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करवा चौथ: सोलह श्रृंगार से बढ़े प्रेम और पति की आयु, जानें हर श्रृंगार का महत्व


कई कुंवारी लड़की जिनकी शादी पक्की हो जाती है और सुहागिन औरतें अपने पति की लम्बी आयु की कामना करती है और अमर सुहाग के लिए व्रत रखती हैं।


करवा चौथ: करवा चौथ का त्यौहार हर सुहागिनों के लिए ही बेहद खास होता हैं, इस कई कुंवारी लड़की जिनकी शादी पक्की हो जाती है और सुहागिन औरतें अपने पति की लम्बी आयु की कामना करती है और अमर सुहाग के लिए व्रत रखती हैं। वहीं आज के समय में कई पति भी अपने पत्नी की लम्बी आयु के व्रत रखते है और दोनों के साथ जीवन जीने की कामना करते हैं।

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करवा चौथ का महत्व

इस दिन सुहागिनें पूरा दिन निर्जल बीना कुछ खाये व्रत रखती हैं, और 16 श्रृंगार करके तैयार होती है चांद की तरह पति के आयु की कामना करती हैं और पूजा कथा करके पति की आरती उतारती हैं और पति का आशीष लेती हैं।

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करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि लाल रंग को सुहाग की निशानी मानी जाती है,  करवा चौथ पर पूजा-अर्चना करने से पहले 16 श्रृंगार करने चाहिए। इस दिन व्रत का पारण चंद्र दर्शन करने के बाद करना चाहिए। करवा चौथ को लेकर कहा जाता है कि चांद निकलने के बाद पूजा और व्रत कथा का पाठ करें, चंद्रमा को अर्घ्य दें और
छलनी से चंद्रमा के दर्शन करें फिर पति का चेहरा देखें। पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत का पारण करें।

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जानते हैं 16 श्रृंगार क्या है और उसका महत्व

सिंदूर, गजरा, बिंदी, मांग टीका, लाल जोड़ा, काजल, नथनी, कान के झुमके, गले का हार और मंगलसूत्र, बाजूबंद, चूड़ियां, अंगूठी, मेहंदी, कमरबंद, पायल, बिछिया…

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1. सिंदूर-  सिंदूर सुहागनों की निशानी मानी जाती है वहीं कुछ जगहों पर लाल रंग के सिंदूर लगाया जाता है तो कुछ जगहों पर नारंगी रंग का सिंदूर लगाने की मान्यता हैं। पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से मांग में जीतना लंबा सिंदूर भरा जाता हैं पति की भी आयु उतनी लंबी होती हैं। इस लिए इसे महिलाएं बीच मांग में विवाह उपरान्त पति की लंबी आयु के लिए भरती हैं।

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2. गजरा-  बालों में लगा गजरा किसी भी महिला की खूबसूरती में चार-चांद लगा देता है, गजरा की खुशबू किसी को भी आकर्षित कर सकती है। पुराने समय में जब महिलाएं सोलह श्रृंगार करती थीं तो बालों में गजरा जरूर लगाती थीं क्योंकि फूल देवी मां लक्ष्मी को बहुत पसंद हैं, देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के फूल चढ़ाए जाते हैं। स्त्री को भी देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है यही वजह है कि उनके बालों में गजरा लगाने का चलन है।

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3. बिंदी-  बिंदी सुहागिनों की निशानी होती हैं, वहीं साइंटिफिक रीजन से देखें तो बिंदी को मानव शरीर के ऊर्जा केंद्र का सम्मान माना जाता है इसके साथ ही बिंदी को 'तीसरी आंख' का प्रतीक माना जाता है वहीं बिंदी को लेकर यह भी कहा जाता है कि आज्ञा चक्र की शक्ति बढ़ाने के लिए लगाया जाता हैं। इसे लगाने से भी आंतरिक संपर्क भी बनता हैं।

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4. मांग टीका-  मांग टीका को सुहागन महिलाओं के लिए इसलिए ज़रूरी है क्योंकि यह सुहाग की निशानी है। मांग टीका को सिर के बीच मांग पर पहला जाता है जिससे आत्मा की शक्ति बढ़ती हैं। इसे हिंदू धर्म में छठा चक्र माना जाता है जो नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है साथ ही पति के लगाए गए सिंदूर की रक्षा करता है इसलिए सोलह श्रृंगार का यह हिस्सा है। वहीं साइंटिफिक द्दष्टि से देखा जाएं को मांग टीका पहनने से सिर दर्द, तनाव, और कई तरह की मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता हैं।

