उत्तर प्रदेशचुनाव

विधानसभा में CM योगी का शायराना हमला: दिखाया बीजेपी का विकास, खोली सपा की पोल

लखनऊ, मानसून सत्र : उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र आज गुरुवार (14 अगस्त) को सत्र के चौथे दिन सदन को संबोधित करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए बिजली से लेकर कानून व्यवस्था तक, आंकड़ों और तंज़ के तीरों से बौछार कर दी। कभी योगी की गर्जन दिखी तो कभी सीएम का शायराना अंदाज़ भी देखने को मिला।

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सीएम योगी का जवाबी हमला

बताते चले कि बीते दिन सपा नेता अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के किए गए सवालों के बौछार का जवाब देते हुए यूपी सीएम ने सारी व्यवस्था दिखाई साथ ही उनके किए गए कार्यकाल का खुलासा भी किया। उन्होंने राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सरकार की उपलब्धियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इसके साथ ही उन्होंने 1947 से 2017 तक विपक्षी दलों के कार्यकाल की तुलना अपने साढ़े आठ साल (2017-2025) के कार्यकाल से की और ऊर्जा क्षेत्र में आए क्रांतिकारी बदलावों पर भी प्रकाश डाला।

इतना ही नहीं यूपी सीएम ने अपने कार्यकाल में किए बिजली उत्पादन, ग्रामीण विद्युतीकरण, कानून व्यवस्था, आर्थिक विकास, शिक्षा, पोषण मिशन और विधायकों की सुविधाओं तक—हर मुद्दे पर योगी ने अपने अंदाज में ‘डेटा’ और ‘डायलॉग’ दोनों से सदन में जमकर विपक्ष पर हंगामा बोला।

ऊर्जा क्षेत्र में 2017 से अब तक का सफर

बताते चले कि योगी आदित्यनाथ ने सदन में सबसे पहले राज्य के ऊर्जा क्षेत्र की स्थिति और उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 1947 से 2017 तक उत्तर प्रदेश बिजली की सीमित क्षमता और अनियमित आपूर्ति से जूझता रहा। उस समय कुल उत्पादन क्षमता मात्र 12,000 मेगावॉट थी, जो उद्योग, खेती और घरेलू ज़रूरतों के लिए नाकाफी थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी से सिंचाई, शिक्षा और छोटे उद्योग प्रभावित होते थे।

वहीं अब 2017 से 2025 के बीच उनकी सरकार ने विद्युत उत्पादन क्षमता में 8,000 मेगावॉट की वृद्धि की, जिससे कुल क्षमता 20,000 मेगावॉट से अधिक हो गई। 2016-17 में बिजली की पीक डिमांड 16,000 मेगावॉट थी, जो अब बढ़कर 33,000 मेगावॉट हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा – सरकार इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में सक्षम है।

ग्रामीण विद्युतीकरण में क्रांति-CM योगी

  • सीएम योगी ने बताया कि 2017 में जहां 1.28 लाख मजरे विद्युतीकृत थे, वहीं जून 2025 तक यह संख्या 2.50 लाख तक पहुंच गई।
  • जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसील मुख्यालयों में 21 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

बुनियादी ढांचे में भी बड़े बदलाव हुए हैं—

  • 3 नए 765 केवी पारेषण उपकेंद्र
  • 21 नए 400 केवी सब स्टेशन
  • 72 नए 220 केवी स्टेशन
  • 99 नए 132 केवी सब स्टेशन
  • इन सुधारों से वितरण नेटवर्क मज़बूत हुआ है और बिजली आपूर्ति विश्वसनीय बनी है।

अब बात करते है किसानों के लिए फायदे कि तो सस्ती और पर्याप्त बिजली से खेती की लागत घटी है और उत्पादकता बढ़ी है। इसका असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और MSME सेक्टर पर भी पड़ा है।

