1 जून से बदल जाएंगे सड़क परिवहन और ड्राइविंग लाइसेंस के नियम
Driving Rules : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे ड्राइवर का लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया बहुत सरल हो जाएगी। बताते चले कि आने वाली 1 जून से वाहन चलाने के नियमों और ड्राइविंग लाइसेंस के नियम में कुछ अहम बदलाव होने वाले हैं।

इस बदलाव के तहत सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बदलाव किये जाएंगे और लाइसेंस बनवाने के लिए आरटीओ के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके लिए आवेदक को अब RTO में ड्राइविंग टेस्ट देने की जरुरत नहीं होगी। वहीं जारी रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस नए नियम को आगामी 1 जून 2024 से लागू किया जाएगा।
जानें क्या है नियम और बदलाव
- बिजनेस स्टैडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार निजी संस्थान ड्राइविंग टेस्ट कराने के लिए अधिकृत होंगे। ताकि लोगों को उन्होंने ट्रेनिंग दी है उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सके।
- वैध लाइसेंस के बिना वाहन चलाने पर भारी जुर्माना लगेगा। जिसे बढ़ाकर ₹1,000 से ₹2,000 तक किया जाएगा।
- अगर कोई नाबालिग वाहन चलाता हुआ पाया गया तो उसके माता-पिता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और 25,000 रुपये का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट भी रद्द कर दिया जाएगा।
- 1 जून से नया ड्राइविंग लाइसेंस नियम लागू हो रहा है। जिसमें नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना बहुत ही आसान हो जाएगा।
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले के पास अपनी पसंद के निकटतम केंद्र पर ड्राइविंग टेस्ट देने का विकल्प होगा।
- सरकार प्राइवेट प्लेयर को ड्राइविंग टेस्ट लेने के लिए अधिकृत करते हुए प्रमाणपत्र जारी करेगी।
- ड्राइवर का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज को भी सरल बनाया जाएगा।
- आप किसी ऑथोराइज्ड प्राइवेट इंस्टीट्यूट से भी ड्राइविंग टेस्ट पास कर सकते हैं।
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जानें कैसे करें ड्राइवर लाइसेंस का आवेदन

बताते चले कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के जारी नियमानुसार ड्राइवर लाइसेंस के लिए आवेदन प्रक्रिया वही रहेगी। इसके लिए राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट-https://parivahan.gov.in/ पर जाकर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आवेदक चाहे तो मैन्युअल प्रक्रिया के आवेदन दाखिल करने के लिए अपने संबंधित आरटीओ में भी जा सकते हैं।
जानें प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल खोलने के लिए नियम
- प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल खोलने वाले के पास न्यूनतम 1 एकड़ भूमि (चार पहिया वाहन प्रशिक्षण के लिए 2 एकड़) होनी चाहिए।
- स्कूलों को उपयुक्त परीक्षण सुविधा प्रदान करनी होगी।
- ड्राइविंग सेंटर में उचित टेस्ट फैसिलिटी होनी चाहिए।
- जो लोग राइडर्स या भावी ड्राइवर्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं उनके पास कम से कम हाई स्कूल डिप्लोमा या इसके आसपास की डिग्री होना जरूरी है।
- प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा के साथ कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए और बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम से परिचित होना चाहिए।

प्रशिक्षण अवधि
- हल्के मोटर वाहन (एलएमवी): 4 सप्ताह में 29 घंटे, 8 घंटे थ्योरी और 21 घंटे प्रैक्टिकल के होंगे।
- भारी मोटर वाहन (एचएमवी): 6 सप्ताह में 38 घंटे, 8 घंटे थ्योरी और 31 घंटे प्रैक्टिकल में विभाजित।
इसी के साथ सरकार ने 9,00,000 पुराने सरकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का भी फैसला किया है। इसके अलावा कारों से उत्सर्जन (एमिशन) को कंट्रोल में रखने के लिए सख्त नियम भी लाए जाएंगे।