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इलाहाबाद HC : पति-पत्नी से नहीं तो यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहां जाएंगे


एक पुरुष अपनी पत्नी से और महिला अपने पति से सेक्स की मांग नहीं करेगी, तो सभ्य समाज में वह यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहां जाएंगे।


Allahabad HC: यूपी से पति-पत्नी का इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक ऐसा केस आया है जिसको लेकर कोर्ट ने कहा कि अगर एक पुरुष अपनी पत्नी से और महिला अपने पति से सेक्स की मांग नहीं करेगी, तो सभ्य समाज में वह यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहां जाएंगे।

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याचिकाकर्ता महिला के आरोप

तो आइये जानते है पति-पत्नी के सेक्स संबंधित केस का पूरा आखिर क्या है मामला, इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंचा पति-पत्नी के केस को लेकर पत्नी का कहना था पति उसे प्रताड़ित करता है साथ ही उससे अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाए, बताते चले कि दम्पति की शादी साल 2015 में हुई थी।

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नोएडा की रहने वाली महिला ने अपने पति के खिलाफ 2018 में प्रताड़ना और अप्राकृतिक यौन शोषण का मामला दर्ज करवाया था, वहीं केस को लेकर याचिकाकर्ता महिला के मुताबिक पति और उसके परिवार ने महिला से दहेज की मांग की थी और जब मांग पूरी नहीं हो पाई तो परिवार के लोगों ने महिला के साथ मारपीट भी की थी। इतना ही नहीं महिला ने आरोप लगाते हुए कहा उसका पति शराबी है और फिर उससे अप्राकृतिक सेक्स करने की कोशिशें करता है।

पति देखता है पोर्न वीडियो

उन्होंने आरोप लगाए थे कि पति पोर्न फिल्में देखता है और उसके सामने बगैर कपड़ों के घूमता है और हस्तमैथुन करता है। जब उसने इन बातों पर आपत्ति जताई, तो पति ने कथित तौर पर उसके साथ हिंसा की। महिला के आरोप थे कि सिंगापुर में भी पति ने उसे यातना दी थी। इसके बाद पति और उसके परिवार के खिलाफ कई धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

याचिकाकर्ता महिला के आरोप लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा- पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं है, इसलिए कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया। इसके साथ ही फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर पति अपनी पत्नी से संबंध बनाने की डिमांड करता है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं, क्योंकि पति अपनी बीवी से संबंध बनाने की मांग नहीं करेगा तो और किससे करेगा सभ्य समाज में वह यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहां जाएंगे।

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कोर्ट ने मामला किया रद्द

इसके साथ ही प्रताड़ना और अप्राकृतिक यौन शोषण के मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता ने कहा- 'यह जाहिर है कि विवाद पार्टियों के सेक्स को लेकर एकमत नहीं होने की वजह से है। जिसके कारण दोनों के बीच विवाद था और उस विवाद के कारण तत्काल FIR दर्ज कराई गई थी।' रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि अगर एक पुरुष अपनी पत्नी से और महिला अपने पति से सेक्स की मांग नहीं करेगी, तो सभ्य समाज में वह यौन इच्छाओं को पूरा करने के लिए कहां जाएंगे। वहीं इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यौन सुख को पति-पत्नी के बीच जारी झगड़े की वजह बताते हुए एक केस खारिज कर दिया है।

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इसके साथ ही हाई कोर्ट का यह मानना था कि पत्नी ने पति और उसके परिवार पर यातना के अस्पष्ट आरोप लगाए थे। जिसको लेकर कोर्ट ने कहा- किसी भी घटना में ओपोजिट पार्टी क्रमांक 3 को चोट नहीं पहुंची है। ऐसे में मामले के तथ्यों से कोर्ट की राय से किसी भी तरह से यह नहीं कहा जा सकता है कि यह धारा 498 के तहत क्रूरता का अपराध है। पति-पत्नी के बीच यौन इच्छाओं का केस क्रूरता नहीं है, इसी के साथ कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया।

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