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गायों की सुरक्षा के लिए लॉन्च हुआ AI-इनेबल्ड ‘गौ रक्षा कवच’

Gau Raksha Kavach: हमारे भारत देश में गाय को हमारी माता दर्जा दिया गया हैं, पुराणों में यहां तक कहा गया है गाय के हर अंगों में देवी-देवताओं का वास हैं इसलिए गाय पूजनीय भी होती हैं। ऐसे में गायों के साथ हो रहे व्यवहारों को ध्यान में रखते हुए गायों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रिडलन AI फाउंडेशन ने AI-इनेबल्ड ‘गौ रक्षा कवच’ लॉन्च किया है। बताते चले कि गौ रक्षा कवच पिछले दो सालों में लम्पी स्किन डिजीज से प्रभावित 2 करोड़ गायों और 20 लाख गायों की मौत के बाद शुरू की गई है। तो आइये जानते है ‘गौ रक्षा कवच’ की पूरी जानकारी…

the voice of hind- गायों की सुरक्षा के लिए लॉन्च हुआ AI-इनेबल्ड 'गौ रक्षा कवच'

जानें ‘गौ रक्षा कवच’ की जानकारी

आपको बता दें कि AI-इनेबल्ड ‘गौ रक्षा कवच’ रिडलन AI फाउंडेशन ने लॉन्च किया हैं। गौ रक्षा कवच AI की मदद से गायों के देखभाल करने वालों को वैक्सीनेशन और डिवार्मिंग शेड्यूल के लिए रिमाइंडर ईमेल और अलर्ट भेजता है, ताकि बीमारियों से बचाव हो सके। फाउंडेशन के संस्थापक अक्षय रिडलन, जो 25 साल के डेटा इंजीनियर हैं, उन्होनें इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन से प्रेरित है, जिसमें टेक्नोलॉजी और संस्कृति को जोड़ने का प्रयास किया गया है। 

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फाउंडेशन एक सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस बना रहा है, जिससे गायों की बीमारियों पर नजर रखी जा सके और AI मॉडल से गायों में होने वाली मस्टाइटिस, लंगड़ापन और पाचन संबंधित समस्याएं समय रहते पकड़ी जा सकें। इसके अलावा, फाउंडेशन आवारा गायों के लिए भी कई उपाय कर रहा है, जैसे रिफ्लेक्टिव कॉलर पहनाकर सड़क हादसों को कम करना और गौशालाओं के लिए डेटा से योजना बनाना। अक्षय रिडलन ने सरकार, गौशालाओं, डॉक्टरों, किसानों और सभी लोगों से इस पहल को पूरे देश में फैलाने के लिए मदद की अपील की। उनका मानना है कि गौ रक्षा कवच सिर्फ एक शुरुआत है, और इसका मकसद भारत में गायों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य बनाना है।

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जानें क्या बोली पूनम महाजन

बताते चले कि पिछले दो सालों में 20 लाख से ज़्यादा गायें लम्पी वायरस की वजह से प्रभावित हुई हैं और करीब 2 लाख गायों की जान चली गई है। गायों को समय पर टीका लगाना और कृमि मुक्ति देना इस बीमारी से बचाव के लिए बहुत ज़रूरी है। शहर स्थित एक फाउंडेशन ने गायों के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता-सक्षम पेंडेंट बनाया है, जिसमें क्यूआर कोड लगा हुआ है, ताकि गायों की भलाई और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

“गौ रक्षा कवच” पेंडेंट ईमेल या एसएमएस के ज़रिए गाय के टीकाकरण की तारीख़ की याद दिलाएगा। स्कैन करने पर, कोड मौके पर ही गाय का मेडिकल इतिहास दिखाएगा। इस पेंडेंट में एक रिफ्लेक्टिव कॉलर लगा है जो आवारा गायों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाएगा। यह पहल बुधवार को रिडलान एआई फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई, वहीं भाजपा नेता और पूर्व सांसद पूनम महाजन ने बुधवार को पेंडेंट लॉन्च किया। जिसको लेकर पूनम महाजन ने कहा- “यह भारत की पुरानी संस्कृति से गायों के लिए एआई-अनुरूप पेंडेंट का एक बहुत ही शानदार विचार है। मैं भारत के उन नेताओं से जुड़ने के लिए धन्य हूं जो समाज को वापस देने, बेजुबानों को आवाज देने के बारे में सोचते हैं।” 

मुझे गौ रक्षा कवच के लॉन्च का समर्थन करने और उसका हिस्सा बनने में खुशी हो रही है, जो एक क्यूआर-आधारित टैग है जिसे हमारी गौमाता की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। रिडलान एआई फाउंडेशन के साथ मिलकर, हम देश भर के लोगों से इस उद्देश्य का समर्थन करने और हमारी गौमाता की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करेंगे। अधिक जानकारी के लिए इस स्थान पर नज़र रखें और हमसे जुड़ें!

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उन्होंने कहा, “हम गायों को बचाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर रहे हैं। ‘गौ रक्षा कवच’ नामक पेंडेंट का उद्देश्य गायों को प्रभावित करने वाले कई विषाणुओं से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” उन्होंने कहा, “पिछले दो सालों में 20 लाख से ज़्यादा गायें इस बीमारी से प्रभावित हुई हैं और करीब 2 लाख गायों की जान चली गई है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गायों का टीकाकरण और समय पर कृमि मुक्ति बहुत ज़रूरी है।” रिडलान ने कहा – गायों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए बेल्ट पर लगे ये टैग गायों की जानकारी संग्रहीत करेंगे और मालिक को अलर्ट भेजेंगे। उन्होंने कहा, “कवच में एक रिफ्लेक्टिव कॉलर है जो आवारा गायों को सड़क दुर्घटनाओं से बचाएगा। यह गायों के लिए हमारी ओर से एक छोटी सी पहल है। फिलहाल ये पेंडेंट निःशुल्क हैं और फाउंडेशन प्रायोजकों की तलाश कर रहा है।”

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