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दिल्ली कह रही है, अब की बार भाजपा सरकार!, पीएम ने विपक्ष के खोले दाव


पीएम मोदी ने शनिवार को संसद में पेश हुए यूनियन बजट की दिल्ली की जनता को इसकी खूबियां भी गिनाईं।


Delhi Chunav: दिल्ली में चुनाव जल्द ही होने वाला है इसी दौरान सभी पार्टियां अपने वादों के साथ ही विपक्ष पर निशाना लगाते हुए नजर आ रही हैं। कहीं आप अपने झाडू के साथ नजर आ रही है, तो कहीं कांग्रेस अपने पंजों के साथ जनता के बीच वादें करते नजर आई हैं, वहीं भाजपा ने भी दिल्ली में इस बार कमल खिलाने की तैयारी कर ली हैं और सभी पार्टियां अपने-अपने वादों और इरादों के साथ जनता के बीच नजर आ रही हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने शनिवार को संसद में पेश हुए यूनियन बजट की दिल्ली की जनता को इसकी खूबियां भी गिनाईं।

आपदा पार्टी का उतर गया नकाब

इस दौरान बीजेपी सरकार ने अपने कई वादें के साथ जनता के सामने विपक्ष की कई पोल खोली हैं साथ ही उनके किए गए कामों पर भी सवाल उठाया हैं। आपको बतादें कि पीएम मोदी ने आज यानी कि रविवार को आरके पुरम दिल्ली में विशाल जनसभा को संबोधित किया हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा- आप पार्टी डर के मारे हर नई घोषणाएं कर रही है। इसके साथ ही आप पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा- आपदा पार्टी का नकाब अब जनता के सामने उतर गया हैं। पीएम ने कहा- 5 फरवरी को दिल्ली में बदलाव आएगा और 8 फरवरी को जब नतीजे आएंगे तो शहर में डबल इंजन की सरकार बनेगी।

आपको बताते चले कि पीएम मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा- “बसंत पंचमी के साथ मौसम बदलने लगता है। 5 फरवरी को विकास का नया बसंत आएगा। इस बार, बीजेपी सरकार बनेगी। दिल्ली की आप पार्टी ने दिल्ली के 11 साल बर्बाद कर दिए हैं। मैं दिल्ली के हर परिवार से प्रार्थना करता हूं कि कृपया हमें सेवा का मौका दें और मैं आपको गारंटी देता हूं।”

झाड़ू के बिखर गए तिनके

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केजरीवाल सरकार की पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि झाड़ू के तिनके अब बिखरने लगे हैं। आपदा पार्टी से नेताओं का मन भर गया है, वह अब बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। ये नेता जान चुके हैं कि जनता आपदा से कितनी नफरत करती है। इन सब को देखते हुए आपदा पार्टी इतनी घबरा गई है कि वह झूठी घोषणाएं कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा- 10 साल से आपदा वाले झूठी घोषणाओं से वोट मांग रहे हैं। अब दिल्ली की जनता ये झूठ नहीं सहेगी। पीएम मोदी ने आगे कहा - एक तरफ आपदा की झूठी घोषणाएं हैं। दूसरी तरफ मोदी की गांरटी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी जो भी कहता है कि वह करके दिखाता है। उन्होंने आगे कहा, ”मैं आपकी सभी समस्याओं को हल करने के लिए किसी भी हद तक जाऊंगा। हर परिवार का जीवन खुशहाल होगा, और दिल्ली में ऐसी डबल इंजन सरकार बनेगी। बीजेपी की जीत पक्की है।

कांग्रेस पर भी PM मोदी का वार

इसी दौरान पीएम ने कांग्रेस पार्टी को भी आड़े हाथ लेते हुए कई पोल खोली और कहा- पार्टी कभी भी कॉमनवेल्थ घोटाले के दाग से मुक्त नहीं हो पाएगी। “कॉमनवेल्थ घोटाले के दाग इतने गहरे हैं कि कांग्रेस कभी भी इस मुद्दे से मुक्त नहीं हो पाएगी।” ऐसे में प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अगर दिल्ली में बीजेपी सरकार बनाती है तो कोई भी चल रही जनकल्याण योजनाएं बंद नहीं होंगी।

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उन्होंने आगे कहा, “आपदा पार्टी अफवाहें फैला रही है। दिल्ली में एक भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। कोई भी जनकल्याण योजना बंद नहीं होगी।” इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए बजट 2025 के लाभों को समझाते हुए कहा- अब मध्यम वर्ग के हाथों में अधिक पैसा बचेगा। उन्होंने इस बजट को भारत के इतिहास में “मध्यम वर्ग के लिए सबसे अनुकूल” बताया।

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बजट का मिलेगा लाभ

पीएम मोदी ने आगे कहा- “आज देश का हर एक परिवार खुश है, इस बजट के बाद। लोगों की कमाई भी बढ़ी है। पहले आपकी कमाई छीन ली जाती थी, लेकिन अब सरकार सभी के कल्याण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। 12 लाख तक की कमाई पर आयकर पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। मध्यम वर्ग की बचत में वृद्धि होगी। स्वतंत्रता के बाद से ऐसा रियायत कभी नहीं दी गई। बजट 2025 भारत के इतिहास में मध्यम वर्ग के लिए सबसे अनुकूल बजट है।”

बताते चले कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में 12 लाख तक की आय पर टैक्स माफ किया है। पीएम मोदी ने कहा- इंदिरा गांधी के समय 97.5% टैक्स का दावा किया। इंदिरा गांधी की सरकार के समय 100 रुपये की कमाई पर 97.5 रुपये टैक्स देना होता था। अगर नेहरू जी के जमाने में आप 12 लाख रुपये कमाते तो 12 लाख रुपये की आय पर आपकी एक चौथाई सैलरी सरकार वापस ले लेती। 

अगर इंदिरा जी का जमाना होता तो बारह लाख पर आपके दस लाख रुपया टैक्स पर चले जाते उनके ज़माने में ये था। कांग्रेस की सरकार में 2 लाख 70 हजार टैक्स देते। अब कुछ नहीं देना होगा। इंदिरा गांधी ने टैक्स को “आय और संपत्ति की अधिक समानता प्राप्त करने के लिए एक प्रमुख साधन” के रूप में देखा। कर के दायरे को बढ़ाने के बजाय, लोगों के एक छोटे समूह पर भारी कर लगाने की उनकी नीति काम नहीं आई। बड़े पैमाने पर कर चोरी के कारण नीति को कुछ ही वर्षों में वापस लेना पड़ा।

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