यूपी में स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट रही सरकार- संजय सिंह
- उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता से खुली लूट हो रही है: संजय सिंह
- भाजपा सरकार का आदेश इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 का उल्लंघन है: संजय सिंह
- 959 करोड़ रुपये के घोटाले का हिसाब दे भाजपा सरकार: संजय सिंह
- यदि घोटाले की जांच नहीं हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी आम आदमी पार्टी: संजय सिंह
- सरकार की तुगलकी नीति से उपभोक्ता परेशान, आप सड़क से संसद और न्यायालय तक लड़ेगी लड़ाई: संजय सिंह
- 4G स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता को जबरन लूट रही सरकार : संजय सिंह
- सरकार का आदेश इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 का उल्लंघन — संजय सिंह
UP में पहले 2G मीटर लगाये गए थे और अब तुगलकी फ़रमान जारी किया गया है कि 4G मीटर लगाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में ₹959 करोड़ का घोटाला किया गया।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 14, 2025
सरकार यह सब बिजली एक्ट 2003 के ख़िलाफ़ कर रही है और AAP इस तानाशाही का सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी। pic.twitter.com/XwfRGcHhtq
लखनऊ: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता से स्मार्ट मीटर के नाम पर खुली लूट की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह आदेश न केवल जनविरोधी है बल्कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 का खुला उल्लंघन भी है, जिसमें उपभोक्ता की सहमति के बिना किसी घर में स्मार्ट मीटर लगाए जाने पर रोक है। लेकिन आम आदमी पार्टी स्मार्ट मीटर के नाम पर सरकार के इस तुगलकी फरमान का पुरजोर विरोध करती है और सड़क से संसद और जरूरत पड़ी तो न्यायालय तक इस लड़ाई को लड़ने का काम करेगी।

स्मार्ट मीटर के नाम पर लूट- AAP
संजय सिंह ने कहा कि स्मार्ट मीटर के नाम पर लाखों उपभोक्ताओं को ठगा जा रहा है। 2018 में जब 2G स्मार्ट मीटर लगाए गए थे, तब भी लोगों ने विरोध किया था क्योंकि ये मीटर 15 से 20 प्रतिशत तेज़ चलते हैं। यानी अगर किसी उपभोक्ता का बिजली बिल ₹2000 आता है, तो स्मार्ट मीटर के बाद उसे ₹2400–₹2500 तक देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जनता में इस मुद्दे पर गुस्सा, आक्रोश और नाराज़गी चरम पर है।
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली उपभोक्ताओं को लूट रही BJP सरकार ‼️
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आम आदमी पार्टी के सांसद ने बताया कि 2018 में 2G स्मार्ट मीटर लगाने का आठ साल का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था, जिसके तहत लगभग 12 लाख घरों में मीटर लगाए गए और 40 लाख घरों में लगाने का लक्ष्य था। लेकिन अब अचानक बिजली विभाग ने एक तुग़लकी फरमान जारी कर दिया है कि अब 2G मीटर हटाकर 4G मीटर लगाए जाएंगे। संजय सिंह ने कहा, “सरकार यह बताए कि जब 4G मीटर ही लगाने थे, तो 2018 में 2G मीटर क्यों लगाए गए? आखिर 959 करोड़ रुपये जनता की गाढ़ी कमाई का हिसाब कौन देगा?”
959 करोड़ रुपये हिसाब दे- AAP
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने टेंडर 8415 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से किया, जबकि मीटर 6016 रुपये में लगाए जा रहे हैं — यानी घोटाला साफ़ है और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। संजय सिंह ने कहा, “यह सरकार अपनी मनमर्जी से जनता को लूटने का काम कर रही है। 959 करोड़ रुपये का हिसाब कौन देगा, यह जनता जानना चाहती है।”
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आप सांसद ने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली आम उपभोक्ताओं के लिए बड़ा संकट बनने जा रही है। जैसे ही मीटर में रिचार्ज की राशि खत्म होगी, बिजली तुरंत कट जाएगी। उन्होंने कहा, “भीषण गर्मी में जब बच्चे रो रहे होंगे, बुज़ुर्ग परेशान होंगे, तब भी बिजली बंद हो जाएगी क्योंकि सरकार ने प्रीपेड सिस्टम थोप दिया है।”
स्मार्ट मीटर के ज़रिए सरकार उपभोक्ताओं से बिजली की मांग के हिसाब से वसूली करेगी। गर्मियों में जब ज़्यादा डिमांड होगी, तब बीजेपी सरकार जनता से ज़्यादा पैसे वसूलेगी।
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सरकार यह सब बिजली एक्ट 2003 के ख़िलाफ़ कर रही है और आम आदमी पार्टी इस तानाशाही का सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी।… pic.twitter.com/sE5MaL03xb
सरकार की मंशा पैसा वसूलना
उन्होंने कहा कि अब सरकार समय के हिसाब से बिजली दर वसूलने की बात कर रही है — यानी पीक आवर में महंगी और नॉन-पीक आवर में सस्ती बिजली। संजय सिंह ने सवाल किया, “पहले बिजली दर यूनिट के हिसाब से तय होती थी, अब सरकार घड़ी के हिसाब से क्यों तय कर रही है? क्या गरीब जनता को गर्मी के महीनों में तबाह करने की साजिश है?”
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संजय सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा साफ है — जनता से ज्यादा से ज्यादा पैसा वसूलना और निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाना। उन्होंने कहा कि जून-जुलाई के महीनों में अगर दरें 40 रुपये प्रति यूनिट तक पहुँचीं, तो जनता के पैसे कटते रहेंगे और लोगों को पता भी नहीं चलेगा।
उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा‼️
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♦️ UP में बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है, यह मीटर ज़्यादा तेज चलते हैं। जिससे उपभोक्ताओं को ज़्यादा भुगतान करना पड़ रहा है
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AAP करेंगी खुलासा
उन्होंने दोहराया कि स्मार्ट मीटर योजना इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 की धारा 55 के खिलाफ है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उपभोक्ता की सहमति के बिना कोई भी मीटर नहीं लगाया जा सकता। इसलिए सरकार की यह ज़बरदस्ती असंवैधानिक और जनविरोधी है।
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी स्मार्ट मीटर घोटाले के खिलाफ सड़क से लेकर संसद और ज़रूरत पड़ने पर न्यायालय तक लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत 959 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच कराए और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करे। यदि सरकार ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन करेगी। संजय सिंह ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश की जनता से बिजली के नाम पर होने वाली यह लूट नहीं होने देंगे।”
