हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान: विचारों से भाग्य निर्माण के उपाय
हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि का विषय है "विचारो से भाग्य का निर्माण" यानि की मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता खुद है।
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि का विषय है "विचारो से भाग्य का निर्माण" यानि की मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता खुद है।
मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता खुद है-
"जो विचार करिहौ मन माहीं राम कृपा कछु दुर्लभ नाहीं"
लेकिन कौन सा विचार करने से भाग्य का निर्माण होता है?
जैसा कि आप सभी जानते है कि मनुष्य तो हर समय विचार करता है फिर भी फल नहीं मिलता... एक शिष्य ने गुरु से पूछा? तब गुरु ने कहा मनुष्य पहले अपने विचारों को परपज बनाकर गोल में तब्दील करें, उसका लक्ष्य जब विचारो के द्वारा (conscious mind) चेतन मन से (subconscious mind) अवचेतन मन में अल्फा किरणों द्वारा पहुंच जाता है, तब ईश्वरी चेतना उसको खुद पूरा कर देती है, मनुष्य को केवल विश्वास करना होता है।
इसके बाद जीवन सुंदर बनता चला जाता है, वह बुद्धू से बुद्धिमान से बुद्ध हो जाता है। उस मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है उसके पास संसार के पदार्थ के साथ-साथ ईश्वरी चेतना का विकास होता है। वह सम भाव में स्थित होकर जीता है। यह सब गुरुदेव के कृपा के ऊपर होता है, क्योंकि जब गुरु अपनी कसौटी पर खरा देखते हैं तो साधारण पत्थर भी पारस हो जाता है।
जानें कैसे करें भाग्य का निर्माण
बतादें कि कई जन्मों के प्रारब्ध से पुरषार्थ का निर्माण होता है कर्ता अपने कर्म को। बदलता है उसी कर्म पुरषार्थ से फल मिलता भाग्य का निर्माण होता है। ज्योतिष ज्ञान या कोई गुरु यह बताता है मनुष्य को किस दिशा में जाना चाहिए, मनीषी यानि की समझदार लोगों ने कहा गुरु मुख अर्थात गुरु का मुख जिधर हो वही दिशा निर्देश करती है, जैसे समुद्र के जहाज में दिशा सूचक यंत्र लगा होता उसको इंगित करता कहा जाना है उसको मंजिल मिल जाती। वहीं समय-समय पर हर हफ्ते ज्योतिष ज्ञान में सेवा रूपी विचार मिलते रहेंगे। यह ज्ञान समुद्र है इसमें गोता लगाने का मजा कुछ और है जो इच्छुक इसका लाभ लेना चाहते खुर्द तथा समाज का विस्तार करना चाहते वह संपर्क करें।