आखिर क्यों हुआ हाथरस का दर्दनाक हादसा, पीएम मोदी समेत नेताओं ने जताया दुख
यूपी के हाथरस का हादसा जो मातम में बदल गया है और चारों तरफ हफड़ातफड़ी मच गई हैं इसके साथ ही अशंका जताई जा रही हैं
UP Hathras: यूपी के हाथरस की खबर ने सभी के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। क्योंकि हाथरस में हो रहे सत्संग में इतनी भगदड़ मची की वो जानलेवा बन गई। बतादें कि जिले के फुलराई गांव में भोलेबाबा का प्रवचन कार्यक्रम चल रहा था। वहीं जब कार्यक्रम समापन की दौर पर रहा तो जिसके बाद अचानक भगदड़ मच गई।
जिसमें सैकड़ों भक्त भीषण गर्मी से भी बेहोश हो गए। वहीं घटना स्थल पर सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने सैकड़ों ने गंभीर लोगों को अस्पतास में भर्ती कराया हैं।
जानें पूरा मामला
यूपी के हाथरस का हादसा जो मातम में बदल गया है और चारों तरफ हफड़ातफड़ी मच गई हैं इसके साथ ही अशंका जताई जा रही हैं कि इस हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई हैं। वही अनुमान यह भी लगाया गया हैं कि इस हादसे में ज्यादातर महिलाओं के साथ बच्चे भी शामिल थे जो इस दर्दनाक हादसे का शिकार हुए हैं।
बतादें कि यह भगदड़ सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में मची। वहीं इस दर्दनाक हादसे को लेकर पीएम मोदी समेत अन्य नेताओं ने भी दुख जताया हैं। इसके साथ ही पुलिस-प्रशासन ने सैकड़ों गंभीर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया है।
हाथरस के डीएम ने दी जानकारी
वहीं हादसे को लेकर हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार पटेल ने बताया कि हाथरस में 50 से 60 शव लाए गए हैं। वहीं एटा सीएमओ के मुताबिक, अब तक एटा में 27 शव पहुंच चुके हैं और करीब 150 लोग घायल हैं। जानकारी के मुताबिक, घायलों को बस-टैंपों में लादकर जिला अस्पताल ले जाया गया। डीएम और एसपी मौके पर पहुंच गए है। साथ ही मौके पर कई थानों की फोर्स भी बुलाई गई है। वहीं हादसे के बाद जिला प्रशासन ने घटना की स्थिति के मद्देनजर आम लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। जिला प्रशासन ने 05722227041 और 05722227042 नंबर जारी किये हैं।
जानें हादसे के पीछे की गलती
बदादें कि सिंकदाराऊ से 5 किमी दूर एटा रोड पर सत्संग का यह टैंट लगा है। खुले खेत में करीब 100 बीघे में सत्संग का आयोजन किया गया था। जहां पर भगदड़ मची और चारों तरफ मौत का मातम पसरा हुआ हैं। ऐसे में सबसे जरूरी यह है कि आखिर भगदड़ कैसे हुई। टैंट को देखने पर एंट्री और एग्जिट गेट पर शक होता है, क्योंकि अंदर जाने और निकलने के लिए बहुत छोटा रास्ता बनाया गया था। बताया जा रहा है भगदड़ की वजह गर्मी, उमस और घुटन है। बंद टेंट में लोगों ने बाहर आना शुरू किया और फिर भगदड़ मच गई।
दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाज़े से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई। बताते चले कि स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 सालों से सत्संग चल रहा था।
पीएम मोदी ने जताया दुख साथ ही सीएम से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस में भगदड़ की घटना पर लोकसभा में हाथरस सत्संग हादसे पर दुख जताया कहा- "मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं, प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है।" इसके साथ ही उन्होंने कहा- भगदड़ में लोगों की मौत दुखद है। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है और हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और कहा कि मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने इसमें अपने प्रियजनों को खोया है। वहीं हादसे के बाद पीएम मोदी ने अनुग्रह राशि की घोषणा की है। हाथरस में दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति ने हादसे पर जताया दुख
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर कहा- “उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
CM योगी ने जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस हादसे को दुर्घटना पर दुख जताते हुए अपने एक एक्स पोस्ट में कहा- "जनपद हाथरस की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं।"
इसके साथ ही हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही इस मामले में कार्यक्रम के आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रशासन आयोजकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
राहुल गांधी ने किया मदद का अनुरोध
राहुल गांधी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए कहा- "उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से कई श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। सभी शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। सरकार और प्रशासन से अनुरोध है कि घायलों को हर संभव उपचार एवं पीड़ित परिवारों को राहत उपलब्ध कराएं। INDIA के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि राहत और बचाव में अपना सहयोग प्रदान करें।"
अखिलेश यादव ने जताया शोक
अखिलेश यादव ने जताते शोक जताते हुए कहा- ‘हाथरस-हादसे’ की दुखद सूचना मिली। सभी मृतकों को श्रद्धांजलि! इस तरह के आयोजन में हुई मानवीय भूलों का आंकलन करने की आवश्यकता है और भविष्य के लिए सबक़ लेने की भी। एक गहन जाँच और उसके आधार पर की गयी कार्रवाई भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोक सकती है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं!
जानें कौन हैं कथावाचक भोले बाबा
हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है। भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था।
बताया गया कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही वे मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं। उनकी शुरुआत पढ़ाई लिखाई एटा के बहादुर नगरी गांव में हुई। कॉलेज के बाद वो आईबी में नौकरी करने लगे और बाद में आध्यात्म की तरफ मुड़ गए। उन्होंने बाद में अपना नाम बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया। वह गेरुआ कपड़े नहीं पहनते और सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं।