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ब्रह्मोस मिसाइल भारत के लिए ब्रह्मास्त्र, आज हुआ उद्घाटन, जानें खासियत

Brahmos Missile Unit: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पाकिस्तान के बीच का तनाव बढ़ गया हैं, वहीं आज लखनऊ में 300 करोड़ की लागत से बनी ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का उद्घाटन हुआ, जो सालाना 100 से अधिक मिसाइलें बनाएगी, जो भारत की रक्षा क्षमता को सशक्त करेगी।

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ब्रह्मोस मिसाइल भारत के लिए ब्रह्मास्त्र, आज हुआ उद्घाटन, जानें खासियत

लखनऊ में हुआ ब्रह्मोस का उद्घाटन

आपको बतादें कि यूपी की राजधानी लखनऊ में रविवार को आज ब्रह्मोस बनाने की यूनिट का शुभारंभ किया गया। इसी दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस एकीकरण और परीक्षण सुविधा का उद्घाटन किया, जो रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बना है।

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बताते चले कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से लखनऊ में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल उत्पादन यूनिट का उद्घाटन कर दिया है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक समेत कई नेता मौजूद रहे।

ब्रह्मोस मिसाइल भारत के लिए ब्रह्मास्त्र

ब्रह्मोस मिसाइल भारत के लिए ब्रह्मास्त्र, आज हुआ उद्घाटन, जानें खासियत

जैसा कि हम सभी जानते है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान अपनी तबाही का आकलन कर रहा है। वहीं भारत में ब्रह्मोस मिसाइल की चर्चा से रक्षा क्षेत्र में बड़ा सहयोग मिला हैं। इस दौरान आज लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट का शुभारंभ किया गया। बताते चले कि ब्रह्मोस मिसाइल की प्रोडक्शन यूनिट 80 हेक्टेयर में बनाई गई है। 300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई है। ये यूनिट साढ़े 3 साल में बनकर तैयार हुई है।

यूनिट में जो ब्रह्मोस मिसाइल बनाई जाएगी उनकी मारक क्षमता 290 से 400 किलोमीटर तक की होगी। ब्रह्मोस यानी भारत का ब्रह्मास्त्र जो तेज है, सटीक है और सबसे बढ़कर भारत का ये ब्रह्मास्त्र अचूक है। ब्रह्मोस अपना टारगेट मिस नहीं करता और इसका उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर में देखने को मिला है। अगर ब्रह्मोस की ताकत की बात करें तो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसकी स्पीड मैक 2.8 से मैक 3.0 की है आम भाषा में कहें तो यह 3700 किलोमीटर प्रति घंटे या 1 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलती है।

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जिससे भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमता को मजबूत करेगी। यह यूनिट प्रतिवर्ष 100 से 150 अगली पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलें बनाएगी। यह मिसाइल भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया के संयुक्त उद्यम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित की गई है। इसे जमीन, समुद्र या हवा से लॉन्च किया जा सकता है और यह “फायर एंड फॉरगेट” सिस्टम पर काम करती है।

ब्रह्मोस प्रोजेक्ट की खासियत

बतादें कि योगी सरकार ने 2021 में ब्रह्मोस प्रोजेक्ट के लिए लखनऊ में 80 हेक्टेयर भूमि आवंटित की थी। 26 दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्लांट का शिलान्यास किया था। सिर्फ साढ़े 3 साल में यह यूनिट बनकर तैयार हो गई।

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ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त उद्यम की देन है। इसकी मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर और गति मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। यह मिसाइल जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है। यह ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर काम करती है, जिससे यह दुश्मन के रडार से बचकर सटीक निशाना लगा सकती है।

शामिल हैं ये शहर

बता दें कि उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे में छह नोड्स शामिल हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, झांसी और चित्रकूट है। इसका लक्ष्य रक्षा उत्पादन में बड़े निवेश को आकर्षित करना है। तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा राज्य है, जिसने एक समर्पित रक्षा गलियारा स्थापित किया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा उत्पादन में उसकी भूमिका को और मजबूत करता है।

सीएम योगी ने क्या कहा ?

इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- “आपने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ब्रह्मोस मिसाइल की एक झलक देखी होगी। अगर नहीं देखी तो पाकिस्तान के लोगों से ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत के बारे में पूछिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि आगे से आतंकवाद की कोई भी कार्रवाई युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी। आतंकवाद की समस्या का समाधान तब तक नहीं हो सकता है, जब तक हम इसे पूरी तरह से कुचल नहीं देते।

आतंकवाद को कुचलने के लिए हम सभी को पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक स्वर में लड़ना होगा। आतंकवाद कभी भी प्यार की भाषा नहीं अपना सकता। उसे उसी की भाषा में जवाब देना होगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दिया है।” किसी भी स्वावलंबी देश के लिए आवश्यक होता है कि वह अपनी रक्षा आपूर्ति के लिए दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर होने की बजाय स्वयं उस लक्ष्य को प्राप्त करें।

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