TheVoiceOfHind

हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान में देखे, काल पुरुष के लग्न से जानें ग्रहों की चाल


हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान का विषय है काल पुरुष के लग्न से कौन सा ग्रह क्या काम करेगा।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान का विषय है काल पुरुष के लग्न से कौन सा ग्रह क्या काम करेगा।

सूर्य ग्रह

सूर्य आत्म का कारक होता है। जब यह लग्न में होता है पूर्व दिशा का होता है जड़ चेतन में ऊर्जा प्रवाहित करता है। यह स्वयं गुरु होता है जिस कारण जातक आत्मबल से संपन्न होता है, उच्च पद पर आसीन होता है, न्याय संगत काम करता है। सूर्य आत्मा, नौकरी, पिता से संबंध, हार्ट से संबंध रखता है।

Read More: डेंगू वैक्सीन का ट्रायल शुरू, RML अस्पताल में ह्यूमन ट्रायल शुरू

चंद्रमा ग्रह

चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है स्वग्रही हो या मित्र ग्रही हो या उच्च का हो मन का मजबूत होता है। जातक का साधना में मन लगता है, साधक होता है, सूर्य, गुरु, मंगल से मिलकर जातक तपस्वी जीवन जीता है। ग्रहस्थ में रहकर सन्यासी जीवन जीता है, खराब चंद्र से मानसिक बिखराव, तनाव पैदा करेगा, अनिद्रा आदि रोग देता हैं।

the voice of hind- हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान में देखे, काल पुरुष के लग्न से जानें ग्रहों की चाल

मंगल ग्रह

मंगल ग्रह सेनापति होता है उच्च का हो प्रशासनिक ब्रिगेडियर बनाता है। जितना भी रिस्की काम होता है, डिसीजन लेता पूरा करता है, नीच का मंगल कर्ज में डूबता है। जातक का Nervous system (नर्वस सिस्टम) खराब करता है, दाम्पत्य जीवन में अपना रोल अदा करता हैं।

बुद्ध ग्रह

बुद्ध ग्रह राजकुमार होता है यह समय परिस्थिति हो या किसके साथ है उसी तरह बदल जाता अपना काम करने लगता है। यह शिक्षा विभाग प्रोफेसर होना, गाणित का कम, अकाउंट का काम में निपुर्ण होता है। यह कोमल सुकुमार होता हैं।

the voice of hind- हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान में देखे, काल पुरुष के लग्न से जानें ग्रहों की चाल

गुरु ग्रह

गुरु ग्रह यह देवताओं के गुरु है शिक्षा विभाग, न्याय संगत काम में प्रेरणा देना करना, सभी के कल्याण का भाव रखना, सदा नीति प्रबंधन में सुधार करना, दूसरे के प्रगति में सुधार करते है। यह बहुत उदार हृदय रखते है शरणागति होने पर क्षमा कर देते हैं, पूजन यज्ञ से प्रसन्न होते हैं।

शुक्र ग्रह

शुक्र ग्रह यह भी गुरु है परंतु यह रक्षासों के गुरु है, तंत्र मार्ग के ज्ञाता है, साधना में लीन रहते साधना करने वाले पर प्रश्न होकर जल्दी आशीर्वाद देते हैं, बिना सोचे समझे इनको तमोगुणी लोग अच्छे लगते है, जो पुरुषार्थी होते हैं।

शनि ग्रह

शनि ग्रह यह वृद्ध है एक पैर से कमजोर है न्याय संगत निष्ठुर धीमी गति से चलते है, कर्म का फल देते है, यह न्यायाधीश है इनको दया धर्म से मतलब नहीं होता हैं, यह कर्म का फल देते ही देते है जैसा कर्म होगा उसका उसी प्रकार कठिन से कठिन दंड देते है, प्रसन्न होकर अच्छे कर्म करने वाले को मालामाल करते हैं।

राहु केतु छाया ग्रह

राहु केतु छाया ग्रह है इनकी गड़ना ग्रह मंडल में नहीं रहती यह देश धर्म परिस्थिति के अनुसार अपना-अपना अच्छा बुरा फल प्रदान करते हैं। शिव पूजन से लाभ देते हैं।

Note: यह ज्ञान गुरु कृपा से आप सब तक पहुंचा रहा हूं, एक स्पीकर के तरह जो लोग भ्रमित है उनका भ्रम दूर हो उनको ज्ञान हो आशा है सभी लोग इसका लाभ ले समझे और अपने जीवन में उसका महत्व दे बिना आकाश मंडल के पांच तत्व पूरे नहीं होते जब पांच तत्व अपना-अपना काम पूरा करते तब जीवन सुंदर बनता है।

विशेष जानकारी:- बस आज का विषय यही रहा शेष अगले सप्ताह में देंगे। अगर आप भी ज्योतिष ज्ञान में रुची रखते है, साथ ही ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेज्ञ से 9415126330, 6386254344 से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

खास आपके लिए

बड़ी खबरें