TheVoiceOfHind

ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: कुंडली के चतुर्थ भाव में नौ ग्रहों का फल


पिछले सप्ताह में देखा तृतीय भाव में सभी ग्रहों का फल क्या होगा। वहीं आज का विषय चतुर्थ भाव नौ ग्रहों का क्या फल होगा।


ज्योतिष  ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्योतिष ज्ञान में वृद्धि के लिए आज का विषय है चतुर्थ भाव में नौ ग्रहों का फल क्या होगा।

Read More: वित्त मंत्री ने 2025-26 का पेश किया बजट, मोदी सरकार में सभी वर्गों का होगा विकास

ज्योतिष ज्ञान में जैसा कि पिछले सप्ताह में देखा तृतीय भाव में सभी ग्रहों का फल क्या होगा। वहीं आज का विषय चतुर्थ भाव नौ ग्रहों का क्या फल होगा।

the voice of hind- ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: कुंडली के चतुर्थ भाव में नौ ग्रहों का फल

चतुर्थ भाव में नौ ग्रह का फल

  • चतुर्थ भाव काल पुरुष का सुख का भाव माता का भाव जमीन जायदाद भोग का भाव होता हैं। यहां पर अगर सूर्य बैठा हो तो सूर्य आत्मा का कारक होता है।
  • चतुर्थ में सूर्य अगर उच्च का या स्वग्रही या मित्र के घर में हो तो शासन प्रशासन उच्च पद का नौकरी प्रदान करता है। माता पिता या भूमि वाहन संबंधी सुख भोगता है।
  • चतुर्थ भाव में अगर चंद्रमा स्थित हो तो वह माता से सहयोग मिलेगा। माता से प्रेम करने से राज सुख प्राप्त होगा।
  • चतुर्थ भाव में अगर मंगल हो तो मंगली दोष देता है। चतुर्थ से चतुर्थ अर्थात पत्नी का सुख प्राप्त होता है। अगर मंगल उच्च या मित्र गृही या स्वग्रही हो तो भूमि वाहन संबंधी सुख भोगता है, अगर नीच का हो तो वह माता या पत्नी से विरोध भाव रखता है।
  • चतुर्थ भाव में अगर बुध ग्रह हो तो बुध राज कुमार तेजस्वी होता पर यह दूसरे पर आश्रित रहता हैं। उच्च या स्वग्रही या मित्र गृही हो तो प्रोफेसर एकाउंट गणित का काम कराता हैं संगीत का प्रेमी होता हैं।
  • चतुर्थ भाव में अगर गुरु हो तो यह आत्म ज्ञान से भर देता है पर वह ज्ञान दूसरों पर काम आता है। गुरु जहां बैठता हैं वहां हानि करता है स्थान हानि कारक जीव जहां देखता है वहां अमृत बरसाता है चतुर्थ भाव से गुरु की दृष्टि पांचवीं अष्टम में सर्च करता बारहवें भाव में नवीं दृष्ट धर्म परायण होकर खर्चा करता सामाजिक काम में लगा होता हैं।
  • चतुर्थ भाव में अगर शुक्र ग्रह स्थिति हो तो वह भोग कारक ग्रह है सुख सम्पन्नता बैभव धन धान्य समृद्धि से भर देता हैं। वहीं शुक्र अगर नीच का हो या कम अंश का हो तो सभी सुख में बाधा उत्पन्न करता है जल के बीच प्यासा रहना।
  • चतुर्थ भाव में अगर शनि ग्रह स्थिति हो तो शनि की दृष्टि तीसरी छठे स्थान में दशवी लग्न में होता है होता है। वहां पर अगर उच्च या स्वग्रही मित्र गृही हो तो सर्च करता राज योग देता अगर शत्रु गृही हो तो रोग देता स्वस्थ हानि होती हैं।
  • चतुर्थ स्थान में अगर राहु केतु स्थित हो तो वह क्या करते है यह छाया ग्रह है अगर मित्र गृही या स्वग्रही हो तो राज नेता  या उच्च का व्यापारी बनते है। अगर पापा क्रांति हो तो चोर, स्मगलर, क्रूर काम, हत्या, डकैत से संबंधित काम करते हैं।
the voice of hind- ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: कुंडली के चतुर्थ भाव में नौ ग्रहों का फल

NOTE-
यह जानकारी आप को हर हफ्ते ज्योतिष ज्ञान में मिलती रहेगी जिज्ञासु लोग इस को ग्रहण करें और अपने जीवन में खुशियां लेकर जीवन को क्वालिटी ऑफ लाइफ बनाए आम आदमी न रहकर खास बने उसके लिए अपना सुधार करना होगा निखार लाना होगा आप का सहयोगी भाई इच्छुक लोगों को जो ज्ञान पिपासु है उनका स्वागत है रहस्यमय ज्ञान में जनवरी 2025 से ज्योतिष क्लास चलेगी... नोएडा, कानपुर, लखनऊ में अतिरिक्त जानकारी के लिए 9415126330, 6386254344 पर संपर्क करें। आप का साथी राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेषज्ञ.

the voice of hind- ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: कुंडली के चतुर्थ भाव में नौ ग्रहों का फल

हमारा प्रयास है समाज में जो विद्या लुप्त होती जा रही है, उसको भ्रमित किया जा रहा है अल्प ज्ञानी उसका दुरुपयोग कर रहे है। उन तक ज्ञान का विस्तार पहुंचे, ज्योतिष संबंधी जानकारी जो हर हफ्ते दिया जाता है उसे सीखना चाहते है तो राम नजर मिश्र ज्योतिषाचार्य रत्न रुद्राक्ष विशेज्ञ से संपर्क करें, बाकी ज्योतिष से जुड़ी विशेष जानकारी के लिए भी संपर्क करें।

खास आपके लिए

बड़ी खबरें