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मार्क जुकरबर्ग के दावे पर भड़के अश्विनी वैष्णव, Meta ने मांगी माफी


ष्णव ने कहा - उनका बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है, हालांकि बाद में मेटा कंपनी ने जुकरबर्ग की उक्त टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।


Delhi: मार्क जुकरबर्ग द्वारा 2024 में भारत में सत्ताधारी पार्टी की हार के बारे में दिए गए गलत बयान के लिए मेटा ने माफी मांगी हैं। बता दें कि फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा ने अपने मालिक मार्क जुकरबर्ग के बयान पर भारत से माफी मांगी हैं। बताते चले कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा इस बयान को "गलत सूचना" बताए जाने के बाद मेटा ने सफाई देते हुए कहा - जुकरबर्ग का बयान भारत के लिए सही नहीं था।

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मार्क जुकरबर्ग का दावा

आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- "जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के आम चुनावों में भारत समेत ज्यादातर मौजूदा सरकारों को कोरोना महामारी के बाद हार का सामना करना पड़ा, जो कि तथ्यात्मक रूप से गलत है।" इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग के उस दावे पर कड़ा प्रहार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना महामारी के बाद भारत समेत दुनियाभर की सरकारों से लोगों का भरोसा हिल गया है, इसलिए मौजूदा सरकारों को 2024 में चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। इसके साथ ही वैष्णव ने कहा - उनका बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है, हालांकि बाद में मेटा कंपनी ने जुकरबर्ग की उक्त टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।

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केंद्रीय मंत्री वैष्णव का सख्त वार

बताते चले कि इसी बयान में जुकरबर्ग ने भारत का भी नाम लिया जिसपर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके सात ही वैष्णव ने सोशल मीडिया X पर अपने एक पोस्ट में कहा - दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत ने पिछले साल 2024 के आम चुनाव का संचालन किया। इस चुनाव में 64 करोड़ से अधिक वोटर्स ने हिस्सा लिया, उन्होंने कहा, “भारत के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में अपने विश्वास को फिर से दोहराया।”

वैष्णव ने अपने बयान में आगे कहा- “80 करोड़ लोगों को फ्री भोजन, 2.2 अरब फ्री वैक्सीन और कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर के देशों को मदद देने से लेकर, भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में नेतृत्व करने तक, तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी की निर्णायक जीत सुशासन और जनता के अटूट विश्वास का ही प्रमाण है।”

वहीं भारत की एक पार्लियामेंट्री कमिटी ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वह मेटा के अधिकारियों को समन करेगी। हालांकि, समन से पहले ही मेटा ने माफी मांग ली है।

मेटा का आया जवाब

मेटा के पब्लिक पॉलिसी के वाइस प्रेसिडेंट, शिवनाथ ठुकराल ने अश्विनी वैष्णव के पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा- “आदरणीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जी, मार्क जुकरबर्ग का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई देशों में सत्ताधारी पार्टियां फिर से नहीं चुनी गईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के लिए नहीं। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी मांगते हैं। भारत मेटा के लिए बेहद महत्वपूर्ण देश है और हम इसके इनोवेशन से भरे भविष्य का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हैं।

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निशिकांत दुबे ने मेटा को भेजेंगे समन

वहीं जुकरबर्ग के बयान के बाद भड़के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एक एक्स पोस्ट में लिखा - वह मेटा को समन भेजेंगे और इस प्लेटफॉर्म को भारत की संसद से माफी मांगने के लिए बुलाएंगे। इसके आगे दुबे ने लिखा - “मेरी समिति मेटा को इस गलत जानकारी के लिए तलब करेगी।” उन्होंने कहा था, “किसी भी लोकतांत्रिक देश में गलत जानकारी देश की छवि को धूमिल करती है। उस संगठन को भारतीय संसद और यहां के लोगों से इस गलती के लिए माफी मांगनी होगी।” बताते चले जुकरबर्ग की यह टिप्पणी जो रोगन एक्सपीरियंस पॉडकास्ट के एक एपिसोड के दौरान आई थी।

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