कानून व्यवस्था पर विपक्ष को सीधा जवाब

वहीं मानसून सत्र के दौरान जब सपा की ओर से कानून व्यवस्था पर सवाल उठे, तो सीएम योगी ने आंकड़ों के साथ पलटवार करते हुए कहा- डकैती के मामलों में 94% की गिरावट आई, अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण की संस्कृति समाप्त हुई, चंबल के डकैतों के सक्रिय दौर की तुलना वर्तमान से करते हुए कहा, “अब कानून का राज है।”

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उन्होंने सपा शासन को अपराधियों का संरक्षक बताते हुए तंज़ कसा कि चुनावों में अपराधियों को टिकट देने की परंपरा वहीं से आई। समाजवादी पार्टी (सपा) और विशेष रूप से शिवपाल यादव पर तीखा हमला बोलते हुए सीएम योगी ने चुटकी लेते हुए कहा- ‘आप मुलायम सिंह के उत्तराधिकारी थे, लेकिन चच्चा गच्चा खा गए।’ उसके बाद योगी ने गंभीरता से कानून व्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार में डकैती के मामलों में 94 प्रतिशत की गिरावट आई है।

सपा की खोली सीएम योगी ने पोल-पट्टी

मुख्यमंत्री ने अपने तीन घंटे से अधिक लंबे संबोधन में सपा शासन के दौरान कानून व्यवस्था की बिगड़ी स्थिति को उजागर किया। उन्होंने कहा कि उस दौर में चंबल के डकैत सक्रिय थे, जो चुनावों को प्रभावित करते थे और जिनके परिवारों को टिकट देकर सपा ने उन्हें राजनीतिक संरक्षण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार ने कानून का राज स्थापित किया है और अपराधियों को संरक्षण देने की संस्कृति खत्म कर दी है।

सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने भी फूलन देवी की हत्या का मुद्दा उठाया और समाजवादी पार्टी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हस्तक्षेप करते हुए उनका माइक बंद करने का आदेश दिया। योगी आदित्यनाथ का यह बयान न केवल विपक्ष पर हमला था, बल्कि भाजपा की “सुशासन और कानून का राज” वाली छवि को मजबूती देने का भी एक प्रयास था। वहीं योगी ने सपा के आरोपों को नकारते हुए कहा – बिना भेदभाव योजनाएं लागू करना ही असली गुड गवर्नेंस है।

सपा ने योगी सरकार पर आरोप लगाया

  • सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं
  • बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है
  • कानून व्यवस्था में सुधार का दावा झूठा है
  • इस उम्र में दुश्मनी ठीक नहीं- योगी

सपा की ओर से मोर्चा नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने संभाल रखा था। उन्होंने सरकार पर कई आरोप लगाए, जिस पर सीएम योगी ने कहा कि सपा और लोकतंत्र नदी के दो छोर हैं। कुछ लोग नेता प्रतिपक्ष के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस इलाके में दुकानें तोड़ने का आरोप लगाए जा रहे हैं। हमने दुकानदारों से बात करके सबको मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। सपा शासन ने विकास कराया नहीं गया और अब आरोप लगाये जा रहे हैं।

जिस पर विपक्ष के सवालों पर योगी ने तंज कसते नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को संबोधित करते हुए कहा- “इस उम्र में दुश्मनी ठीक नहीं, घर पर भोजन कराइए, इलाज में ब्रजेश पाठक ही काम आएंगे।”

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विपक्ष कूप मंडूक- यूपी सीएम

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले का जवाब कूप मंडूक वाली कहानी से दिया। बोले – अखिलेश यादव के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को ‘परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी’ कहकर स्वामी विवेकानंद की ‘कूप मंडूक’ (कुएं का मेंढक) वाली कहानी सुनाई।

आर्थिक उपलब्धियां और विकास

  • सीएम योगी ने दावा किया कि 2017 से अब तक यूपी का देश की GDP में योगदान 8% से बढ़कर 9.5% हुआ है।
  • निर्यात 84,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,86,000 करोड़ रुपये हो गया है।
  • राज्य अब देश की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में अहम भूमिका निभा रहा है।

