ज्योतिष ज्ञान में सीखे ज्योतिष: ज्योतिष से जानें नव गृहों का रोग से संबंध
आज का विषय है पिछले सप्ताह में देखा होगा काल पुरुष के अंगों से राशि का रोग से संबंध होता है, आज देखें नव गृहों का रोग से संबंध
ज्योतिष ज्ञान: राम राम जी जैसा कि आप सभी जानते है कि हम हर हफ्ते के ज्योतिष ज्ञान आप सभी के लिए ज्योतिष से जूड़े विशेष ज्ञान कुछ ना कुछ लाते हैं ठीक हर हफ्ते रविवार की तरह आज ज्ञान में वृद्धि के ज्योतिष ज्ञान में आज का विषय है पिछले सप्ताह में देखा होगा काल पुरुष के अंगों से राशि का रोग से संबंध होता है, आज देखें नव गृहों का रोग से संबंध...
नव गृहों का रोग से संबंध
सूर्य ग्रह और रोग
सूर्य के रोग आंखों की रोशनी कम होना, अंधापन, सिर तथा नेत्र पीड़ा, ज्वर, अतिसार, पित्त, विकार हृदय तथा चिड़चिड़ा पन होना।
चंद्र ग्रह और रोग
चंद्र के रोग चंद्रमा कमजोर होने से निद्रा नहीं आती, नींद से संबंधित रोग, फोड़ा, बदहजमी, अग्निमांद, ठंड लगने वाले रोग, पीलिया, सर्दी जुकाम, शरीर कमजोर होना, शीत ज्वर होना।
मंगल ग्रह और रोग
मंगल के रोग यदि मंगल पाप दृष्टा या पीड़ित हो तो मांस मज़ा, सुखा रोग, पित्त दोष, खुजली, गर्मी देकर आने वाला रोग उत्पन्न होता है।
बुध ग्रह और रोग
बुध के रोग यदि बुध पाप ग्रहों से युक्त हो तो भ्रम, शंका की आदत, तुतलाता, बड़ी अंगों का दोष, तालु, जीभ, चर्म रोग, पेचिश, अतिसार रोग होता है।
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गुरु ग्रह और रोग
गुरु के रोग गुरु अगर पाप युक्त या पाप दृष्टा हो आंत के रोग, दीमाग सुन हो जाना, किसी अंग में सूजन, रक्त संचार की कमी, खून का थक्का जमना, लिवर दोष, पीलिया तथा मधुमेह होता है।
शुक्र ग्रह और रोग
शुक्र के रोग शुक्र यदि पाप युक्त हो तो प्रमेह बहु मूत्र, पेशाब रुकना, प्रदर रोग, गुप्तांग रोग, नपुंसक होना श्वास दमा रोग होता है।
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शनि ग्रह और रोग
शनि के रोग शनि पाप दृष्टा हो तो पीड़ा दायक, पैर दुखना, घुटनों में दर्द, लकवा, नस नाड़ियों का रोग होता है।
राहु ग्रह और रोग
राहु के रोग कुष्ठ रोग, हृदय रोग, स्मरण शक्ति कमजोर होना, भूख प्यास से संबंधित रोग होता है।
केतु ग्रह और रोग
केतु यदि पाप दृष्टा हो तो शरीर में खुजली, चित्त पड़ना, दस्त बंद, हो जाना तांत्रिक पीड़ा होता है।
ज्योतिष में ग्रहों और रोग का जानकारी रोग होने से पूर्व मिल जाती है, जबकि डाक्टर को जानकारी रोग होने के बाद मिलती है। यह जानकारी गुरु कृपा से मिलती है।