उत्तर प्रदेश

यूपी के सरकारी दफ्तरों में होगा गाय के गोबर से बनें पेंट का इस्तेमाल

Natural paint made from cow dung: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सरकारी दफ्तरों को लेकर ऐलान किया है कि अब गाय के गोबर से बनें पेंट का इस्तेमाल होगा। बतादें कि योगी आदित्यनाथ ने पशुपालन और दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में एक बड़ा फैसला लिया है इसके साथ ही सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अब यूपी की सभी सरकारी ऑफिस की इमारतें साधारण पेंट से नहीं रंगी जाएंगी, बल्‍कि इसके लिए गाय के गोबर से बने कुदरती पेंट का इस्तेमाल होगा।

यूपी के सरकारी दफ्तरों में होगा गाय के गोबर से बनें पेंट का इस्तेमाल

प्राकृतिक पेंट है जरूरी- समीक्षा बैठक

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, इस मीटिंग में अधिकारियों को सीएम ने कई अहम निर्देश देते हुए कहा- गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल सरकारी भवनों में भी किया जाए और इन पेंट प्लांट की संख्या भी बढ़ाई जाए। इसे बनाने में भी ऊर्जा की खपत कम होती है और लागत भी पारंपरिक पेंट से कम होती है।

Read More: राहुल गांधी की नागरिकता मामले में कोर्ट से बड़ी राहत, याचिका खारिज

अधिकारियों के मुताबिक गोबर से तैयार किया गया प्राकृतिक पेंट पूरी तरह से जैविक होता है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि दीवारों को एक सुंदर देसी लुक भी देता है। इसमें रसायनों का प्रयोग नहीं होता, जिससे स्वास्थ्य पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। इन केंद्रों में मौजूद गोबर का बेहतर उपयोग करते हुए प्राकृतिक पेंट निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही, इन केंद्रों में जैविक खाद और अन्य गो-आधारित उत्पादों के निर्माण के लिए भी ठोस रणनीति बनाई जाए। उन्होंने ऐसे पेंट प्लांट्स की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए हैं।

सीएम योगी – पशुपालन और दुग्ध विकास मजबूत आधार

सीएम योगी ने कहा, पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र सिर्फ दुग्ध उत्पादन (Milk Products) तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा – तकनीक, निवेश और इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए।

यूपी के सरकारी दफ्तरों में होगा गाय के गोबर से बनें पेंट का इस्तेमाल

Read More: सिंगर पवनदीप राजन का हुआ भयानक कार एक्सीडेंट, आई गंभीर चोटें

सीएम ने कहा – मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चहिए और अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिह्लित कर सम्मानित किया जाए। इसी तरह, गो आधारित उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि 40,968.29 हेक्टेयर चारागाह भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है, जिसमें से 12,168.78 हेक्टेयर भूमि को हरे चारे के प्रोडक्शन के लिए समर्पित किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4,922 सहकारी दुग्ध समितियों की स्थापना का लक्ष्य है।

https://www.tv9hindi.com/india/cm-yogi-up-said-paint-prepared-from-cow-dung-should-be-used-in-government-buildings-3271088.html

यूपी में कितने गो आश्रय?

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं, जिनकी निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है और समय-समय पर इंस्पेक्शन भी किया जा रहा है। सीएम ने निर्देश दिए कि इन आश्रय स्थलों में देखभाल के लिए कर्मचारी की तैनाती, उन्हें समय से वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

यूपी के सरकारी दफ्तरों में होगा गाय के गोबर से बनें पेंट का इस्तेमाल

सीएम ने कहा, आश्रय स्थलों में समय-समय पर पशु डॉक्टरों का दौरा भी कराया जाए। जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे परिवारों को एक ओर जहां गो सेवा का पुण्य हासिल होगा, वहीं दूसरी तरफ दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा। वर्तमान में प्रदेश के कुछ जिलों में यह प्रयोग सीमित रूप से हो रहा है, परंतु अब इसे एक राज्यव्यापी मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।

https://hindi.news18.com/amp/news/uttar-pradesh/lucknow-cm-yogi-adityanath-calls-for-use-of-cow-dung-paint-in-government-buildings-emphasizes-innovation-in-and-dairy-sector-ws-kl-9220228.html

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *