MP में बनेगा देश का पहला सोलर पावर स्टोरेज प्लांट हब, जानें इसका मकसद
यह सोलर पावर स्टोरेट प्लांट का अनोखा प्रोजेक्ट म.प्र. के "मुरैना-1" में लगने वाला है जो बिजली स्टोर करेगा
Solar Power Storage Plant: मध्यप्रदेश में जल्द ही देश का पहला सोलर पावर स्टोरेट प्लांट लगने की तैयारी हो रही हैं। यह सोलर पावर स्टोरेट प्लांट का अनोखा प्रोजेक्ट म.प्र. के "मुरैना-1" में लगने वाला है जो बिजली स्टोर करेगा जिससे की रात में भी सप्लाई देने की क्षमता रहेगी। वहीं उम्मीद जताई जा रही हैं कि साल 2027 में यह प्लांट पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा।
पहले सोलर पावर प्लांट की तैयारी
मध्यप्रदेश के "मुरैना-1" पर लगने वाला देश का पहला सोलर पावर स्टोरेट प्लांट का काम अगले साल से शुरू होने की उम्मीद है जो 2027 तक एक्टीव हो जाएगा। मिली जानकारी की मानें तो यह सोलर प्लांट करीब 3,000 हेक्टेयर ज़मीन पर बनेगा, जिसकी क्षमता 600 मेगावॉट होगी और इसकी लागत करीब 3500 करोड़ रुपये होगी। आपको बता दें कि यह पहला सोलर पावर प्लांट होगा जहां इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर करके रात में भी पावर सप्लाई की जा सकेगी।
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सोलर प्लांट लगवाने का मकसद
मध्यप्रदेश के "मुरैना-1" पर लगने वाला देश का पहला सोलर पावर स्टोरेट प्लांट लगवाने का मकसद कुछ और ही हैं। आमतौर पर आप सभी ने देखा होगा कि सोलर प्लांट की बिजली का उपयोग आमतौर पर लोगों को दिन में सप्लाई की जाती हैं, मगर मुरैना का यह प्लांट बिजली को दिन में स्टोर करेगा और रात में बिजली उपलब्ध करवाएगा।
इससे एमपी और यूपी राज्य के किसान रबी की फसल के दौरान रात के समय सस्ती बिजली प्राप्त कर सकेंगे। सरकार को इस प्लांट से 4-5 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी, जो मौजूदा दरों की तुलना में सस्ती है। इस प्लांट को बनाने के बाद कोशिश यह रहेगी कि एमपी और यूपी यहां से 6-6 महीने की अवधि में बिजली खरीद सकेंगे, माना जा रहा है कि यह अनूठी पहल न केवल राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि किसानों की जरूरतों को भी ध्यान में रखते हुए ऊर्जा सुरक्षा में एक बड़ा योगदान देगी। जिससे खासतौर पर रबी फसलों के दौरान रात को जब बिजली किसानों को देनी होती है तब इसका फायदा ज्यादा होगा।
रीवा में है सबसे बड़ा सोलर प्लांट
आपको बता दें कि मुरैना-1 प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सरकार मुरैना-2 प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने की योजना बना रही है, मुरैना-2 प्रोजेक्ट 2000 मेगवॉट की क्षमता का होगा। दिलचस्प बात यह है कि मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा उत्पादन के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है। एमपी के रीवा में दुनिया का सबसे बड़ा रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट है जो 750 मेगावॉट बिजली उत्पादन करता है। इस प्लांट से 76 फीसदी बिजली एमपी की पावर जनरेशन कंपनियों को तो वहीं 24 फीसदी बिजली दिल्ली मेट्रो को दी जाती है।
वर्तमान में राज्य सरकार रबी फसलों के लिए जो बिजली लेती है वो कई बार महंगी दरों पर खरीदी जाती है लेकिन इस प्लांट से सरकार को बिजली 4-5 रूपये प्रति यूनिट की दर पर मिल सकेगी, मध्य प्रदेश सौर ऊर्जा उत्पादन के अग्रणी राज्यों में गिना जाता है।
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