिया गया। पहले भारत सहित दुनिया भर से अमेरिका में कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स बिना किसी कस्टम ड्यूटी के पहुंच जाते थे। इससे ई-कॉमर्स कंपनियां और छोटे व्यापारी आसानी से अपना सामान अमेरिकी ग्राहकों तक पहुंचा पाते थे।

लेकिन अब 29 अगस्त 2025 से यह नियम बदल जाएगा। यानी, अमेरिका में आने वाले हर सामान पर, चाहे उसकी कीमत कितनी भी हो, कस्टम ड्यूटी लगेगी।

  • पहले – 800 USD तक के सामान पर कोई ड्यूटी नहीं।
  • अब – हर मूल्य के सामान पर कस्टम ड्यूटी।
  • अपवाद – दस्तावेज़ और 100 डॉलर तक के गिफ्ट आइटम्स पर छूट बनी रहेगी।
  • यह नियम International Emergency Economic Power Act (IEEPA) के तहत लागू होगा।
ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं

जानें भारत ने क्यों रोकी डाक सेवाएं?

अमेरिका के इस नए नियम के बाद भारत के डाक विभाग और अंतरराष्ट्रीय एयर कैरियर्स के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। अमेरिकी Customs and Border Protection (CBP) ने 15 अगस्त 2025 को यह निर्देश जारी किया कि अब ट्रांसपोर्ट कंपनियों और “Qualified Parties” को अमेरिका भेजी जाने वाली डाक सामग्री पर ड्यूटी इकट्ठा करके जमा करनी होगी। लेकिन यह अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया कि “qualified parties” कौन होंगी और ड्यूटी कलेक्शन का सिस्टम किस तरह काम करेगा। यानी नियम तो लागू हो गए, लेकिन उनके पालन की स्पष्ट प्रक्रिया अभी तक तय नहीं हुई।

इस अनिश्चितता की वजह से अंतरराष्ट्रीय मेल को अमेरिका ले जाने वाली एयरलाइंस ने साफ कहा – वे 25 अगस्त के बाद पार्सल या सामान स्वीकार नहीं करेंगी, क्योंकि उनके लिए इसे संभालना तकनीकी और परिचालन रूप से संभव नहीं है। यही कारण है कि भारत के डाक विभाग ने घोषणा की कि 25 अगस्त से अमेरिका के लिए पार्सल, ई-कॉमर्स कंसाइनमेंट और सामान की डाक सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी जाएंगी।

कौन सी चीजें अभी भी भेजी जा सकेंगी?

आपको बताते चले कि भारत ने अमेरिका के लिए पूरी तरह डाक सेवाएं नहीं रोकी हैं। कुछ चीजें अभी भी भेजी जा सकेंगी, जैसे: लेटर (पत्र), आधिकारिक/ व्यक्तिगत दस्तावेज, 100 अमेरिकी डॉलर तक के गिफ्ट आइटम्स, बाकी सभी प्रकार के सामान, पार्सल और कॉमर्शियल शिपमेंट पर फिलहाल रोक रहेगी।

डाक विभाग का बयान

ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं

वहीं इस पूरे मामले को लेकर भारतीय डाक विभाग ने अपने बयान में कहा- “अमेरिका के लिए पूर्ण सेवाएं जल्द से जल्द बहाल करने के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं। हम अमेरिकी कस्टम और यूनाइटेड स्टेट्स पोर्टल सर्विसेज (USPS) से बातचीत कर रहे हैं। जैसे ही नई गाइडलाइंस स्पष्ट होंगी, हम सेवाएं बहाल करेंगे।”

जिन ग्राहकों ने पहले से ही ऐसा सामान बुक किया है, जो अब अमेरिका नहीं भेजा जा सकता, उन्हें पोस्टेज का रिफंड मिलेगा। हमें ग्राहकों को हुई असुविधा के लिए खेद है।” डाक विभाग ने साफ कहा है कि यह रोक स्थायी नहीं है। जैसे ही अमेरिकी CBP और USPS से नए नियमों की स्पष्ट गाइडलाइंस मिलेंगी, भारत अमेरिका के लिए डाक सेवाएं फिर से शुरू करेगा। ग्राहकों को सलाह दी गई है कि फिलहाल केवल डॉक्यूमेंट्स और छोटे गिफ्ट आइटम्स ही भेजें।

Read More: ट्रंप की अमेरिकी अदालतों को चेतावनी- टैरिफ हटी तो महामंदी आ जाएगी

आम लोगों पर असर

अमेरिका भारत का एक बड़ा व्यापारिक और सांस्कृतिक साझेदार है। लाखों भारतीय मूल के लोग वहां रहते हैं और नियमित रूप से अपने परिवार और रिश्तेदारों को भारत से पार्सल व गिफ्ट भेजते हैं।

इस नए नियम और डाक सेवाओं के निलंबन का सीधा असर पड़ेगा:

ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत का एक्शन: अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं रोकीं

परिवारिक पार्सल और गिफ्ट पर असर – त्योहारों और निजी मौकों पर भेजे जाने वाले सामान अब प्रभावित होंगे।

ई-कॉमर्स कंपनियों पर असर – छोटे व्यापारी और ऑनलाइन विक्रेता जो अमेरिका में अपने ग्राहक रखते हैं, उनके ऑर्डर प्रभावित होंगे।

व्यापार पर असर – भारत से अमेरिका को जाने वाले छोटे स्तर के व्यापारिक शिपमेंट अब मुश्किल में पड़ेंगे।

समय और लागत बढ़ेगी – जब सेवाएं फिर से शुरू होंगी, तब भी कस्टम ड्यूटी और नए नियमों की वजह से लागत और डिलीवरी टाइम बढ़ जाएगा।

Read More: दोस्‍त बोलकर भारत से ट्रंप ने की दगाबाजी! भारत पर लगाएगा 25 फीसदी टैरिफ

अमेरिका का तर्क

बताते चले कि अमेरिका ने इस नए नियम के पीछे दो बड़े कारण बताए हैं- ट्रंप प्रशासन पहले से ही “America First” नीति पर जोर देता रहा है। इस आदेश को उसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है।

स्थानीय उद्योग की सुरक्षा – अमेरिकी सरकार का मानना है कि कम कीमत पर आने वाले विदेशी सामान से अमेरिकी छोटे व्यापारियों को नुकसान होता है।

कस्टम राजस्व बढ़ाना – ड्यूटी-फ्री छूट खत्म करके अमेरिका अपने लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना चाहता है।

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

Read More: ट्रंप को पाक ने किया गुमराह, बलूच ने कहा- ‘तेल बलूचिस्तान में है, पाकिस्तान में नहीं..

हालांकि यह फैसला सीधे तौर पर डाक सेवाओं से जुड़ा है, लेकिन इसे भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों के संदर्भ में भी देखा जा रहा है। पहले भी कई मौकों पर दोनों देशों के बीच टैरिफ विवाद सामने आए हैं। ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले कई उत्पादों पर ड्यूटी बढ़ाई थी। जिसके बाग भारत ने भी जवाबी कदम उठाए थे। अब डाक सेवाओं का यह अस्थायी निलंबन दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव की ओर इशारा करता है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *