बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर पेरेंट्स की मंजूरी जरूरी
क्राइम को देखते हुए अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकांउट बनाने के लिए रोक लगा दी गई हैं इसके साथ ही माता-पिता की सहमति लेना भी अनिवार्य कर दिया गया हैं।
Social Media: सोशल मीडिया प्लेटफार्म और डिजिटल मीडिया का आज के समय में हर किसी के जीवन का हिस्सा बन गया हैं। जिसका इस्तेमाल बच्चे से लेकर बड़ें तक सभी कर रहे हैं क्योंकि उनके जीवन का एक हिस्सा बन चुका हैं। वहीं बढ़ते क्राइम को देखते हुए अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया अकांउट बनाने के लिए रोक लगा दी गई हैं इसके साथ ही माता-पिता की सहमति लेना भी अनिवार्य कर दिया गया हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का नए नियम
आपको बता दें कि सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया को लेकर बच्चों को ध्यान में रखते हुए इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDP) के तहत नए नियमों का मसौदा जारी किया है। जिसके अनुसार 18 फरवरी तक इस पर आपत्तियों के आधार पर बदलाव किया जा सकता है वहीं अगर बदलाव नहीं होगा तो भी इसे 18 फरवरी तक लागू कर दिया जाएगा।
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बताते चले नए नियमों के मसौदे के तहत डिजिटल डेटा संरक्षण के अंतर्गत बच्चों के व्यक्तिगत डेटा के संरक्षण, कंसेंट प्रोसेसिंग, डेटा प्रोसेसिंग निकाय और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित दिशा-निर्देश तय किए गए हैं। DPDP अधिनियम-2023 के तहत Data fiduciary पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। Data fiduciary वह व्यक्ति, कंपनी या फर्म होगी जो किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत डेटा को प्रोसेस करने का तरीका तय करती है। वहीं मंत्रालय ने इस मसौदे पर 18 फरवरी तक लोगों से राय मांगी है।
जानें नियम और कहां दे सुझाव
बतादें कि संसद से अगस्त 2023 में यह कानून पास हुआ था। फिलहाल कानून के तहत नियम क्या होंगे, कैसे लागू होगा, ये अभी फाइनल नहीं हुआ है। सरकार ने नियमों का मसौदा बनाया है उसपर स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे हैं। सुझाव अच्छे लगे तो सरकार उसे नियमों में शामिल सकती है। बता दें कि नियम तय होने के बाद कानून लागू होगा। यह नियम 18 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए बनाएं गए हैं। वहीं ड्राफ्ट रूल्स पर सरकार ने 18 फरवरी तक सुझाव मांगे हैं, ऐसे में लोग MyGov.in पर अपना सुझाव दें सकते हैं।
जानें क्या है जारी किया गया मसौदा
बताते चले कि मसौदा अधिसूचना में कहा गया है कि व्यक्तिगत डिजिटल डेटा संरक्षण अधिनियम-2023 की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा लोगों की जानकारी के लिए जारी किया है।
वहीं मसौदा नियमों में डिजिटल डेटा संरक्षण नियम के लोगों की की कंसेंट प्रोसेसिंग, डेटा प्रोसेसिंग निकाय और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं, अधिसूचना में कहा गया है, सूचित किया जाता है कि इन मसौदा नियमों पर 18 फरवरी 2025 के बाद विचार किया जाएगा। मसौदा नियमों में डीपीडीपी अधिनियम-2023 के तहत सजा उल्लेख नहीं है। इस नियम में डेटा फिड्यूशरी पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। वहीं शैक्षणिक संस्थानों और बाल कल्याण संगठनों को कुछ नियमों से छूट दी जा सकती है, ताकि बच्चों की शिक्षा और कल्याण प्रभावित न हो।
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