Go First अब नहीं भर सकेंगी उड़ान, संपत्ति बेचने की आई नौबत
Go First: NLCT ने गो फर्स्ट के लिक्विडेशन का आदेश दे दिया है। कहा जा रहा है Go First एयरलाइन की संपत्ति बेचकर इसका कर्ज चुकाया जाएगा। इसके चलते डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया है।

कंपनी गो फर्स्ट को लेकर आदेश
आपको बताते चले कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने सोमवार को विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) के परिसमापन का आदेश दिया। इसके साथ ही गो फर्स्ट (Go First) की संपत्ति बेचकर इसका कर्ज भी चुकाया जाएगा। जानकारी की मानें तो कंपनी का परिचालन वित्तीय समस्याओं के कारण पिछले करीब तीन साल से बंद है।
Read More: कर्नाटक में गाय के साथ हैवानियत, सिर, पैर अलग कर गर्भ निकाल बछड़े के किए टुकड़े
वित्तीय समस्याओं से जुझ रही एयर लाइन कंपनी गो फर्स्ट ने मई 2023 में अपनी इच्छानुसार दिवालिया समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। आपको बता दें कि गो फर्स्ट का ऑपरेशन 3 मई, 2023 यानी पिछले 2 सालों से बंद है। वहीं एयरलाइन ने मई 2023 में वित्तीय संकट का हवाला देते हुए स्वैच्छिक रूप से दिवाला समाधान प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। न्यायाधिकरण ने 15 पृष्ठ के आदेश में कहा – वह कंपनी गो एयरलाइंस (इंडिया) लि. के परिसमापन का आदेश दे रहा है। अब कर्जदाताओं की समिति यानी सीओसी को अपने गठन के बाद और सोल्यूशन प्लान की पुष्टि से पहले किसी भी समय गो फर्स्ट के परिसमापन का फैसला लेने का अधिकार है।
NCLT ने बताया पूरा मामला
वहीं NCLT ने मामले को लेकर जानकारी देते हुए कहा- कॉरपोरेट देनदार के प्रपोजल को सीओसी ने 100 प्रतिशत वोटिंग के साथ मंजूरी दे दी थी। गो एयर का नाम बदलकर गो फर्स्ट किया गया था। इसीलिए, सीओसी के कर्मशियल हेड विवेक में हस्तक्षेप करने की किसी भी प्रकार की कोई योग्यता नहीं दिखायी देती है। इससे 2 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को दिवालिया कार्यवाही के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश जारी कर दिया है। उस समय जेट एयरवेज ने आखिरी बार अप्रैल 2019 में उड़ान भरी थी। कंपनी ने 17 साल से अधिक समय तक उड़ान सेवाएं दी।

वहीं दिवाला समाधान प्रक्रिया के दौरान, कम से कम दो बोलीदाता स्पाइसजेट प्रमुख अजय सिंह के साथ बिजी बी एयरवेज और शारजाह बेस्ड विमानन इकाई स्काई वन थे। यात्रा पोर्टल ईज माई ट्रिप के सह-संस्थापक निशांत पिट्टी बिजी बी एयरवेज में बहुलांश शेयरधारक है।
54 एयरक्राफ्ट्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल
आपको बतादें कि इस बीच दिवालिया प्रक्रिया के दौरान, नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने गो फर्स्ट के 54 विमानों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। समाधान प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी और अब न्यायाधिकरण ने एयरलाइन के परिसमापन का आदेश दिया है। एयरलाइन ने 2005-06 में मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान के साथ घरेलू परिचालन शुरू किया और फिर 2018-19 में अंतरराष्ट्रीय परिचालन शुरू किया। परिचालन शुरू करने के बाद से गो फर्स्ट ने एयरबस को 72 ए320 नियो विमानों के लिए दो ऑर्डर दिए। ये ऑर्डर 2011-12 और 2016-17 में दिये गये। नकदी समस्या से जूझ रही एयरलाइन ने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 1,800 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी।