गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को क्यों मनाया जाता है, आखिर क्या है संविधान का महत्व
Republic Day 2025: स्वतंत्र भारत में संविधान लागू होने के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं, यानी भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारत के इतिहास में 26 जनवरी यानी की गणतंत्र दिवस एक महत्वपूर्ण इतिहास है जिसके लिए देशवासियों में देश के लिए अपार प्रेम है। तो आइये यह भी जान लेते है गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है और इसके पीछे की वजह क्या है?

जानें 26 जनवरी की खासियत
यह बात है 26 जनवरी 1930 की, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का ऐलान किया था। इस दिन को देशभर ने स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया था। इसके साथ ही भारत गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के दिन ही इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। साथ ही इस दिन देश को एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था। वैसे तो देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी को लागू किया गया।
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भारत का संविधान हुआ था लागू
आपको बतादें कि गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर परेड होती है, झंडा फहराया जाता है और अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकलती हैं। जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत का संविधान 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर 26 नवंबर 1949 को तैयार हो गया था, लेकिन फिर इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन ही क्यों चुना गया? आइए जानते हैं इस तारीख के पीछे की कहानी और क्या है इसके पीछे का इतिहास?
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26 जनवरी का ऐतिहासिक महत्व
साल 1930 में 26 जनवरी के दिन ही लाहौर अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की मांग और घोषणा की थी। 26 जनवरी को संविधान लागू करके, भारत ने ब्रिटिश शासन से आजादी के अपने संघर्ष को पूरा किया और एक नए युग की शुरुआत की। इस दिन को चुनकर, देश ने 1930 के पूर्ण स्वराज दिवस को भी याद किया।

गणतंत्र दिवस का महत्व
गणतंत्र दिवस भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम सब बराबर हैं और देश के शासन में हमारी भी भागीदारी है। यह दिन देश की कई जातियां, संस्कृतियों और धर्मों को एकजुट होने का अवसर देता है। गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान के महत्व की याद दिलाता है, जो हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है।
हर बार की तरह इस बार भी कर्तव्य पथ पर एक बड़ी परेड आयोजित की जाती है और इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है, जो देश का सर्वोच्च सम्मान है।

26 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन
बात है 26 जनवरी, 1930 की, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का ऐलान किया था। भारत की आजादी के उपरांत संविधान सभा ने देश के कॉन्स्टिट्यूशन तैयार करने का काम शुरू किया। संविधान को 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था फिर इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को देश में लागू किया गया था। संविधान लागू करने के बाद भारत ने ब्रिटिश शासन से खुद को मुक्त किया और एक नए युग की शुरुआत की। अब क्योंकि देश ने 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी और यही कारण है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।