यूपी में शिक्षा विभाग का एक्शन, फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी करने वाले 22 शिक्षक बर्खास्त
UP 22 Teachers Dismissed: उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग ने फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले 22 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया हैं। इसके साथ ही उनके खिलाफ उचित कार्रवाई पैसे की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं।
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22 शिक्षकों को बर्खास्त

आपको बताते चले कि प्रदेश में बेसिक के बाद अब माध्यमिक इंटर कॉलेजों में भी फर्जी अंकपत्र पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों का भंडाफोड़ हुआ है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आजमगढ़ मंडल में कूटरचित, फर्जी अंकपत्र, प्रमाणपत्र पर नियुक्ति पाने वाले 22 शिक्षकों को बर्खास्त किया है। साथ ही इनसे वेतन की रिकवरी करते हुए एफआईआर के भी निर्देश दिए हैं। विभाग की जांच में पाया गया कि इन अभ्यर्थियों ने गलत कागजात के सहारे नियुक्ति हासिल की थी।
जानें क्यों किया शिक्षकों को बर्खास्त
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से 2014 में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पद पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। आवश्यक औपचारिकता पूरी कर 2016 में इनकी तैनाती की गई। चूंकि यह भर्ती मेरिट पर आधारित थी, ऐसे में अभ्यर्थियों ने फर्जी अंकपत्र व प्रमाण पत्र लगाकर अपने नंबर बढ़ाए और नौकरी पाली। अभिलेख सत्यापन में इस पर संदेह हुआ। विभाग ने एक नहीं कई बार संदिग्ध अभिलेखों की जांच कराई।

वहीं माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने बताया कि इसमें अंतिम रूप से संयुक्त निदेशक आजमगढ़ मंडल की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 22 शिक्षकों के अंकपत्र व प्रमाण पत्र फर्जी, कूटरचित पाए। इसे देखते हुए इनको बर्खास्त कर दिया गया है। उनकी सेवा समाप्त करते हुए वेतन भुगतान की वसूली करने और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जिला विद्यालय निरीक्षक को दिए गए हैं।
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हालांकि विभाग को नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों के अंकपत्र व प्रमाण पत्र के सत्यापन में लगभग दस साल लगना भी बड़े सवाल खड़ा करता है। इसके साथ ही शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, यह कार्रवाई उन अभ्यर्थियों पर की गई है जो गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, अंग्रेजी और हिंदी जैसे विषयों में सहायक अध्यापक के पदों पर तैनात थे। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि इन शिक्षकों ने अंकपत्र और प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी कर चयन प्रक्रिया में जगह बनाई थी। विभाग ने कड़ाई बरतते हुए इनके नियुक्ति आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्देश जारी किया है।

फर्जी दस्तावेजों से नियुक्त 22 शिक्षक
विनय कुमार यादव – सहायक अध्यापक (गणित/विज्ञान), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – देवदह, मऊ.
पवन कुमार – सहायक अध्यापक (जीव विज्ञान), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – कबूलपुर, बाराबंकी.
अतुल प्रकाश वर्मा– सहायक अध्यापक (अंग्रेजी), राजकीय इण्टर कॉलेज – काजीबेहटा, बाराबंकी.
अंकित वर्मा– सहायक अध्यापक (गणित/विज्ञान), राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – काजीबेहटा, बाराबंकी.
लक्ष्मी देवी – सहायक अध्यापक (हिंदी), राजकीय बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय – रसूलपुर बाराबंकी.
विवेक सिंह– सहायक अध्यापक (जीव विज्ञान) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चककुचाई.
राज रजत वर्मा- सहायक अध्यापक (गणित / विज्ञान) राजकीय इण्टर कालेज, सैरपुर, लखनऊ.
रोहिणी शर्मा-सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी) राजकीय बालिका इण्टर कालेज बेहटा बी० के०टी०, लखनऊ.
अमित गिरि-सहायक अध्यापक (सामान्य विषय) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मडोना, बुलंदशहर.
रूचि सिंघल-सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी) राजकीय हाईस्कूल सोना सहारनपुर.
प्रियंका-सहायक अध्यापिका (गृह विज्ञान) राजकीय हाईस्कूल दानापुर कयामपुर, बाराबंकी.
नूतन सिंह-सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी) राजकीय बालिका हाईस्कूल पुलन्दर कानपुर देहात.
दीपा सिंह-सहायक अध्यापिका (हिन्दी) राजकीय बालिका हाईस्कूल गोतवां मझवां, मीरजापुर.
अनीता रानी-सहायक अध्यापिका (हिन्दी) पं० दीन दयाल उपाध्याय रा०मा०ई०का० कटिहारी बड़राव, मऊ.
प्रीति सिंह-सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवगांव, आजमगढ़.
नन्दिनी-सहायक अध्यापिका (गृह विज्ञान) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सई जलालपुर, जौनपुर.
श्री आनन्द सोनी-सहायक अध्यापक (अंग्रेजी) राजकीय इण्टर कालेज जैदपुर, बाराबंकी.
गीता-सहायक अध्यापिका (हिन्दी) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इटैली, आजमगढ़.
सलोनी अरोरा-सहायक अध्यापिका (अंग्रेजी) राजकीय हाईस्कूल मित्तई देवा, बाराबंकी.
किरन मौर्या-सहायक अध्यापिका (सामान्य विषय) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एकइल, बलिया.
रुमन विश्वकर्मा-सहायक अध्यापक (सामान्य विषय) राजकीय बालिका इण्टर कालेज बगवार आजमगढ़.
सरिता मौर्या-सहायक अध्यापक (सामान्य विषय) राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजौली, बलिया.
शिक्षा विभाग ने दी चेतावनी

शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नौकरी पाने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जिन शिक्षकों के नाम सूची में शामिल हैं, उनके खिलाफ संबंधित जनपदों में एफआईआर दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों ने यह भी निर्देश दिया है कि भविष्य में ऐसी नियुक्तियों में और अधिक सतर्कता बरती जाए। इसके लिए अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की सघन जांच की जाएगी, ताकि किसी भी फर्जी उम्मीदवार को सेवा में प्रवेश न मिल सके।