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‘एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान से मिटेगा जातिवाद’- कांग्रेस के आरोप पर मोहन का वार

RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू समाज से जातिगत मतभेदों को समाप्त करने की पुरजोर अपील की है और सामाजिक एकता पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने जातिगत भेदभाव खत्म करने के लिए ‘एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान’ के सिद्धांत को अपनाने की बात कही…और सभी वर्गों में समरसता और समानता लाने का आह्वान किया।

'एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान से मिटेगा जातिवाद'- कांग्रेस के आरोप पर मोहन का वार

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संस्कार और मूल्य RSS की नींव

आपको बताते चले कि यूपी के अलीगढ़ जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत का दौरा था, जहां उन्होंने दो प्रमुख शाखाओं-एचबी इंटर कॉलेज और पंचन नगरी पार्क में स्वयंसेवकों को संबोधित किया। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए कहा- हमें सभी वर्गों को समान सम्मान देना होगा, यही हमारा धर्म है, यही हमारी संस्कृति है।

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आरएसएस प्रमुख ने स्वयंसेवकों को सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के लिए संस्कार, परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों पर जोर देने को कहा। उन्होंने कहा -“हमें ऐसा समाज बनाना है जो न केवल सशक्त हो, बल्कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाला हो।” उन्होंने कहा कि हमारे त्योहार केवल उत्सव नहीं हैं, बल्कि वे सामाजिक एकता के अवसर भी हैं। उन्होंने सभी वर्गों के लोगों को साथ मिलकर त्योहार मनाने का आग्रह किया।

'एक मंदिर, एक कुआं, एक श्मशान से मिटेगा जातिवाद'- कांग्रेस के आरोप पर मोहन का वा

कांग्रेस ने लगाया गंभीर आरोप

मोहन भागवत ने सामाजिक एकता पर बल देते हुए ‘एक मंदिर, एक कुआं और एक श्मशान घाट’ की बात कही है, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस ने वक्फ संशोधन अधिनियम को बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी साजिश करार दिया है। खरगे ने बीजेपी-आरएसएस पर गरीबों और कमजोर वर्गों के खिलाफ होने का आरोप लगाया है।

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कांग्रेस अध्यक्ष ने पलटवार करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने बिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा- बीजेपी-आरएसएस पर गरीबों, महिलाओं और कमजोर वर्गों के खिलाफ होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- “वे गरीब, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ हैं। वे समाज की बेहतरी के लिए नहीं सोच सकते, वे जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने में विश्वास करते हैं।”

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आरएसएस की शताब्दी समारोह की तैयारी

भागवत की यह यात्रा इस साल विजयादशमी से शुरू होने वाले आरएसएस शताब्दी समारोह की तैयारियों के तहत की गई हैं। इसमें ब्रज क्षेत्र के आरएसएस प्रचारकों के साथ उनकी नियमित बैठकें भी शामिल रहीं, उन्होंने संगठनात्मक ढांचे की मजबूती और आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले आयोजनों की रूपरेखा पर भी चर्चा की। इसके साथ ही भागवत ने सामाजिक एकता पर जोर दिया और हिंदू समाज की नींव के रूप में संस्कार और मूल्यों के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने स्वयं सेवकों से परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और नैतिक अखंडता पर आधारित समुदाय बनाने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय गौरव को मजबूत करने और सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के लिए त्योहारों को एक साथ मनाने की बात कही। भागवत ने स्वयं सेवकों को समाज के सभी वर्गों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

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