सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, एक ही शिफ्ट में होगी NEET-PG परीक्षा
NEET-PG 2025 Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने NBE के दो शिफ्ट में परीक्षा कराने के फैसले को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने NEET-PG 2025 की परीक्षा एक ही शिफ्ट में करवाने का निर्देश दिया। इसके बाद अब NEET-PG एग्जाम एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा।

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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
दरअसल NEET-PG 2025 की तैयारी कर रहे लाखों मेडिकल छात्रों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए साफ कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब NEET PG 2025 की परीक्षा सिर्फ एक ही शिफ्ट में कराई जाएगी। यह फैसला परीक्षा की पारदर्शिता और सभी छात्रों को समान अवसर देने के मकसद से लिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने NBE के दो शिफ्ट में परीक्षा कराने के फैसले को खारिज कर दिया है।

“कोर्ट ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन्स (NBE) के दो शिफ्ट में एग्जाम कराने को फैसले को मनमाना बताया और कहा – इससे छात्रों के साथ नाइंसाफी हो सकती थी। कोर्ट ने कहा- परीक्षा 15 जून को है और अभी भी NBE के पास इस परीक्षा को पूरी पारदर्शिता के साथ 1 शिफ्ट में कराने के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए पर्याप्त वक्त है।” जिसको लेकर NBE की ओर से कहा गया कि इस समय सीमा में एक शिफ्ट में परीक्षा करवा पाना संभव नहीं होगा। जिस पर कोर्ट ने कहा – अगर ऐसा है तो NBE समय सीमा को बढ़ाने के लिए फिर से कोर्ट का रुख कर सकती है। फिलहाल NEET पीजी की परीक्षा 15 जून को है।
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परीक्षा कब है और नतीजे कब आएंगे?
आपको बताते चले कि NEET-PG 2025 की परीक्षा 15 जून को होनी है। इस कंप्यूटर-बेस्ड परीक्षा का रिजल्ट 15 जुलाई को आने की उम्मीद है। इससे पहले 5 मई को, बेंच ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE), नेशनल मेडिकल काउंसिल और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से इस याचिका पर जवाब मांगा था।

मेडिकल छात्रों के लिए राहत
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मेडिकल छात्रों को राहत मिली है, क्योंकि अब उन्हें किसी और शिफ्ट के कठिन या आसान पेपर की चिंता नहीं करनी होगी। सभी उम्मीदवार एक ही समय पर एक जैसे प्रश्नों के साथ परीक्षा देंगे, जिससे परिणामों की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहेगी। जैसा कि पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि नीट पीजी जैसी बड़ी परीक्षाएं दो अलग-अलग शिफ्टों में कराई जाती रही हैं।
Delhi: Advocate Abhishek Hela, petitioner in the NEET-PG case, says, "Initially, we filed a petition challenging multiple aspects of the exam—two shifts, normalization, lack of transparency, and other crucial elements important for a national-level examination… The court has… pic.twitter.com/BXWq0ubVXr
— IANS (@ians_india) May 30, 2025
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि दो शिफ्टों में आयोजित परीक्षा में सवालों की कठिनाई का स्तर अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को फायदा और कुछ को नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने कहा- किसी भी दो प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर को पूरी तरह से समान नहीं माना जा सकता। यह स्थिति असमानता और मनमानी को जन्म देती है, ऐसे में सभी छात्रों के साथ न्याय करने के लिए परीक्षा एक ही शिफ्ट में कराना जरूरी है।