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5. मंगलसूत्र-  मंगलसूत्र सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। मान्यता है कि मंगलसूत्र से सुहाग की रक्षा होती है, इससे वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और भगवान शिव पार्वती का आशीष मिलता हैं। वहीं यह भी माना जाता है कि मंगलसूत्र में 9 मनके होते हैं, जिन्हें माता दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। वहीं सोने और काली मोती का बना मंगलसूत्र सुहागिन महिलाओं को बुरी नज़र से बचाते हैं और शरीर भी शुद्ध होता है जिससे सकारात्मक विचार आते है। पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ने के साथ पति की भी आयु लंबी होती हैं।

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6. काजल-  काजल सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। इससे महिलाओं की आंखों की निखरता के साथ ही बुरी नजर से भी बचाता हैं।

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7. नथ-  नथ को सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। इसलिए इसे सभी सुहागन खास पर्व के अवसर पर धारण करती हैं।

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8. मेहंदी-  मेहंदी सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। मेहंदी लगाने से दुल्हन की खूबसूरती बढ़ती है, मेहंदी न केवल सिर्फ सुहाग की रक्षा करता है बल्कि यह संस्कृति से जुड़ाव की निशानी भी माना जाता है। इसलिए मेहंदी को लेकर यह भी कहा जाता है कि मेहंदी की जितना गहरा रंग चढ़ता है उतना ही पति का प्रेम गहरा होता हैं। इसलिए इसे प्रेम की निशानी भी माना जाता हैं।

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9. कर्णफूल (ईयररिंग्स)-  कर्णफूल (ईयररिंग्स) सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। कर्णफूल को लेकर साइंटिफिक रीजन में यह भी कहा जाता है कि इससे हार्ट की समस्या दूर होती हैं क्योंकि कि एक नस हार्ट से जुड़ी होती हैं।

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10. चूड़ियां-  चूड़ियां सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। विवाह में चूड़ियों को प्रेम, सुरक्षा और भाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस लिए सुहागिन स्त्रियों के लिए चूड़ियां सौभाग्य के आशीष के रूप में पहनती हैं। वहीं भारत देश में विवाहित और अविवाहित दोनों ही स्त्रियां चूड़ियां पहनती हैं, क्योंकि चूड़ियां सौन्दर्य को बढ़ाती है। वहीं सुहागिन महिला कांच की और लाख की चूड़ी पहनती हैं।

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11. बाजूबंद-  बाजूबंद सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। बाजूबंद को लेकर माना जाता है कि इसे पहनने से परिवार की धन-संपत्ति की रक्षा होती हैं। वहीं साइंटिफिक दृष्टि से देखे तो बाजूबंद पहनने से रक्तसंचार बढ़ता है।

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12. अंगूठी-  अंगूठी सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। अंगूठी दंपति के अटूट प्रेम का प्रतीक मानी जाती है , वहीं अंगूठी से सिंदूर लगाकर पति अपनी पत्नी के प्रति अपनी इस प्रतिज्ञा को दिखाता है कि वह उससे हमेशा प्यार करेगा और हमेशा पत्नी का साथ देगा। इसलिए अंगूठी को विश्वास का प्रतीक माना जाता हैं।

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13. पायल-  पायल सुहागिनों की सोलह श्रृंगार में से एक है। पायल पहनने से हडियां मजबूत होती हैं क्योंकि पायल पैर की हड्डियों से कई बार टकराती हैं। वहीं साइंटिफिक दृष्टि से देखे तो पायल पहनने से पैरों में सूजन नहीं होती है। इसलिए महिलाओं को चांदी की पायल पहननी चाहिए।

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14. बिछिया-  बिछिया को सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। वहीं शास्त्रों में माना जाता हैं कि विवाहित स्त्री के बिछिया पहनने से वैवाहिक जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है। इसलिए बिछिया को दूसरी और तीसरी उंगली में पहनना चाहिए।

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15. तगड़ी या कमरबंद-  तगड़ी या कमरबंद को सोलह श्रृंगार का हिस्सा माना जाता है। कमरबंद, तागड़ी, कमर पेटी, करधनी, मेखला और कमर पट्टी के नाम से जानते हैं जो सोने, चांदी या दूसरी धातुओं से बना होता हैं। वहीं साइंटिफिक दृष्टि से देखे तो कमरबंद रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता हैं इसे पहनने से पीरियड्स और प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द से भी ये आराम मिलता है।

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16. लाल रंग का जोड़ा - लाल रंग का जोड़ा सोलह श्रृंगार को पूरा करता हैं। इस लिए विवाह के अवसर पर और किसी खास पर्व पर सुहागिन महिलाएं लाल रंग का जोड़ा पहनती हैं। क्योंकि लाल रंग को शुभ, मंगल, और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, लाल रंग को प्रेम और सहयोग का प्रतीक माना जाता है।

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