सीएम पोषण मिशन’ का ऐलान

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पोषण संबंधी स्थिति पर अध्ययन के बाद सरकार ने 100 करोड़ रुपये की योजना शुरू करने का निर्णय लिया।

योगी ने कहा, “हमने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की स्थिति का अध्ययन किया, पाया कि बच्चों में खून और पोषण की कमी है।

आंगनवाड़ी, बाल वाटिका और प्राथमिक स्कूलों में स्थानीय मिलेट से बना पौष्टिक भोजन मिलेगा।

यह काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और विशेषज्ञों के सहयोग से होगा।

उन्होंने सपा पर तंज कसते हुए कहा- “आपके समय में शराब माफिया बच्चों का पोषण तय करते थे, अब स्वयं सहायता समूह की दीदियां और आर्मी के विशेषज्ञ यह काम करेंगे।”

विधायकों और मंत्रियों की सैलरी व भत्तों में इजाफा

सत्र में एक बड़ा निर्णय उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025 का सर्वसम्मति से पारित होना रहा।

विधायकों का वेतन 25,000 से बढ़ाकर 35,000 रुपये

मंत्रियों का वेतन 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये

निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 50,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये

दैनिक भत्ता 2,000 से 2,500 रुपये

चिकित्सीय भत्ता 30,000 से 45,000 रुपये

टेलीफोन भत्ता 6,000 से 9,000 रुपये

पेंशन 25,000 से 35,000 रुपये, पारिवारिक पेंशन 30,000 रुपये

रेलवे कूपन 1 लाख से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये

कुल 105.63 करोड़ रुपये का वार्षिक बोझ राज्य पर आएगा।

पूजा पाल का निष्कासन और सियासी हलचल

विधानसभा में चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल ने सीएम योगी के कानून व्यवस्था की तारीफ की थी। उन्होंने अपने पति राजू पाल के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए सीएम को धन्यवाद कहा। बताते चले हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके बाई अशरफ पर था, पूजा पाल ने विधानसभा में कहा कि मेरे पति के हत्यारों को सजा देकर सीएम योगी ने मुझे न्याय दिलाया है।

इसके तुरंत बाद अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। जिस पर पूजा पाल ने बयान देते हुए कहा- “मैंने अपराधी अतीक अहमद के खिलाफ बोला, इसलिए निकाला गया। मैंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया, यही गलती थी।” मैं पहली बार बोली थी, मैं अपने बारे में कुछ बोलना चाहती थी। सही काम करने वाले को मैंने धन्यवाद ही तो दिया था। अखिलेश जी समय को देख कर बात करते हैं, पीडीए को देखकर नहीं।

वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव ने तंज़ कसते हुए कहा- “पहले अपनी टिकट पक्की करा लेनी चाहिए थी, अब लगता है सीएम उनकी भी टिकट पक्की करा देंगे।” मुझे उम्मीद है कि अपनी (सीएम योगी) टिकट के साथ-साथ उनकी टिकट भी पक्की करा लेंगे। अगर बीजेपी पहले उनको टिकट दे दी होती तो हमें टिकट नहीं देनी होती।

पार्टी ने पूजा पाल को जारी किया लेटर
विधानसभा में CM योगी का शायराना हमला: दिखाया बीजेपी का विकास, खोली सपा की पोल

पार्टी की तरफ से एक लेटर जारी किया गया है, जिसमें लिखा है, ‘आपके द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियां की गई हैं तथा आपको सचेत करने के उपरांत भी उक्त गतिविधियां आपके द्वारा बंद नहीं की गई, जिसके कारण पार्टी को काफी नुकसान हुआ है। आपके द्वार किया गया कार्य पार्टी विरोधी एवं गंभीर अनुशासनहीनता है। अतः आपको समाजवादी पार्टी से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाता है। साथ ही आपको समाजवादी पार्टी के सभी अन्य पदों से भी हटाया जाता है तथा अब आप समाजवादी पार्टी के किसी भी कार्यक्रम व मीटिंग आदि में भाग नहीं लेंगी और न ही आपको इसके लिए आमंत्रित किया जाएगा।’

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