केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का फैसला, 5वीं, 8वीं के फेल छात्रों का नहीं होगे प्रमोट
केंद्र सरकार ने 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है बताते चले कि ये नया प्रावधान पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव है।
Education: शिक्षा मंत्रालय ने एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए नए बदलाव किए है। इस बदलाव के हिसाब से 5वीं और 8वीं में पढ़ने वाले छात्रों को अब फेल किया जा सकेगा। बताते चले कि यह नए नियम जल्द ही प्रभावी होगा।
शिक्षा मंत्रालय का अहम फैसला
बताते चले कि शिक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए नए नियमों के हिसाब से अब 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकता है, इसके साथ ही फेल विद्यार्थियों को दो महीनों के अंदर फिर से परीक्षा देने का भी मौका दिया जाएगा। अगर वह इस परीक्षा में भी वे सफल नहीं हो पाते, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 'नो डिटेंशन पॉलिसी' को खत्म कर दिया है बताते चले कि ये नया प्रावधान पहले से लागू व्यवस्था में बदलाव है। जहां 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था।
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नो डिटेंशन पॉलिसी खत्म
बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज, 23 दिसंबर को बड़ा फैसला करते हुए ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है। जिसके तहत अब कक्षा 5वीं और 8वीं की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों पास नहीं किया जाएगा। जैसा कि हम सभी जानते है कि पहले फेल होने वाले छात्रों को पास कर अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। बताते चले यह सुधार शिक्षा मंत्रालय ने पढ़ाई में स्तर सुधारे की दिशा में कदम बढ़ाते हुए किया हैं।
दरअसल, वर्ष 2010-2011 से 5वीं और 8वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को खत्म कर दिया गया था, जिसके कारण विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेज दिया जाता था, भले ही उन्होंने परीक्षा में सफलता प्राप्त न की हो। इस व्यवस्था के चलते स्कूली शिक्षा का स्तर लगातार गिरता गया। जिससे 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम भी खराब आने लगे थे। वहीं 2019 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में संशोधन के बाद कबीर 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही इन दोनों कक्षाओं के लिए ‘नो-डिटेंशन पॉलिसी’ को समाप्त कर दिया था।
कब होगा लागू?
नए बदलाव के साथ राज्य सरकारों को अब यह अधिकार मिलेगा कि वे चाहे तो 5वीं और 8वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा आयोजित करवा सकती हैं, शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। जिसे 'निशुल्क अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार संशोधन नियम 2024' के रूप में पहचाना जाएगा। यह नियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।